उमरान मलिक के साथ गेंदबाजी करते माहौल काफी अच्छा रहता है : अर्शदीप

  • उमरान की बेहद तेज गेंद को खेलने के बाद मुझे खेलते बल्लेबाज चकमा खा जाता है
  • क्रिकेट में गेंदबाजी में भागीदारी खासी अहम होती है
  • निजी कामयाबी से कहीं ज्यादा जरूरी है टीम की कामयाबी
  • वन डे में बतौर गेंदबाज आपको खुद ज्यादा संयमित होने की जरूरत होती है

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : रफ्तार के साथ धार दिखा कर भारत की तेज गेंदबाजी के नई सनसनी के रूप में उभरे हैं 23 बरस के नौजवान तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह। भारत के लिए हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी टी-20 विश्व कप में पारी के शुरू में शुरू के पॉवरप्ले में और आखिर के मारधाड़ वाले ओवरों में अपनी यॉर्कर से प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाजों के विकेट बिखेरने वाले अर्शदीप सिंह फिलहाल न्यूजीलैंड में उसके खिलाफ अब तीन वन डे मैचों की क्रिकेट सीरीज के लिए न्यूजीलैंड में हैं।

अर्शदीप ने न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में बुधवार को खेले जाने वाले तीसरे और अंतिम वन डे मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘ भारत के लिए उमरान मलिक के साथ गेंदबाजी करने में बहुत मजा आता है। उमरान के साथ गेंदबाजी करते हुए माहौल काफी अच्छा रहता है। उमरान को भी हंसी मजाक खासा पसंद है और मुझे भी है। जब उमरान की 150 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से से फेंकी गेंद को खेलने के बाद अगले ओवर में मेरी 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी गेंद को खेलता है तो से चकमा खा जाता है। इसका मुझे फायदा मिल जाता है। मैदान के साथ मैदान के बाहर भी हम दोनों को एक दूसरे का साथ पसंद है।

हम अपनी इस भागीदारी को इसी तरह आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे। अक्सर लोग क्रिकेट में बल्लेबाजी में भागीदारी की चर्चा करते हैं। क्रिकेट में गेंदबाजी में भागीदारी खासी अहम होती है। वन डे क्रिकेट में बतौर गेंदबाज आपको खुद ज्यादा संयमित होने की जरूरत होती है। जब दूसरे छोर से मेरा साथी गेंदबाजी अपनी रफ्तार और धार के साथ अच्छी गेंदबाजी कर प्रतिद्वंद्वी टीम की विकेट चटकाता है तब मेरी यह जिम्मेदारी बन जाती है कि मैं अपने छोर से कसी गेंदबाजी कर प्रतिद्वंद्वी टीम पर दबाव बनाए रखंू। साथ ही यह भी जरूरी है जब मैं अपने छोर से अच्छी गेंदबाजी कर विकेट चटकाता हूं तो मैं यही उम्मीद करता हूं कि दूसरे छोर से मेरा साथी गेंदबाज सधी और कसी गेंदबाजी कर दबाव बनाए रखे। क्रिकेट आखिर एक टीम-गेम है। मेरा हमेशा से यही मानना है कि निजी कामयाबी से कहीं ज्यादा जरूरी है टीम की कामयाबी। अगर मैं बल्लेबाज के खिलाफ आक्रामक होकर गेंदबाजी कर रहा हूं तो मैं बस यही उम्मीद करूंगा कि मेरा साथी जोड़ीदार गेंदबाज रक्षात्मक गेंदबाजी करे।Ó