रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : किसानों की आय बढ़े। वह खुशहाल हों, पहले कार्यकाल से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह प्राथमिकता रही है। योगी-02 में भी यह सिलसिला जारी है। योगी-02 का पहला बजट इसका प्रमाण है।
किसानों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण समय से कृषि निवेशों की उपलब्धता है। इसमें बीज, खाद और पानी सर्वाधिक जरूरी है। चूंकि खेती मौसम के प्रति बेहद संवेदनशील होती है। सब कुछ होने के बाद अगर मौसम प्रतिकूल हो तो किसानों की सारी मेहनत-मजदूरी बेकार हो जाती है। यहीं किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा महत्वपूर्ण हो जाती है। बजट 2022-2023 में इन सभी बिंदुओं पर ध्यान दिया गया है।
इसी सुरक्षा के मद्देनजर बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 42 हजार 565 करोड़ रूपये हस्तांतरित किए गए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए बजट में 650 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
सिंचन क्षमता में विस्तार के लिए मुख्य मंत्री लघु सिंचाई योजना के 1000 करोड़ रूपये की धनराशि बजट में प्रस्तावित है। इसी मकसद से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जायेगी।
रही गुणवत्तापूर्ण खाद और बीज उपलब्ध कराने की बात तो वर्ष 2022-2023 में 60.20 लाख कुन्टल बीज और 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
मालूम हो कि प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों के माध्यम से कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध है।
गन्ना मूल्य भुगतान में सरकार ने रचा इतिहास
उल्लेखनीय है कि 16 मई, 2022 तक गन्ना किसानों 1 लाख 72 हजार 745 करोड़ रूपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कर चुकी है। यह पूर्व के 5 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 95,215 करोड़ रूपये से 77,530 करोड़ रूपये अधिक है।