दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर…चला…रूका …फिर चलेगा क्या, गरमाई राजनीति

संदीप ठाकुर

देशभर की नजरें सुप्रीम कोर्ट की कल होने वाली सुनवाई पर लगी हैं। मामला
हिंसाग्रस्त जहांगीरपुरी का है जहां आज ढाई घंटे बुलडोजर का कहर जारी था।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आज सुबह 10 बजे अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू
किया था। एक के बाद एक अवैध तरीके से बनाई गई दीवारों, दुकानों और एक
मस्जिद के गेट को ताेड़ा गया। करीब डेढ़ घंटे की कार्रवाई के बाद सुप्रीम
कोर्ट का निर्देश आ गया कि अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखा जाए। लेकिन
सुना किसी ने नहीं। तोड़फोड़ की कार्रवाई 12 बजे के बाद भी जारी रही। अंत
में सुप्रीम कोर्ट में फिर से मामला पहुंचने के बाद आदेश की कॉपी एमसीडी
के मेयर और दिल्ली के पुलिस आयुक्त तक पहुंची और तब जाकर 12.30 बजे
बुलडोजर खामोश हुआ।बता दें कि रामनवमी के जुलूस के मौके पर हुई हिंसा के
दौरान मध्य प्रदेश के खरगोन व बड़वानी में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चल
चुका है।

आइए जानते हैं मामला है क्या ? जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान
जयंती के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी। उसके बाद ही
अवैध निर्माण और अतिक्रमण काे गिराने का फैसला हुआ था। आज से उस फैसले पर
अमल शुरू हाे गया और बुलडोजर ने मकान,दुकान ढहाना शुरू कर दिया। कांग्रेस
नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल व वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने
जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दायर कर रखी थी। वे जमीयत उलेमा-ए हिंद की तरफ से कोर्ट पहुंचे थे । आज
चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ वकील दुष्यंत
दवे ने दलील रखी। उन्होंने कहा कि आपकी ओर से फौरन हस्तक्षेप की जरूरत
है। जहांगीरपुरी इलाके में पूरी तरह से असंवैधानिक और गैरकानूनी विध्वंस
की कार्रवाई का आदेश दिया गया है। दवे ने कहा कि कोई नोटिस नहीं दिया
गया। चीफ जस्टिस ने यथास्थिति का आदेश देते हुए कल उचित पीठ के समक्ष
सुनवाई की बात कही। इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस
से कहा है कि एक और याचिका पर जो पूरे देश को लेकर है इसे भी साथ में
शामिल कर लिया जाए। इसे भी चीफ जस्टिस ने स्वीकार कर लिया। दुष्यंत दवे
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में
उन्होंने तीन कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए
दायर की गई याचिकाओं में किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्व किया था। बताया
जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट जाने वाली टीम में प्रशांत भूषण और संजय
हेगड़े भी शामिल थे। प्रशांत भूषण देश के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। संजय
हेगड़े शाहीन बाग प्रदर्शन के दौरान वार्ताकारों की टीम में शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने करीब 11 बजे ही यथास्थिति बनाए जाने का आदेश दे दिया
था। लेकिन जहांगीरपुरी में बुलडोजर 12.30 बजे तक गरजता रहा। 12 बजे के
बाद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर का जिक्र हुआ तो दूसरी तरफ
माकपा नेता वृंदा करात कोर्ट का आदेश लेकर जहांगीरपुरी पहुंच गईं।
उन्होंने विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक को अपने मोबाइल में ही आदेश
की कॉपी दिखाई। उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता दवे ने एक बार फिर चीफ जस्टिस के
समक्ष मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी
बुलडोजर नहीं रुका है। दवे ने कहा, ‘वे कह रहे हैं कि उनके पास ऑर्डर
नहीं पहुंचा है। कृपया निर्देश पहुंचाने के लिए महासचिव को कहिए।’ इस पर
चीफ जस्टिस ने अपने महासचिव को निर्देश दिया कि वह निगम के मेयर और
दिल्ली के पुलिस आयुक्त को तत्काल सूचना दें कि हिंसा प्रभावित
जहांगीरपुरी में विध्वंस की कार्रवाई रोक दी जाए। उधर, वृंदा करात ने
जहांगीरपुरी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 10:45 पर अतिक्रमण विरोधी
अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। लेकिन बुलडोजर यहां
कानून व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की की धज्जियां उड़ा रहा है। मैं उसे
रोकने यहां आई हूं। अन्य नेता भी नेतागिरी चमकाने में जुट गए हैं। अब इस
मामले पर सुनवाई गुरुवार काे हाेगी।