बीजेपी विधायकों बोले सीएम बेलगाम अफसरों के खिलाफ सबूत मांगने की बजाये कार्रवाई करे

BJP MLAs told CM to take action against unruly officers instead of asking for evidence

संजय सक्सेना

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से बीजेपी को मिली करारी हार की लगातार समीक्षा कर रहे हैं,जिससे तीन ही बातें निकल कर सामने आ रही हैं। एक तो बेलगाम अफसर शाही ने बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया बाकि जो बचा था वह प्रत्याशियांे के चयन में चूक और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से और खराब हो गया। लखनऊ मंडल के विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की तो गत लोकसभा चुनाव में कम सीटें मिलने की यही तीन मुख्य वजह बताई गईं। मुख्यमंत्री ने विधायकों की बात सुनी और भरोसा दिलाया कि पार्टी नेतृत्व उनके साथ है, सब कुछ भुलाकर अब आगे की तैयारी करें। जहां पर पार्टी को कम वोट मिले है, वहां पर संगठन को मजबूत करें। सरकार की योजनाओं का प्रसार करें। पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान मिलेगा। किसी अफसर से शिकायत है तो सुबूत के साथ मुझे बताएं कार्रवाई की जाएगी। मगर योगी की सुबूत मांगने वाली बात तमाम जनप्रतिनिधीयों को समझ में नहीं आ रही है। वह पूछ रहे हैं कि हम जनता के लिये काम करें या फिर सुबूत जुटायें। मुख्यमंत्री को हम पर इतना विश्वास होना चाहिये कि जब हम किसी अधिकारी की शिकायत करें तो उसके खिलाफ हमसे सुबूत मांगने की बजाये ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

गौरतलब हो, गत लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से मुख्यमंत्री लगातार अलग-अलग मंडलों के विधायकों से मुलाकात कर जमीनी हकीकत जानने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में योगी लखनऊ के अलावा सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, रायबरेली और उन्नाव के विधायकों से मुलाकात कर रहे थे,जिसमें लखनऊ से उत्तर क्षेत्र के विधायक नीरज बोरा, बख्शी का तालाब के विधायक योगेश शुक्ल, मोहनलालगंज से विधायक अमरेश पाल,मलिहाबाद के विधायक जय देवी, पूर्व क्षेत्र के विधायक ओपी श्रीवास्तव के अलावा विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह और मुकेश शर्मा मौजूद थे। मलिहाबाद विधायक जय देवी ने बैठक के दौरान ही मुख्यमंत्री को पत्र देकर पुलिस के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई । पत्र में लिखा कि पुलिस कार्यकर्ताओं की नहीं सुनती। प्रशासन के आश्वासन पर मलिहाबाद इंस्पेक्टर के खिलाफ प्रदर्शन रोक दिया, लेकिन 12 दिन हो गए अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस आयुक्त फोन ही नहीं उठाते हैं। ऐसे में लोग पार्टी से कैसे जुड़े रहेंगे।