डॉक्टर रेप-हत्याकांड में ममता को अपदस्थ कर पाएगी बीजेपी

BJP will be able to oust Mamata in doctor rape-murder case

इरा झा

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पी.जी. प्रशिक्षु डॉक्टर से निर्भया की
तर्ज पर किए गए जघन्य बलात्कार और उसकी हत्या की लपटों में क्या बीजेपी
ने ममता बनर्जी की सरकार को होम करने का मंसूबा बांध लिया है? राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू द्वारा कोलकाता बलात्कार कांड पर चिंता जताते हुए बयान
दिए जाने के कारण राजनीतिक गलियारों में ममता को अपदस्थ करने की केंद्र
सरकार की मंशा के कयास लगने शुरू हो गए हैं। इसमें कोई शक नहीं कि नौ
अगस्त को सरकारी अस्पताल में ऑन ड्यूटी जूनियर डॉक्टर से हुए इस वीभत्स
बलात्कार एवं हत्या कांड ने सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश
को निर्भया कांड की तरह झकझोर कर रख दिया है। इसके विरोध में जहां
डाक्टरों की समूची बिरादरी ने आॅन ड्यूटी डॉक्टरों की सुरक्षा के सवाल
पर पूरे देश में 12 दिन लंबा आंदोलन चलाया वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस
पर स्वतः संज्ञान लेकर पष्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की कड़ी
आलोचना की है।
उधर हालिया लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में महज 12 सीट पर सिमट चुकी
बीजेपी ने तो कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल में हंगामा बरपा कर रखा है।

पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी इस जघन्य बलात्कार एवं
हत्याकांड को राज्य में ममता और उनकी तृणमूल कांग्रेस को हाशिये पर
सरकाने का बड़ा मौका मानकर अपनी राजनैतिक जमीन बढ़ाने के जुगाड़ में लगी हुई
है। बीजेपी पर यह आरोप इसलिए लग रहा है क्योंकि कोलकाता रेप कांड के
आसपास ही उसके द्वारा षासित असम, बिहार, उत्तराखंड एवं महाराश्ट्र में
बलात्कार, बलात्कार एवं हत्या तथा बच्चियों के यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य
कांड हुए हैं मगर वहां बीजेपी सुरक्षात्मक तेवर अपनाए हुए है।
बीजेपी द्वारा राज्यव्यापी बंद से लेकर राज्य सचिवालय नबन्ना तक विरोध
मार्च निकालने सहित विरोध का हरेक लोकतांत्रिक तरीका अपनाया जा रहा है।

नबन्ना मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए ममता
सरकार लाठीचार्ज भी करवा चुकी है। साथ ही बीजेपी के राज्यव्यापी बंद को
विफल करने के लिए ममता अपनी छात्र इकाई को आमने-सामने विरोध का आह्वान भी
कर चुकी हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में
हफ्ते भर में ही बलात्कारियों को फांसी देने जैसा अत्यंत कड़ा कानून पारित
करवा देने का ऐलान भी कर दिया है। उन्होंने राज्यपाल से उक्त कानून को
जल्द से जल्द केंद्र सरकार से मंजूरी दिलाने का आह्वान भी किया है। इसके
अलावा ममता खुद भी सीबीआई द्वारा डॉक्टर के बलात्कार एवं हत्या कांड की
त्वरित जांच की मांग करते हुए तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोलकाता में
विरोध मार्च निकाल चुकी हैं। इसकी सीबीआई द्वारा जांच करवाने का आदेश
कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ऑन ड्यूटी डॉक्टरों की सुरक्षा के उपाय सुझाने के लिए
10 सदस्यीय समिति बनाने का आदेश दिया है। साथ ही राज्य सरकारों से अपील
की है कि आंदोलनरत डाॅक्टरों पर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
सर्वोच्च अदालत ने आरजी कर अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को
वहां से हटाने के चंद घंटों में ही दूसरे मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में
नियुक्त कर देने पर एतराज किया क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही राज्य
की स्वास्थ्य मंत्री एवं गृह मंत्री भी हैं। जघन्य हमले की शिकार हुई
डॉक्टर की मां के अनुसार संदीप घोष ने शुरू में उनकी बेटी द्वारा
आत्महत्या कर लेने की इत्तिला दिलाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में
पश्चिम बंगाल में कानून का राज खत्म हो जाने जैसी सख्त टिप्पणी भी की।

सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि जहां यह जघन्य अपराध हुआ वहां
पर स्थानीय पुलिस द्वारा सबूत मिटाए गए हैं। मुख्य न्यायाधीष धनंजय वाई
चंद्रचूड़ ने पष्चिम बंगाल सरकार के वकील से पूछा कि बलात्कार एवं हत्या
कांड की सूचना अस्पताल द्वारा पुलिस को 10 अगस्त की सुबह 10.10 बजे देने
का जिक्र है जबकि इसकी इत्तिला पुलिस डायरी में सवेरे 05.20 बजे दर्ज है।
इसके बावजूद अपराध स्थल को 10 अगस्त की रात में जाकर क्यों घेरा गया?
अदालत का यह भी सवाल था कि वारदात की प्राथमिकी दर्ज किए बगैर
पोस्टमार्टम कैसे किया गया?

