
इंद्र वशिष्ठ
नई दिल्ली, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर सतीश गोलछा ने अशोक विहार थाने के एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर कर दिया। डीसीपी की नाक के नीचे रिश्वतखोरी के मामले में एसएचओ कुलदीप शेखावत को थाने से हटाया गया है।
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि एसएचओ कुलदीप शेखावत को लाइन हाज़िर किया गया है। इस मामले में पहले लाइन हाज़िर किए गए, इंस्पेक्टर राजीव को वापस थाने में तैनात कर दिया गया है।
इस मामले में सस्पेंड किया गया सब-इंस्पेक्टर विशाल मीणा अब तक फरार है। सीबीआई को उसकी तलाश है।
सतीश गोलछा ने कमिश्नर का पद संभालने के बाद शनिवार 23 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कहा था कि अब अगर कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया, तो उसके लिए जिला डीसीपी और एसएचओ भी जिम्मेदार होंगे। लेकिन कमिश्नर की इस बात का भी निरंकुश, बेखौफ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कोई असर नहीं हो रहा।
डीसीपी भीष्म सिंह की नाक के नीचे ही वसूली करके बेखौफ पुलिसकर्मियों ने साबित कर दिया कि कमिश्नर और डीसीपी उनके ठेंगे पर हैं।
वैसे आज के इन हालात के लिए वे आईपीएस अफसर जिम्मेदार है जिन्होंने अपने निजी स्वार्थ/ फायदों/सेवा के लिए बरसों से भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पाला पोसा या फलने फूलने का मौका दिया। ऐसे आईपीएस अफसरों ने अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया होता, तो भ्रष्टाचार आज नासूर नहीं बन पाता।
सीबीआई ने 25 अगस्त को उत्तर पश्चिम जिले के अशोक विहार थाने में तैनात चिट्ठा मुंशी हवलदार राजकुमार मीणा को एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एसएचओ अपने खास पुलिसकर्मी को ही चिट्ठा मुंशी लगाते हैं। हवलदार राजकुमार मीणा ने सब- इंस्पेक्टर विशाल मीणा की ओर से रिश्वत ली थी। उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी का दफ़्तर और अशोक विहार थाना एक ही इमारत में है। डीसीपी भीष्म सिंह द्वारा इस मामले में हवलदार राजकुमार मीणा और सब- इंस्पेक्टर विशाल को सस्पेंड किया गया। एसएचओ की गैरहाजिरी में थाने का काम देख रहे एटीओ इंस्पेक्टर राजीव को लाइन हाज़िर किया गया था। एसएचओ कुलदीप शेखावत पिता के निधन के कारण 19 अगस्त से छुट्टी पर है।
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाएंगे या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा। लेकिन पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती तो है।