एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी का साला गिरफ्तार

90 लाख दो टिकट लो, टिकट नहीं तो पैसा वापस.

इंद्र वशिष्ठ

चुनाव में राजनैतिक दलों की टिकट बिकती हैं यह जगजाहिर है. ईमानदारी का ढोल पीट कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी भी इससे अछूती नहीं है. आम आदमी पार्टी के एक एमएलए द्वारा एमसीडी चुनाव की टिकट की कीमत 90 लाख रुपए मांगे जाने का मामला सामने आया है. दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी के साले ओम सिंह, पीए शिव शंकर पांडे उर्फ विशाल पांडे और प्रिंस रघुवंशी को गिरफ्तार किया है. इन दोनों को एमसीडी की टिकट देने के नाम पर लिए गए 33 लाख रुपए लौटाते हुए शिकायतकर्ता गोपाल खारी के यहां से पकड़ा गया है. पैसे वापस मिलने पर गोपाल ने पूछा कि उससे क्या कमी रह गई. इस पर उसे बताया गया कि दिक्कत यह है कि वहां से दो गूजरों को टिकट नहीं दे सकते.

एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी ने 90 लाख मांगे –
खुद को आम आदमी पार्टी का सक्रिय सदस्य बताने वाले कमला नगर के गोपाल स्वीट के मालिक गोपाल खारी ने एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की है . शिकायत के अनुसार एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी ने टिकट देने के लिए 90 लाख रुपए मांगे थे.
गोपाल खारी ने अपनी पत्नी शोभा खारी को एमसीडी चुनाव में टिकट के लिए 55 लाख रुपए दे दिए शेष रकम टिकट मिलने के बाद देना तय हुआ.

एमएलए राजेश गुप्ता को 20 लाख-
गोपाल खारी के अनुसार 35 लाख एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी के साले ओम सिंह को दिए थे. 12 नवंबर को अखिलेश पति के कहने पर 20 लाख रुपए उसके सामने ही वजीर पुर के एमएलए राजेश गुप्ता को उसके घर में ही दिए. आम आदमी पार्टी ने शोभा खारी को टिकट नहीं दिया. गोपाल खारी को ओम सिंह ने 33 लाख रुपए वापस कर दिए.

अफसरों की भूमिका पर सवालिया निशान-
इस मामले में एंटी करप्शन ब्रांच के अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग जाता है. टिकट खरीदना और बेचना यानी रिश्वत देना और लेना दोनों ही अपराध है ऐसे में गोपाल खारी को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

गोपाल खारी भी गुनाहगार-
गोपाल खारी ने अगर रिश्वत देने से पहले एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की होती तो वह निर्दोष माना जाता. लेकिन उसने तो रिश्वत देकर टिकट खरीदने की कोशिश कर खुद भी अपराध किया था. टिकट न मिलने पर और पैसे वापस मिलने पर ही उसने शिकायत की है. ऐसा करने से गोपाल खारी का अपराध खत्म नही हो जाता है. शोभा खारी को टिकट मिल जाता तो सब ठीक था टिकट नहीं मिला तो बात बिगड़ गई. वैसे गोपाल खारी को इतना तो शुक्र मनाना चाहिए कि उसके पैसे तुरंत ईमानदारी से वापस कर दिए गए, वरना नेताओं के पास गए पैसे आसानी से वापस कहां मिलते है.

गोपाल क्या इतना नादान है?
गोपाल खारी ने शिकायत में कहा है कि एमएलए ने टिकट का लालच देकर उसे ब्लैकमेल किया गया. एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी और एमएलए राजेश गुप्ता ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. पैसे देकर टिकट खरीदने की कोशिश करने वाले गोपाल का यह कहना हास्यास्पद है.

दोनों एमएलए पकड़े जाते-
गोपाल अगर ईमानदार होता तो पैसे देने से पहले एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत करता. जब उसने एमएलए राजेश गुप्ता को एमएलए अखिलेश पति त्रिपाठी के सामने ही 20 लाख रुपए दिए, तब ही वह दोनों एमएलए को रंगे हाथों पकड़वा सकता था.
गोपाल खारी ने पचपन लाख रुपए का इंतजाम अपने दोस्तों /रिश्तेदारों से करने का दावा किया है. एंटी करप्शन ब्रांच को इस मामले की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग को भी सूचना देनी चाहिए.

आईएएस को सजा-
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ करने वाले आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को भी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के साथ सजा हुई थी. 1989 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार, हरियाणा में प्राथमिक शिक्षा के पूर्व निदेशक थे, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री चौटाला ने 3,208 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्ट प्रथाओं का सहारा लिया था। उन्होंने वरिष्ठ राजनेता पर भर्ती के दौरान 2,000 से अधिक शिक्षकों के नाम बदलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था।