वारदात की जांच में कोलकाता पुलिस द्वारा शुरुआती जांच में लापरवाही
बरतने की थाह पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस डायरी में घटना की
सूचना दर्ज करने वाले अधिकारी को भी अगली तारीख पर तलब किया है। सुप्रीम
कोर्ट की खंडपीठ में शामिल जस्टिस जे.बी पारदीवाला का कहना था कि पश्चिम
बंगाल सरकार द्वारा इस मामले की जांच में जैसी प्रक्रिया अपनाई गई है
वैसी तो उन्होंने अपने 30 साल लंबे अनुभव में कभी नहीं देखी।

उधर ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बलात्कार
जैसे घृणित अपराध को रोकने के लिए अत्यंत सख्त केंद्रीय कानून बनाने की
मांग की है। उनके अनुसार देश में रोजाना 90 से अधिक बलात्कार दर्ज हो रहे
हैं इसलिए इनके निवारण के लिए सख्त कानून आवष्यक है। उन्होंने बलात्कार
के मामलों में 15 दिन के भीतर सजा सुनाए जाने तथा अपराधियों को अत्यंत
कड़ी सजा दिलाने का प्रावधान करने को भी कहा है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर पोस्टग्रेजुएट
ट्रेनी डॉक्टर 9 अगस्त को मृत पाई गई थी ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और
हत्या के आरोप में कोलकाता पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार
किया है आरोपी की पहचान संजय रॉय के रूप में हुई हैण् कोलकाता की एक
अदालत ने इसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
में मर्डर से पहले रेप की पुष्टि हुई है रिपोर्ट में सुबह 3रू00 बजे से
6रू00 बजे के बीच हत्या से पहले यौन उत्पीड़न के संकेत मिलें चार पन्नों
की रिपोर्ट के अनुसारए महिला के गुप्तांग से खून बह रहा था और शरीर के
अन्य हिस्सों में चोट के निशान थे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है
उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था चेहरे और नाखून पर चोट के
निशान थे पीड़िता के पेट बाएं पैर गर्दन दाएं हाथ अनामिका और होंठों पर
भी चोट के निशान थे पीड़िता की मां ने कहा है कि जब बेटी को देखा तो
अर्धनग्न थीण् उसके शरीर पर चोट के निशान थेए उसका चश्मा टूटा हुआ थाण्

चेस्ट मेडिसिन विभाग में रात की ड्यूटी पर ट्रेनी डॉक्टर ने रात 11
बजे अपने माता.पिता से बात की थी और लगभग 2 बजे खाना खाया था और पढ़ाई और
आराम करने के लिए सेमिनार हॉल में गई थी जांच अधिकारियों ने आरोपी सिविक
वालंटियर को ब्लूटूथ हेडफोन के जरिए पकड़ा कनेक्ट हुआ ब्लूटूथ हेडफोन
सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि सिविक
स्वयंसेवक शुक्रवार को 30.35 मिनट के लिए आरजी कर अस्पताल परिसर में
दाखिल हुआ था

इसके बाद वह अस्पताल परिसर से बाहर शराब पीने के लिए चला गया था शनिवार
सुबह 3 बजे के बाद सिविल अस्पताल परिसर में लौटा उस पर बीएनएस की धारा 64
;बलात्कार और 103 ;हत्या के तहत आरोप लगे हैं जेल सूत्रों की मानें तो
आरोपी संजय रॉय ने अब जांच एजेंसी यानी सीबीआई के सामने अपने बयान ने
यूटर्न लिया है पहले जहां संजय रॉय ने कहा था कि मैंने ये अपराध किया है
मुझे फांसी दे दो वहीं अब वो कहने लगा है कि जो टेस्ट करना है कर लोए
मैंने कुछ नहीं किया हैण् मुझे फंसाया गया हैण् सीबीआई पूर्व प्रिंसिपिल
संदीप घोष का भी पॉलीग्राफ टेस्ट करा रही हैण्

कुल मिलाकर इस जघन्य कांड में अकेला अस्पताल प्रषासन ही नहीं कोलकाता
पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बीजेपी द्वारा ममता सरकार के
खिलाफ रोजाना नए-नए आरोप मढ़ते हुए विरोध के तमाम तरीके अख्तियार किए जा
रहे हैं। सीबीआई द्वारा जांच किए जाने के बावजूद बीजेपी राज्य सरकार को
चैन से काम करने देने के मूड में नहीं लग रही। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
से लेकर राष्ट्रपति तक इस कांड के बारे में जैसे बयान दिए गए हैं उनसे
ममता सरकार को खतरे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ममता बनर्जी
एवं उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी द्वारा हालांकि राज्य स्तर पर बीजेपी के
विरोध का अपने तईं भरपूर मुकाबला किया जा रहा है मगर बीजेपी इसमें सिंगुर
बलात्कार कांड जैसा राजनीतिक अवसर ढूंढ रही है। सिंगुर में साल 2008 में
वाम मोर्चा सरकार द्वारा नंदीग्राम-सिंगुर भूमि अधिग्रहण मुहिम के खिलाफ
तृणमूल कांग्रेस के आंदोलन को दबाने के क्रम में पार्टी पदाधिकारी के घर
की महिला के बलात्कार से व्यापक असंतोष फैला था। उस बलात्कार कांड से
उपजे असंतोष को भी वाममोर्चा सरकार की विदाई और ममता बनर्जी की ताजपोशी
में प्रमुख कारक माना जाता है। देखना यह है कि जूनियर डॉक्टर के जघन्य
बलात्कार एवं हत्या से उपजे असंतोष को बीजेपी 2026 में होने वाले
विधानसभा चुनाव तक हवा देने में कामयाब रहेगी अथवा मौके का फायदा उठाकर
गृहमंत्री अमित शाह ममता सरकार को अपदस्थ करने की रणनीति अपनाएंगे?