भाजपा शासित चार राज्यों में जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार

Cabinet expansion will happen soon in four BJP ruled states

आशु सक्सेना

छत्तीसगढ़ और गोवा में पिछले सप्ताह हुए मंत्रिमंडल विस्तार ने भाजपा शासित कई अन्य राज्यों के नेताओं में भी मंत्री बनने की उम्मीदें जगा दी हैं। विष्णु देव साय सरकार ने तीन नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया। 90 सदस्यीय विधानसभा में सामान्यतः 13 मंत्री (सीएम सहित) बनाए जा सकते हैं, लेकिन हरियाणा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी संख्या बढ़ाकर 14 कर दी गई।

वहीं गोवा में प्रमोद सावंत सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और रमेश तावड़कर को मंत्री बनाया गया। दोनों नेता दक्षिण गोवा से आते हैं और उनकी एंट्री को पार्टी के इस क्षेत्र में संगठनात्मक मजबूती से जोड़कर देखा जा रहा है।

भाजपा शासित इन दो राज्यों मेंं मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पार्टी के भीतर अब राजस्थान, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

राजस्थान: भजनलाल शर्मा सरकार छह नए कैबिनेट मंत्रियों को शामिल करने पर विचार कर रही है ताकि राज्य के विभिन्न सामाजिक वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जा सके।

बीजेपी नेतृत्व इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सतर्क रुख अपना रहा है। पार्टी चाहती है कि विस्तार में सभी गुटों- खासकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों को उचित प्रतिनिधित्व मिले। इसका उद्देश्य सरकार के शेष कार्यकाल में गुटबाजी को खत्म करना और एकजुट होकर प्रदेश के विकास के लिए काम करना है।

बता दें, पिछले कुछ महीनों में हुई राजनीतिक नियुक्तियों में भी इस संतुलन को देखा जा सकता है। सरकार ने संघ के करीबी माने जाने वाले पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया। वहीं, वसुंधरा राजे गुट के नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को तिरंगा यात्रा और विभाजन विभीषिका अभियान का संयोजक बनाया गया।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की लगातार दिल्ली यात्राओं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पीएम मोदी से मुलाकात सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की दिल्ली में बढ़ती सक्रियता ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को और हवा दी है। बीजेपी को 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पूर्ण बहुमत मिला था। तीनों राज्यों में सरकार गठन के बाद छत्तीसगढ़ ने सबसे पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया, जिससे राजस्थान में भी इसकी संभावना बढ़ गई है।

ओडिशा: राज्य भाजपा प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर ने बताया कि संगठनात्मक नियुक्तियों और आयोगों में पोस्टिंग पूरी होने के बाद जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिछले दिनों नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिससे राज्य में एक साल पुराने भाजपा मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों को बल मिला।

राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में दोबारा चुने जाने के एक दिन बाद मनमोहन सामल ने भुवनेश्वर में कहा था कि सीएम माझी बहुत जल्द अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।

ओडिशा के पहले 16 सदस्यीय भाजपा मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री माझी के नेतृत्व में भुवनेश्वर में शपथ ली थी। इसमें दो उप-मुख्यमंत्री भी शामिल थे: पश्चिमी ओडिशा से केवी सिंहदेव और तटीय क्षेत्र से प्रवती परिदा, जो राज्य की पहली महिला उप-मुख्यमंत्री बनीं।

ओडिशा के मंत्रिमंडल में अधिकतम 22 सदस्य हो सकते थे। लिहाजा अभी 6 पद रिक्त हैं।

भाजपा ने माझी में अपने पहले आदिवासी मूल के मुख्यमंत्री के साथ प्रयोग किया, क्योंकि ओडिशा की जनसंख्या में आदिवासी 23 प्रतिशत हैं, जबकि पूरे भारत में यह 8 प्रतिशत है।

हालाँकि, माझी के पास अपेक्षित मंत्री पद का अनुभव नहीं था, हालाँकि वे पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में उप-मुख्य सचेतक थे। मुख्यमंत्री माझी ने गृह, सामान्य प्रशासन, वित्त और जल संसाधन जैसे कई प्रमुख विभाग अपने पास रखे, इसलिए उम्मीद थी कि उनके मंत्रिमंडल—जिनमें छह और रिक्तियाँ हैं—का विस्तार उनकी सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर जल्द ही किया जा सकता है।

उत्तराखंड: जब भी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी दिल्ली जाकर पार्टी नेतृत्व से मिलते हैं, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो जाती हैं।

उत्तराखंड मंत्रिमंडल में लंबे समय से खाली चल रहे पदों को भरने की कवायद अब अंतिम चरण में पहुंचती दिखाई दे रही है। फिलहाल, धामी कैबिनेट में पांच पद रिक्त हैं। इनमें से चार सीटें लंबे समय से खाली थीं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है।

भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं की नजर अब कैबिनेट विस्तार पर टिकी हुई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान शीर्ष नेतृत्व से इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की है। माना जा रहा है कि हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला हो जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी संकेत दिए कि कैबिनेट विस्तार को लेकर बातचीत चल रही है और रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। उन्होंने कहा, “धामी कैबिनेट में खाली पदों को भरने के लिए लंबे समय से कवायद जारी थी। अब इस पर जल्द निर्णय होगा।”

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार में कई पद खाली हैं और मंत्रिमंडल विस्तार पर लगातार चर्चा होती रहती है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक पार्टी पहले नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करेगी, उसके बाद ही विस्तार पर कदम बढ़ाएगी।

उत्तर प्रदेश कैबिनेट में विस्तार की आहट है। माना जा रहा है कि इस अगले महीने सितंबर में नवरात्र के दौरान विस्तार हो सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट में विस्तार की सूचना है। यह सूचना ऐसे वक्त में आई है जब समाजवादी पार्टी ने बीते एक महीने में अपने चार बागी विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया है। हाल ही में विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने वाली विधायक पूजा पाल को सपा चीफ अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाल दिया था। हालांकि पूजा ने बागी कदम वर्ष 2024 में उठा लिए थे, जब राज्यसभा चुनाव के दौरान फरवरी 2024 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया था।

अब दावा किया जा रहा है कि कौशांबी स्थित चायल से विधायक पूजा पाल अगर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होतीं हैं तो उन्हें मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो भाजपा यह फैसला जातीय समीकरण को दुरूस्त करने के लिए साधेगी।

यूपी में पाल जाति की आबादी 7 प्रतिशत के करीब मानी जाती है। ऐसे में अगर पूजा पाल बीजेपी में आ जाती है तो इन वोटर्स को साधने में मदद होगी। चर्चा इसलिए है कि पूजा पाल अखिलेश से नाराज हैं। हाल ही में उनकी सीएम योगी से मुलाकात भी हुई थी।

विस्तार नवरात्रि में ही क्यों, इसको लेकर सूत्रों का दावा है कि नवरात्रि से पहले कोई शुभ दिन नहीं है इसलिए यह समय नियत हो सकता है।

पूजा पाल के अलावा सपा ने तीन और नेताओं को पार्टी से निकाला था। इसमें ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और गोसाईंगज से विधायक अभय प्रताप सिंह को निष्कासित किया था। इन तीनों के संदर्भ में दावा है कि बीजेपी इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार में कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। लोक निर्माण विभाग को लेकर भी चर्चा है कि इसका दायित्व किसी अन्य सीनियर नेता को सौंपा जा सकता है। जितिन प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने और केंद्र में मंत्री बनने के बाद से यह विभाग सीएम योगी आदित्यनाथ के पास है।