निर्मल कुमार शर्मा
वर्ष 2014के जनवरी महीने में जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर पूर्व प्रायोजित रूप से घोर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे,तब तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट के बीच बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार नरेंद्र भाई दामोदर भाई मोदी अपने चिरपरिचित जोशीले अंदाज़ में चुनावी भाषण दे रहे थे,उस समय अपने भाषण में काले धन पर नरेंद्र मोदीजी ने कहा था, “एक बार ये जो चोर-लुटेरों के पैसे विदेशी बैंकों में जमा हैं ना, उतने भी हम रुपये ले आए ना, तो भी हिंदुस्तान के एक-एक ग़रीब आदमी को मुफ़्त में 15-20 लाख रुपये यूँ ही मिल जाएँगे ! ”
कांग्रेस को संबोधित करते हुए मोदीजी ने आगे कहा “सरकार आप चलाते हो, पूछते मोदी को हो कि कैसे लाएँ ? जिस दिन भारतीय जनता पार्टी को मौका मिलेगा,एक-एक पाई हिंदुस्तान की वापस लाई जाएगी और हिंदुस्तान के ग़रीबों के लिए काम में लाई जाएगी ! ये जनता के पैसे हैं, ग़रीबों के पैसे हैं । जो ईमानदारी से टैक्स भरते हैं, जिन्होंने देश की सेवा की है,जो सैलरी पर काम करते हैं,लेकिन देश के लिए काम करते है उन्हें हम फायदा देंगे। विदेशों से कालाधन लाकर हम इन ईमानदार लोगों के बीच उसका एक हिस्सा बांट देंगे। देश में अगर भ्रष्टाचार की जननी कोई है तो वह सिर्फ कांग्रेस है। अगर कांग्रेसियों ने भ्रष्टाचार नहीं किया है तो वे विदेशों में जमा कालेधन को क्यों नहीं लाते हैं ?
इसके अलावा वर्तमान समय के भारतीय हालात के सबसे बड़े खलनायक,रथयात्रा रूपी नरपैशाचिक कुकर्मों से भारतीय समाज में जातीय,सामाजिक व धार्मिक वैमनस्यता घोलकर दंगे कराकर हजारों निरपराध लोगों की हत्या करानेवाला जीवित नरपिशाच,हत्यारा, पाकिस्तानी शरणार्थी,भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने 20 नवंबर 2011को दिल्ली के रामलीला मैदान पर तब की सत्तारूढ यूपीए सरकार के खिलाफ जमकर बरसे थे ! कालेधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए आडवाणी द्वारा आयोजित बिहार से निकाली गई जनचेतना यात्रा को दिल्ली में खत्म करते हुए कालेधन के मुद्दे पर तब कि यूपीए सरकार को घेरते हुए आडवाणी ने कहा था कि “हमारी यात्रा जरूर खत्म हुई है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग अभी पूरी नहीं हुई है। मनमोहन सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में इसलिए नाकाम रही है क्योंकि उसके पास भ्रष्टाचार को रोकने की नीयत नहीं है। एनडीए के सभी सांसद लिखित में देंगे कि विदेशी बैंकों में उनकी किसी तरह की संपत्ति नहीं है। कालेधन पर सरकार चुप क्यों है ?उन्होंने मांग की कि तीन सांसद भी हैं जिनके विदेशी बैंकों में खाते हैं उनके नाम भी सार्वजनिक होने चाहिए। ”
भगवा चोले में इस दुनिया का सबसे बड़ा शोषक,लुटेरा,झूठा,बहुरूपिया,मिलावटखोरों का सरगना और ठग लाला रामदेव ने तब कहा था कि “मनमोहन सिंह व्यवस्था को दुरस्त नहीं कर सकते तो मेरे साथ बैठकर प्राणायाम करें,चुनाव से पहले ही देश ने नरेंद्रभाई मोदी को चुन लिया है ! इसलिए वे लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदलने से बचाएं। एक पार्टी मतलब कांग्रेस ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया है। मोदी कांग्रेस के लिए महाकाल हैं। मोदी देश की गलत आर्थिक नीतियों को ठीक करने का भरोसा दिलाएं । मोदी से पूछा था कि वे किसानों, कालेधन और हमारे कई अन्य मुद्दों पर क्या रुख अपनाएंगे ?गलत आर्थिक नीतियों की वजह से ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कहना पड़ता है कि वे इस देश से बेरोजगारी,गरीबी,भ्रष्टाचार,महंगाई आदि को खत्म नहीं कर सकते हैं !अगर प्रधानमंत्री इन बुराइयों को खत्म नहीं कर सकते तो वे उस पद पर क्यों बैठे हैं ? जिन्हें देश चलाने आता है ( रामदेव का स्पष्ट इशारा कथित तौर पर सबसे काबिल नरेंद्र मोदी जी की तरफ था ! ),उन्हें चलाने दें। ”
तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि “सरकार स्विट्जरलैंड को वहां के बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा कालेधन का ब्योरा शीघ्रतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिए लिखेगी। हम आज अपनी ओर से स्विट्जरलैंड सरकार को पत्र लिख रहे हैं जिसके साथ मंत्रालय संपर्क है ताकि सरकार के पास जो भी सूचना है उसे प्रदान करने में शीघ्रता बरती जाए और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों व भारत सरकार के बीच सहयोग का लाभप्रद नतीजा निकले। हमारी ओर से आज ही पत्र भेजा जाएगा। ”
इसके अलावे विजयवाड़ा में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी ने कहा था कि “केन्द्र की मोदी सरकार विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने के लिये शीघ्र कदम उठाये,
केन्द्र सरकार को विदेशी बैंकों में जमा 70 लाख करोड़ रूपये मतलब 700 खरब रूपये को वापस लाने के लिये कदम उठाने चाहिए। अगर हमारा देश विदेशी बैंकों का सारा धन वापस लाने में सफल हो जाता हैं तो देश के आम लोगों को अगले 15 साल तक किसी तरह का टैक्स नहीं चुकाना पडे़गा !भ्रष्टाचार का सफाया होना चाहिए अन्यथा हम विकास नहीं कर सकेंगे। भ्रष्टाचार हर वर्ग में फैला हुआ है,खासकर उच्च वर्ग में। प्रभावशाली और भ्रष्ट लोग भ्रष्टाचार से पद और सीट खरीद रहे हैं । आगामी चुनाव में जनता भ्रष्ट नेताओं को जरूर चुनाव हरा देगी ! ”
काला धन ले आने के लिए भी केवल दिखावापन !
कालेधन को वापस लाने के प्रयासों के तहत बीजेपी नीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही काले धन का पता लगाने के लिए विशेष जांच दल या एसआईटी का गठन कर दिया था !
न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी की पहली बैठक 2 जून 2014 को हुई थी। इस एसआईटी दल के अन्य सदस्यों में उच्चतम न्यायालय के एक अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरिजित पासायत को उपाध्यक्ष बनाया गया था। इनके अलावा इस दल में राजस्व सचिव,केंद्रीय जांच ब्यूरो,खुफिया विभाग,रॉ और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक,केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष और भारतीय रिजर्व बैंक के एक डिप्टी गवर्नर भी शामिल थे।
उस समय यह भी बताया गया था कि वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एजेंसी सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी सीईआईबी ने उन 600 लोगों और संगठनों के नाम और पहचान हासिल किए हैं,जिन पर विदेश में काला धन जमा करने का शक है। इसका गठन ओईसीडी देशों की पहल पर हुआ है और भारत भी इसका सदस्य है। एजेंसी के लिए भारतीयों की ओर से विदेश में जमा काला धन की जानकारी देना जरूरी है। सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने काले धन से जुड़े जो आंकड़े हासिल किए हैं, उन्हें आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट और रेवेन्यू इंटेलिजेंस के निदेशालय को भी दिया गया है।
मोदी सरकार को 3015 चोरों की लिस्ट बहुत पहले ही मिल चुकी है !
जबकि इस देश की आम जनता की मेहनत के पैसे को विदेशों यथा वेस्टइंडीज,बहामास, फ्रांस,हांगकांग,जर्मनी,सिंगापुर और स्विट्जरलैंड आदि देशों में कालेधन को जमा करनेवाले आर्थिक चोरों के नाम की लिस्ट अंतर्राष्ट्रीय सुप्रतिष्ठित संस्था विकिलीक्स ने 985आर्थिक चोरों के नाम,जिनके 1200 खरब रूपये स्विस बैंक में जमा हैं,उजागर कर चुकी है,इसी प्रकार लिंचेस्टाइन ने 26नाम जिनमें भ्रष्ट नेताओं और पूंजीपतियों तथा 12ट्रस्ट से जुड़े आर्थिक चोरों के नाम हैं,जारी हो चुकी है,एचएसपीसी ने 475 चोरों के नाम,जिन्होंने 65अरब रूपयों का गबन किया है,पनामा पेपर्स ने 500नाम,पैराडाइज पेपर्स ने 717 चोरों के नाम और पेंडोरा पेपर्स ने 300चोरों के नाम मोदी सरकार को भेज चुके हैं,इस प्रकार कुल 3015 चोरों के नाम मोदी ऐंड कंपनी सरकार के पास आ चुके हैं !
मोदी ऐंड कंपनी सरकार अपने काला धन लाने के वादों से ही मुकरी !
