- राजस्थान में 2.80 करोड़ वोटर शुक्रवार को 13 सीटों के 152 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे
- कंगना रनौत ने पाली और जोधपुर में रोड शो किए, बुधवार को बाड़मेर और जैसलमेर में भी होंगे रोड़ शो
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ था। देश में दूसरे चरण की 88 लोकसभा सीटों पर कुल 1206 प्रत्याशी मैदान में हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा। दूसरे चरण में राजस्थान के 2.80 करोड़ वोटर्स 13 सीटों के 152 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
दूसरे चरण में राजस्थान की 25 में से शेष बची 13 लोकसभा सीटों टोंक-सवाईमाधोपुर,अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर,जालोर, उदयपुर,बासंवाड़ा- डूंगरपुर चितौड़गढ़,राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां में 26 अप्रैल को मतदान होगा। इसके साथ ही प्रदेश में 18 वीं लोकसभा के लिए चुनाव का कार्य शाम 6 बजे संपन्न हो जाएगा। मतदान से 48 घंटे पहले बुधवार को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। राजनीतिक पार्टियों के पास अब प्रचार प्रसार का कम समय ही शेष बचा है। इसके बाद सभी सीटों पर चुनाव आयोग के निर्देश लागू हो जाएंगे जिसमें कई बातों पर प्रतिबंध लागू रहेंगे। आगामी शुक्रवार 26 अप्रैल को होने वाले मतदान को देखते हुए राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के दौरे लगातार जारी हैं। साथ ही राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का चुनाव प्रचार पूरे परवान चढ़ा हुआ है।
जानी मानी फिल्म अदाकारा और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याक्षी कंगना रनौत ने मंगलवार को जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पाली में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी पी चौधरी के समर्थन में रोड शो किया।
वे बुधवार को पश्चिम राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर और जैसलमेर में भी चुनाव प्रचार करेंगी। वे जैसलमेर सुबह 10.20 बजे पहुंच कर भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के समर्थन में हनुमान चौराहे से गढीसर चौराहे तक करीब डेढ़ किलोमीटर रोड़ शो करेगी। इसके बाद वह बाड़मेर जाकर 12.20 बजे विवेकानंद सर्किल से गांधी चौक तक कैलाश चौधरी के पक्ष में रोड शो करेगी।
26 अप्रैल को टोंक सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ बारां लोकसभा सीटों पर होने वाले मतदान को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस में जोरदार टक्कर होने की संभावना है। विशेष कर 13 लोकसभा सीटों में से करीब छह सीटों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। इनमें से कुछ सीटों पर तो कड़ी टक्कर भी दिख रही है। दिलचस्प बात यह है कि इन सीटों में से दो सीट पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत एवं वसुंधरा राजे के बेटे भी चुनाव मैदान में हैं,जबकि अन्य सीटों पर भाजपा के दिग्गज नेताओं लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला और प्रदेश भाजपाध्यक्ष सी पी जोशी सहित अन्य चुनाव मैदान में हैं लिहाज़ा इन दोनों बड़े नेताओं की भी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
अब चूंकि चुनाव प्रचार की अवधि खत्म होने जा रही है। उसे देखते हुए कांग्रेस और बीजेपी ने राजस्थान की 13 सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। राजस्थान की सबसे हॉटसीट में से एक की बात करें तो जोधपुर एक ऐसी सीट है जिसकी चर्चा राज्य में अधिक हो रही है। इसकी वजह केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का यहाँ पर चुनावी मैदान में फिर से उतरना है। शेखावत तीसरी बार चुनावी मैदान में है।कांग्रेस ने शेखावत के सामने तीसरी बार उम्मीदवार बदलते हुए इस बार करण सिंह उचियारड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही राजपूत उम्मीदवार पर विश्वास जताया है।
दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। शेखावत के पक्ष में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सहित बीजेपी के बड़े स्टार प्रचार सभा और रोड शो कर प्रचार करने पहुंचे । इधर कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह उचियारणा के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को छोड़ अभी तक कांग्रेस की तरफ से केंद्र से कोई बड़ा नेता या स्टार प्रचारक जनसभा या रोड शो के लिए नहीं आया है। हालांकि जोधपुर अशोक गहलोत का गढ़ रहा है लेकिन इस बार गजेन्द्र सिंह शेखावत का मुक़ाबला करने खड़े हुए कांग्रेस के कारण करण सिंह उचियारड़ा सचिन पायलट कैंप के नेता माने जाते हैं। करण सिंह की पहचान ऐक्टिव नेता के रूप में रही है। यही कारण है इस बार इस सीट पर मुक़ाबला एक तरफ़ा नहीं है। गजेंद्र सिंह शेखावत हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि इस सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की जाए, लेकिन जानकार बता रहे हैं इस बार माहौल पिछली बार जैसा नहीं है।
