- राउरकेला में खेलना अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए अच्छा शुरुआती कदम होगा : भूमिक्षा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : 18 बरस की उदीयमान हॉकी स्ट्राइकर भूमिक्षा साहू ने 18 गोल कर मध्यप्रदेश को राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में खेल करं 13 वीं जूनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप, 2023 में स्वर्ण पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई। भूमिक्षा ने मध्यप्रदेश के लिए नौ मैदानी गोल किए और इतने ही गोल पेनल्टी कॉर्नर पर दागे। भूमिक्षा फिलहाल भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम के नवनियुक्त कोच तुषार खांडकर के मार्गदर्शन में इस साल के आखिर में सांतियागो (चिली) में होने वाले एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप के लिए बेंगलुरू में 39 जूनियर कोर ग्रुप के संभावितों के जूनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी शिविर में अपने हॉकी कौशल को निखारने में जुटी हैं। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने हाल ही में हरियाणा की ाप्रीति की अगुआई में काकामिगहारा(जापान) में दक्षिण कोरिया को जूनियर महिला एशिया कप के फाइनल में 2-1 से हरा खिताब जीत कर सीधे 2023 के जूनियर एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई किया था। भूमिका जूनियर महिला एशिया कप से पहले भी संभावितों के शिविर में थी और अभी भी शिविर में हैं। भूमिक्षा ने मध्यप्रदेश के लिए जोनियर राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप में नौ मैदानी गोल किए और इतने ही गोल पेनल्टी कॉर्नर पर दागे। भूमिक्षा ने हॉकी के गुर मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी में सीखे। मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी में सीखे। मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी में अपना हॉकी कौशल निखार कर भारत के लिए 2016 में रियो और 2021 में टोक्यो ओलंपिक में शिरकत करने वाली सुशीला चानू, मोनिका और रीना खोखर भारतीय महिला हॉकी के लिए खेल चुकी है। भूमिक्षा साहू ने भी मध्यप्रदेश हाकी अकादमी की इन्हीं पूर्व धुरंधरों के नक्शेकदम पर चल कर भारत की जूनियर महिला हॉकी खेलने की उम्मीद जगाई है।
भूमिक्षा बताती हैं, ‘मैं अपनी मध्यप्रदेश की टीम के लिए जूनियर राष्ट्रीय महिला हा़ॅकी चैंपियनशिप 2023 में इसीलिए18 गोल इसलिए कर पाई क्योंकि हमारी टीम ने बहुत मेहनत की और मेरे लिए गोल करने के लिए मौके बनाए। हमारी टीम को राउरकेला के बिरसामुंडा स्टेडियम में खेलना बहुत रास आया। मेरा मानना है कि राउरकेला में जूनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप में खेलना मेरे लिए अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए अच्छी शुरुआती कदम साबित होगा । इससे में अंतर्राष्ट्रीय टीमों के खिलाफ भी आत्मविश्वास से खेल पाउंगी। मैं जूनियर राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप के दौरान जब राउरकेला के बिरसामुंडा हॉकी स्टेडियम जैसे सुंदर स्टेडियम में पहली बार खेलने उतरी तो अभिभूत हो गईं। मैं तो यह कल्पना ही नहीं कर सकती जब पुरुष हॉकी विश्व कप के दौरान यह स्टेडियम हॉकी प्रेमियों से खचाखच भरा रहा होगा तो क्या मंजर रहा होगा?’