लेकिन इस देश की कितनी अफसोस व हतप्रभ करनेवाली दु:स्थिति है कि वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के पूर्व से ही मोदी जी सहित इनके तमाम चमचे कथित बाबा और अन्य चमचे विदेशों में जमा कालेधन को लाने के लिए जुमले उछालकर और इस देश की 1अरब 40करोड़ जनता से झूठ बोल-बोलकर सत्ता में आने के 8वर्षों बाद जब दुनिया की विश्वस्थ एजेंसियां से 3015 चोरों के नाम मोदी ऐंड कंपनी सरकार के पास आ चुके हैं ! तब अब मोदी ऐंड कंपनी को सांप सूंघ गया है,क्योंकि संभावित रूप से इन 3015 चोरों में मोदीजी के बहुत सारे घनिष्ठ मित्र,संबधी, पार्टी को मोटा चंदा देने वाले भी होंगे ! इसलिए मोदी ऐंड कंपनी के कर्णधार भी अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार की तरह अब तरह-तरह के बहाने मसलन “नाम उजागर करने से देश की कथित सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी,यह गोपनीय रहनी चाहिए,वे लोग भाग जाएंगे या पैसे वसूल नहीं हो पाएगा ” आदि कहकर अपने ही किए वादे से साफ मुकर रहे हैं !
भारतीय जनता की आखिरी उम्मीद सुप्रीमकोर्ट भी कुंभकर्णी नींद में !
अब इसी सरकार के मंत्री संसद में बेशर्मी से कहते हैं कि उसके पास स्विस बैंक में छिपाए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है ! जब सरकार को यही नहीं पता कि स्विस बैंकों में कितना काला धन छिपा है,तो ये भी शायद नहीं पता होगा कि वो काला धन किसका है,तो फिर उसे वापस लाने के लिए क्या किया जाए ? ये कैसे तय होगा ? आखिर सरकार को क्या पता है ? तब विदेशों से कालेधन को वापस ले आने की बात ही सिरे से खारिज हो चुकी है ! कालाधन वापस लाने की बात तो अब छोड़ दीजिए,मिडिया के अनुसार मोदीराज में भारतीयों का वर्ष 2019 के अंत में 66अरब 25 करोड़ रुपए काला धन स्विट्जरलैंड में था। वह केवल एक साल में 2020 में बढ़कर वह 2 खरब 6 अरब 32करोड़ रुपए हो गया है ! आश्चर्य की बात है कि सुप्रीमकोर्ट भी इस सरकार से 2014में कालेधन के लिए गठित एसआईटी के परिणाम के बारे में पूछना जरूरी नहीं समझती !
आर्थिक चोरों में कथित महानायक और भारतरत्न भी संलिप्त !
मिडिया के अनुसार इन आर्थिक चोरों की लिस्ट में अनिल अंबानी जैसों का नाम भी है,जो भारत में खुद को दिवालिया घोषित कर लिया है,ताकि इस देश के गरीबों के बैंकों में जमा रकम वापस न पड़े और विदेशों में अरबों रुपए चोरी करने के लिए जमा कर रखा है,इस लिस्ट में इस देश के कथित इस सदी के महानायक का भी नाम है ! और तो और भारतरत्न के तमगे से विभूषित मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर भी चोरों की जमात में शामिल है ! कितने आश्चर्य की बात है कि पड़ोसी पाकिस्तान जैसे देश के शासनाध्यक्ष नवाज शरीफ को इसी वजह से अपनी सत्ता गंवानी पड़ी थी ! लेकिन इस देश में ये 3015 चोरों की जमात अलीबाबा और चालीस चोरों की तरह ठसक और बेशर्मी से अभी भी निर्भर होकर रह रही है ! कोई दूसरा देश होता तो कम से कम भारतरत्न के तमगे से विभूषित मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर जैसे टैक्सचोर से भारतरत्न का पुरस्कार तो छीन ही लेता ! लेकिन यह तथाकथित भारत महान है ! यहां सब चलता है ! यहां की धर्मभीरू और भाग्यवादी जनता सब कुछ होने के बावजूद भी कुंभकर्णी नींद सोई रहती है !
कितने दु:ख और अफसोस की बात है कि मोदीजी की 2014 में विदेशों यथा वेस्टइंडीज, बहामास, फ्रांस, हांगकांग, जर्मनी, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड आदि देशों में जमा कालेधन को लाने का वादा आज 2022में पूरी तरह नेपथ्य में धकेल दिया गया है ! उसकी जगह पूरे देश में हिन्दू-मुस्लिम दंगे कराने के लिए सदियों पुराने मुस्लिम शासकों द्वारा बनवाई गई ताजमहल,जामा मस्जिद,कुतुब मीनार आदि जैसी ऐतिहासिक धरोहरों के नीचे कथित मंदिरों का प्रमाण ढूंढने में इस सरकार के कर्णधारों और इसकी प्रशासनिक अधिकारियों की पूरी जोर आजमाइश हो रही है,ताकि इस देश के अमन चैन में आग लगाकर मूर्ख और धर्मभीरू हिन्दुओं की वोट की फसल काटकर सत्ता की मलाई का दुरूपयोग किया जा सके !