बसपा, मायावती की लीडरशिप में ही लड़ेगी यूपी विधान सभा और आम चुनाव

BSP will contest UP Legislative Assembly and general elections under the leadership of Mayawati

अजय कुमार

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की कमान पूर्व की तरह सुश्री मायावती के हाथों में ही रहेगी। उनके एक बार फिर बीएसपी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन अटकलों पर भी विराम लग गया जो उनके राजनीति से सन्यास लेने की खबरों से जुड़े हुए थे।लखनऊ में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया तो बीएसपी कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त उत्साह का माहौल दिखा।माया एक बार फिर सर्वसम्मति से पांच वर्ष के लिए बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव रखा था,इससे यह भी साबित हो गया है कि बसपा में सतीश को साइड लाइन नहीं किया गया है। मायावती अगले पांच वर्षो तक पार्टी अध्यक्ष रहेंगी,जिसका मतलब यह हुआ कि उनके सामने 2022 में विधान सभा और 2029 में लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती होगी। इस दौरान दस विधान सभा सीटों पर भी उप चुनाव भी होना है। बसपा सुप्रीमो लंबे समय से उपचुनाव से दूरी बनाए हुए थी लेकिन उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर वह एक्शन में नजर आ रही हैं। सभी 10 सीटों पर बसपा ने चुनाव लड़ने का एलान किया है। जिसमें मीरापुर से चंद्रशेखर आजाद के करीबी नेता प्रधान शाह को, मिल्कीपुर विधानसभा सीट से रामगोपाल कोरी को बसपा उम्मीदवार घोषित किया है। माया के सामने आजाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चन्द्रशेखर रावण एक अलग चुनौती होंगे,जो बसपा के दलित वोटरों पर अपनी नजर जमाये हुए हैं।

मायावती 18 सितंबर, 2003 से लगातार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी जा रही हैं। उन्होंने एक दिन पूर्व सोमवार को संन्यास लेने की खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी रहेंगी। ऐसे में मंगलवार की कार्यकारिणी में एक बार फिर उनका अध्यक्ष चुना जाना तय था।लखनऊ में बसपा कार्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई। इसमें जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को रणनीति पर भी मंथन किया गया।