बिहार के नितिन नबीन बने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष,संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण की दिशा में बड़ा कदम

Bihar's Nitin Nabin becomes National Executive President, a major step towards organizational strengthening

नीति गोपेन्द्र भट्ट

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कांग्रेस की महारैली और संसद के शीतकालीन सत्र के बीच भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा धमाका करते हुए अपना राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत कर दिया। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने मिजाज के अनुरूप इस पद के लिए पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं के नामों की पिछले कई वर्षों से चल रही चर्चा को दरकिनार करते हुए एक कम पहचान वाले युवा नेता और बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री नितिन नबीन को अपना राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया है। नितिन नबीन भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी का स्थान लेंगे। जेपी नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष 20 जनवरी 2020 को नियुक्त किया गया था। पार्टी के संविधान के हिसाब से राष्ट्रीय अध्यक्ष का आमतौर पर तीन वर्ष का कार्यकाल होता है।
इस हिसाब से उनका मूल कार्यकाल 20 जनवरी 2023 को समाप्त होना था लेकिन जनवरी 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी की बैठक में अनुशंसा पर नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनाव और आगे की पार्टी रणनीति की निरंतरता के लिए बढ़ाया दिया गया। इस बैठक में जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था। इसका उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनावों तक पार्टी की कमान उनके नेतृत्व में रखना था।
हालांकि उस तय अवधि जून 2024 के बाद भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुना जा सका। इसलिए नड्डा अपने पद पर बने रहे जब तक कि उनके नए उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई।

नड्डा के पद पर जारी रहने का एक बड़ा कारण
भाजपा के संगठनात्मक कारणों और कई राज्यों में संगठन चुनावों की प्रक्रिया के पूरा नहीं होना भी रहा। जिसके चलते नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में विलंब हुआ। इसी वजह से जेपी नड्डा को पद पर बने रहने के लिए कहा गया तथा उन्हें निरन्तर पद विस्तार मिला, ताकि पार्टी संगठनात्मक नेतृत्व में निरंतरता बनाए रखे।
इस विलंब के चलते नड्डा का कार्यकाल निर्धारित समाप्ति (जनवरी 2023) के बाद भी लगातार कार्य विस्तार पाता रहा और वे जून 2024 के बाद से अब तक लगातार अध्यक्ष पद पर बने रहे। अब रविवार को नितिन नबीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया गया है। भारतीय राजनीति में संगठनात्मक नियुक्तियाँ केवल पद परिवर्तन नहीं होतीं, बल्कि वे आने वाले समय की रणनीति, प्राथमिकताओं और राजनीतिक दिशा का संकेत भी देती हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 45 वर्षीय ल युवा नेता नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर ऐसा ही एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। यह निर्णय पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को और अधिक सक्रिय, संतुलित तथा जमीनी स्तर से जोड़ने की मंशा को दर्शाता है। नितिन नबीन का राजनीतिक सफर अपेक्षाकृत सादगीपूर्ण किंतु प्रभावशाली रहा है। वे छात्र राजनीति से निकलकर संगठन और सरकार दोनों ही स्तरों पर सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। बिहार की राजनीति में उनकी पहचान एक अनुशासित, कर्मठ और संगठन के प्रति समर्पित नेता के रूप में रही है। विधायक और मंत्री के रूप में उन्होंने प्रशासनिक अनुभव अर्जित किया, वहीं संगठन में रहते हुए कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद बनाए रखा। यही संतुलन संगठन और शासन उन्हें इस महत्वपूर्ण दायित्व के लिए उपयुक्त बनाता है।

राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पद भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में अत्यंत अहम माना जाता है। इस भूमिका में रहते हुए नितिन नबीन को राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मिलकर पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों और अभियानों को धरातल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभानी होगी। राज्यों में संगठनात्मक समन्वय, कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना, चुनावी रणनीति में सहयोग और विभिन्न मोर्चों युवा, महिला, किसान, अनुसूचित वर्ग के साथ तालमेल स्थापित करना इस पद की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल है। नितिन नबीन की नियुक्ति को क्षेत्रीय संतुलन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बिहार और पूर्वी भारत की राजनीति में भाजपा के विस्तार और सुदृढ़ीकरण में उनकी भूमिका पहले से ही प्रभावी रही है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर उनकी जिम्मेदारी पार्टी को उत्तर भारत के साथ-साथ पूर्वी और मध्य भारत में भी संगठनात्मक मजबूती देने में सहायक सिद्ध हो सकती है। यह नियुक्ति यह भी दर्शाती है कि पार्टी नेतृत्व क्षेत्रीय अनुभव और जमीनी समझ को शीर्ष स्तर पर स्थान देने के पक्ष में है।

भाजपा के पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नितिन नबीन की छवि एक सुलभ नेता की रही है। वे कार्यकर्ताओं की बात सुनने, उनकी समस्याओं को समझने और समाधान के लिए संगठनात्मक स्तर पर पहल करने के लिए जाने जाते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनसे यह अपेक्षा की जा रही है कि वे कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ है के सिद्धांत को और अधिक सशक्त करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रमों, संगठनात्मक बैठकों और डिजिटल माध्यमों के जरिए वे कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा और दिशा दे सकते हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति आगामी चुनावी चुनौतियों के मद्देनज़र भी अहम है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच का यह समय संगठन को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए निर्णायक होता है। नितिन नबीन का अनुभव चुनावी प्रबंधन, जनसंपर्क और संगठन विस्तार में पार्टी के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है। वे केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सकते हैं, जिससे नीतियों और अभियानों का प्रभाव व्यापक स्तर पर दिखाई दे। कुल मिलाकर, नितिन नबीन का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनना भाजपा के लिए एक रणनीतिक और संगठनात्मक रूप से सशक्त निर्णय माना जा सकता है। यह न केवल नेतृत्व में नई ऊर्जा का संचार करेगा, बल्कि यह संदेश भी देने वाला है कि पार्टी अनुभव, निष्ठा और जमीनी जुड़ाव को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। आने वाले समय में नितिन नबीन से अपेक्षा की जाएगी कि वे संगठन को और अधिक गतिशील बनाएं, कार्यकर्ताओं को जोड़ें और पार्टी की वैचारिक तथा राजनीतिक यात्रा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।

देखना है भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का यह फैसला कितना प्रभावी,उपयोगी और सार्थक साबित होगा।