गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी देश के दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर चिंतित है लेकिन बताया जा रहा है भाजपा फिलहाल इन दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को नही बदलेगी। हालांकि हार के कारणों का विश्लेषण और समीक्षा अवश्य कराई जाएगी।
विश्वस्त राजनीतिक सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में राजस्थान भाजपा के लचर प्रदर्शन के बाद नई दिल्ली पहुंचे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और भजन लाल शर्मा को भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा संकेत दिए गए है कि फिलहाल उन्हें नहीं बदला जाएगा इसलिए वे निश्चिंत होकर राजकाज करें। हालांकि शीघ्र ही दोनों प्रदेशों में भाजपा की हार के कारणों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी और आवश्यकता अनुसार सत्ता एवं संगठन में बदलाव भी किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन इस बार संतोषप्रद नही रहा। इसी प्रकार राजस्थान में भी इस बार पिछले दो आम चुनावों की तरह प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटें जीत हैट्रिक नही बना पाने के कारण राजनीतिक क्षेत्र में मुख्यमंत्री शर्मा को लेकर अटकलों का बाजार काफी गर्म हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री शर्मा राजनीतिक और प्रशासनिक कामकाज में लगातार सक्रिय बने हुए है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा गुरुवार शाम से नई दिल्ली में थे और शनिवार को जयपुर के लिए प्रस्थान करने से पहले उन्होंने शुक्रवार को पुराने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के लिए आयोजित बैठक में भाग लिया। साथ ही केंद्रीय नेताओं और सांसदों से भेट की। पीएम मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने वाली बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राजस्थान से केंद्र में निवर्तमान मंत्री और सभी सांसद भी मौजूद थे।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शर्मा राजस्थान में विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के पांच महीनों बाद ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार पर सभी संसदीय क्षेत्रों से जुड़ी अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट लेकर भी आए थे लेकिन शीर्ष नेताओं के सियासी घटनाक्रमों में व्यस्त होने के कारण फिलहाल उस पर चर्चा नही हो पाई।
मुख्यमंत्री शर्मा ने शुक्रवार को सायं राजस्थान से नव निर्वाचित भाजपा के सभी 14 लोकसभा सांसदों और राज्य सभा के सांसदों के सम्मान में बीकानेर हाउस में रात्रि भोज भी दिया । उन्होंने सांसदों को उनकी जीत पर बधाई और शुभ कामनाएं दी तथा संसद में एकजुट होकर राजस्थान के हित से जुड़े मामलों को उठाने तथा केन्द्र सरकार से प्रदेश की समस्याओं के समाधान कराने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने नई दिल्ली के जोधपुर हाउस में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी और अन्य नेताओं से राजनीतिक विषयों पर भी विचार विमर्श किया हैं ।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शर्मा महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और प्रदेश के शेखावाटी अंचल में यमुना का पानी पहुंचाने की योजना को जमीन पर उतारने के लिए गंभीर है और उन्होंने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्र एवं राज्य के अधिकारियों से एक बार फिर से चर्चा कर इन योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में गर्मियों में होने वाली पेयजल की समस्या का जायजा लेने पिछले दिनों मुख्यमंत्री शर्मा सिर पर गमछा बांध कर भीषण गर्मी में जयपुर की सड़कों पर निकल पड़े थे।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक और मुख्यमंत्री बने है। इसके पहले वे भाजपा के प्रदेश संगठन में सक्रिय थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने के कारण उन्हें काम करने का बहुत अधिक समय नहीं मिला और इस बार देश की हिंदी पट्टी में किसानों ,जाटों, अल्प संख्यकों आदि की नाराजगी की वजह से भाजपा को काफी खामियाजा भुगतना पड़ा है। राजस्थान में पांच विधायकों के सांसद बन जाने के कारण आने वाले छह महीनों में उप चुनाव होने है। साथ ही प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव भी होने है।ऐसे में मुख्यमंत्री शर्मा के सामने आने वाले समय में और अधिक चुनौतियों खड़ी हुई है जिन पर उन्हें हर सूरत में खरा उतरना ही पड़ेगा तभी उनका राजनीतिक भविष्य सुरक्षित रह पाएगा।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजस्थान में राजनीतिक उठापठक के कारण प्रायः केन्द्र और राज्य में अलग अलग विचार धाराओं की सरकारें रही है और जब कभी भी एक समान विचार धारा की सरकारें रही है कोई न कोई ऐसा कारण बन जाता है कि राजस्थान को अपनी वाजिब मांगों और हकों से वंचित रहना पड़ता हैं।