जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन की जीत उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री बनना तय
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी से उलट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा में अपनी विजय की तिकड़ी बना ऐतिहासिक हैट्रिक का रिकार्ड बना दिया है। वहीं एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी के अनुरुप जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन ने चुनाव जीत बहुमत हासिल कर लिया है और नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला का एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनना तय लग रहा हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा विधानसभा में भाजपा की लगातार तीसरी जीत के लिए प्रदेश की जनता का आभार व्यक किया है। नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय पर जोरदार ढंग से जीत का जश्न मनाया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उत्साहित पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
उत्तर भारत के इन दोनों प्रदेशों हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90-90 विधान सभा सीटों के हुए चुनावों की मंगलवार को सुबह शुरू हुई मतगणना के बाद दिन भर उतार चढ़ाव का दिलचस्प दौर चला। यह किसी फिल्मी सस्पेंस से कम नहीं था। सुबह के रुझानों में पहले कांग्रेस हरियाणा में आगे बढ़ती हुई दिखाई दी लेकिन फिर पिछड़ती गई तथा भाजपा ने अंत तक अपनी लीड बनाएं रखी। हरियाणा में चौटाला वंशजों को इस बार करारी दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर विधानसभा की मतगणना में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन ने मतगणना में सुबह से ही लीड बनाएं रखी और स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया।
मंगलवार को हरियाणा के 1031 और जम्मू-कश्मीर के 873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम मशीनों से बाहर आया। कांग्रेस पार्टी इस बार दावा कर रही है कि वो हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी जबकि कांग्रेस पार्टी के इस दावे के ठीक उलट बीजेपी का कहना था कि वो लगातार तीसरी बार हरियाणा की सत्ता में वापसी करेगी । एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी भी हरियाणा में कांग्रेस को बढ़त बता रही थी लेकिन भाजपा ने हरियाणा में चुनाव जीत कर सभी दावों को गलत साबित कर दिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी दावा किया था कि उनकी पार्टी भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाएगी।उन्होंने कहा कि जब 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे, तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर जब प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था तब कई को उन्हे लेकर संशय था लेकिन नायब एक नायक बन कर उभरे। दरअसल भाजपा ने जाट लैंड हरियाणा में पिछले दस वर्षों में गैर जाट राजनीति को प्रोत्सहान दिया। शुरू में यह प्रयोग ठीक लगा लेकिन बाद में किसान आंदोलन सहित अन्य कई कारणों से जाट एक जूट हुए ओर पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में अपेक्षा से कम सीटे मिली। पड़ोसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के जाट भी भाजपा के विरुद्ध लाम बंध हुए जिसके परिणाम स्वरूप लोकसभा चुनाव में भाजपा को पहली बार अपने बलबूते पर बहुमत नहीं मिला और उसे अपने एनडीए साथियों को मदद से केन्द्र में सरकार बनानी पड़ी। इन परिस्थितियों में लग रहा था कि इस बार हरियाणा विधान सभा में संभवत भाजपा तीसरी बार अपनी सरकार का गठन नहीं कर पाएंगी लेकिन सभी कयासों को पलट कर हरियाणा के चुनाव परिणामों ने भाजपा को एक नई संजीवनी प्रदान कर दी है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि हरियाणा में भाजपा की जीत का एक बड़ा कारण हिंदू वोटो का ध्रुवीकरण और इंडिया गठबंधन की नाकामयाबी रही है। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमों ने दिल्ली शराब कांड में गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचाया। हरियाणा की जनता ने इस बार चौटाला बंधुओं को भी धूल चटाई। सावित्री जिंदल जैसी निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने बलबूते पर चुनाव जीता।आईएलएनडी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था, जबकि, जेजेपी यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ चुनाव में उतरी थी लेकिन सभी असफल रहें।
टिप्पणी लिखे जाने तक हरियाणा में भाजपा को 48 कांग्रेस को 37 और अन्य 5 सीटों पर चुनाव जीते अथवा मतगणना में आगे चल रहे है। इसी प्रकार जम्मू कश्मीर में कांग्रेस नेशनल कान्फ्रेंस गठबंधन को 49 बी जे पी को 29 पीडीपी को 03 और अन्य को 09 सीटे मिली है।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हुए । इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा। वहीं, भाजपा और महबूबा मुफ्ती की पार्टी पी डी पी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार जनता ने पी डी पी को अस्वीकार कर दिया। मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर वैली में भाजपा को इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली लेकिन उसे जम्मू में 29 सीटों पर बढ़त मिली है और वोट प्रतिशत के मामले में उसको लाभ हुआ है।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव के नतीजों से 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में 2014 के बाद से पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तथा पहली निर्वाचित सरकार के गठन का रास्ता साफ हुआ है ।वहीं, हरियाणा में बीजेपी की जीत की हैट्रिक लगी है।
भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाकर और जम्मू-कश्मीर में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर किसानों और बेरोजगारों के मुद्दों के इर्द-गिर्द चुनावी विमर्श स्थापित करने के कांग्रेस के प्रयासों को जहां ध्वस्त कर दिया, वहीं साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में जीत की उड़ान का उसने एक ‘लांच पैड’ भी तैयार कर लिया है भाजपा ने हरियाणा के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 48 सीट पर जीत दर्ज की. इससे पहले, भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीट जीतकर पहली बार अपने बूते हरियाणा में सरकार बनाई थी। साल 2019 के चुनाव में उसे 40 सीट मिली थीं। इसी प्रकार, भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 29 सीट जीत ली हैं।इससे पहले, साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 90 में से 25 सीट जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।
प्रधान मंत्री मोदी ने हरियाणा चुनाव के नतीजों पर कहा कि हरियाणा के लोगों ने कमाल कर दिया है, हर जगह कमल खिला दिया है. गीता की धरती पर विकास की जीत हुई है. हर वर्ग हर जाति के लोगों ने वोट दिया है. जम्मू-कश्मीर में शांति पूर्वक चुनाव हुए, ये भारत के संविधान की जीत है. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने नेशनल कॉन्फ्रेस को ज्यादा सीट दी है उनको बधाई देता हूं।
देखना है महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भी भाजपा हरियाणा की तरह प्रदर्शन कर वन नेशन वन इलेक्शन जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाने में कितनी और सफलता हासिल कर पाएगी?