“आप” सरकार का बड़ा फैसला- दिल्ली में दिव्यांगों के लिए बनेंगी विशेष अदालतें, सीएम आतिशी ने दी मंजूरी

Big decision of "AAP" government - Special courts will be built for the disabled in Delhi, CM Atishi approved

मनीष कुमार त्यागी

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : दिव्यांगों के लिए समय पर और सुगम न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस दिशा में दिल्ली सरकार दिव्यांगों के लिए विशेष अदालतें स्थापित करेगी। सीएम आतिशी द्वारा इसे मंजूरी मिल चुकी है।

इस बाबत साझा करते हुए सीएम आतिशी ने कहा कि, दिल्ली सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में ये ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार ने न्यायिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर कदम बढ़ाते हुए दिव्यांगों के हित में स्पेशल कोर्ट की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से दिव्यांगों को न्याय तक पहुंचने में आने वाली समस्याओं को कम किया जाएगा और उन्हें जल्द व सुगम न्याय प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री आतिशी ने इस पहल को दिल्ली के न्यायिक सुधारों में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “दिव्यांग लोग समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, और उनके अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। ऐसे में स्पेशल कोर्ट की स्थापना से उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में आने वाली किसी भी दिक्कतों से राहत मिलेगी और उनका विश्वास न्याय प्रणाली की ओर और भी ज़्यादा मजबूत होगा।”

बता दे कि, स्पेशल कोर्ट के गठन से दिव्यांगों के लिए केस निपटाने की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे अनावश्यक देरी और जटिलताओं से बचा जा सकेगा। कोर्ट को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाएगा कि यह दिव्यांग व्यक्तियों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यायिक कार्यवाही संचालित कर सके।

सीएम आतिशी ने कहा कि, “स्पेशल कोर्ट के ज़रिये हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी दिव्यांग व्यक्ति न्याय पाने से वंचित न रहे। उनके लिए न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाना हमारी प्राथमिकता है।”

मुख्यमंत्री आतिशी ने इस निर्णय को न्यायिक सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उनका कहना है कि यह स्पेशल कोर्ट न केवल दिव्यांगों के हितों की रक्षा करेगा, बल्कि समाज में उनके लिए समानता और न्याय के नए रास्ते खोलेगा। उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार दिव्यांगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और यह स्पेशल कोर्ट उस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।”