ठीक इसी तरह से कोटा बूंदी लोकसभा सीट पर लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला फिर से चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस ने लंबे समय तक भाजपा में नेता रहे प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है। गुंजल किसी समय लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला के विश्वस्त माने जाते थे,लेकिन बदली राजनीतिक परिस्थितियों के चलते अब वह बिरला को ही चुनौती दे रहे हैं। इस सीट के सियासी समीकरण और 10 सालों का कामकाज ओम बिरला के अनुकूल हैं लेकिन गुंजल के चुनावी मैदान में आने से जातीय समीकरण के आधार पर इस सीट पर भी मुक़ाबला दिलचस्प हो गया है। प्रदेश की अजमेर सीट की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी ने निवर्तमान सांसद भागीरथ चौधरी का टिकट रिपीट किया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। 2019 में भागीरथ चौधरी की इस सीट पर जीत हुई थी।
वहीं चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा ने अपने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सांसद सीपी जोशी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना को प्रत्याशी बनाया है। वैसे चित्तौड़गढ़ सीट पर बीजेपी का पलड़ा ज्यादा भारी नजर आ रहा है क्योंकि सीपी जोशी लगातार इस सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। साथ ही वह बीजेपी राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
उनका निर्दलीय चंद्रवीर सिंह आक्या के साथ भी समझौता हो गया है। ऐसे में उनकी इस सीट पर पकड़ ज्यादा मजबूत है। वहीं उदयलाल आंजना की विधानसभा चुनाव में हार हुई थी। ऐसे में उनको सीपी जोशी से कड़ी चुनौती मिल सकती है,हालांकि नतीजे आने के बाद ही चित्तौड़गढ़ स्थिति साफ हो पाएगी।
इधर अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत की साख भी दांव पर लगी हुई है।
जालौर सिरोही लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वैभव गहलोत ने जोधपुर सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि तब उन्हें गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वैभव गहलोत सीट बदलकर जालौर सिरोही से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां पर वैभव गहलोत का सीधा मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी हैं। लुंबाराम चौधरी की इमेज बीजेपी के एक जमीनी कार्यकर्ता की बताई जा रही है। वैभव गहलोत के समर्थन में कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने सभा की थी। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार में रहे कई पूर्व मंत्रियों ने यहां पर प्रचार करने पहुंचे। भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोटरों से मार्मिक अपील की है। इस लोकसभा सीट पर पानी किल्लत रहती है, चुनाव में यहां का यह बड़ा चुनावी मुद्दा है।
राजस्थान की एक और सीट पर सभी की नजरें है। ये सीट बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा है जहां से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी दूसरी बार चुनावी मैदान में है. यह सीट इन दिनों बहुत चर्चा में है । कांग्रेस पार्टी ने यहां राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने वाले उम्मेदाराम बेनीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा यहां से निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी भी चुनावी ताल ठोक रहे हैं। हार जीत के लिए सभी प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बाड़मेर जैसलमेर में सड़क और ट्रांसपोर्टेशन का साधन एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है। यहां कई स्टार प्रचारक प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं और रैली कर वोट मांग रहे हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के कारण सियासी दल और उनके प्रत्याशी भी परिणाम को लेकर सशंकित हैं। यहां कांग्रेस और भाजपा की ओर से एक दूसरे पर झूठ बोलने और प्रचार को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।
इसी प्रकार भीलवाड़ा सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस के डा सी पी जोशी भाजपा के दामोदर अग्रवाल के सामने कड़ी टक्कर में फंसे है। अग्रवाल को निवर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया का टिकट काट भाजपा ने सोंगा प्रत्याक्षी बनाया है।बहेडिया पिछले चुनाव में प्रदेश में सबसे ज्यादा छह लाख से भी अधिक मतों से विजयी हुए थे।
उदयपुर की सीट पर दो नौकरशाह की भिड़ंत हो रही है। कांग्रेस ने उदयपुर के पूर्व जिला कलक्टर तारा चंद मीणा को और भाजपा ने पूर्व परिवहन आयुक्त मन्ना लाल रावत को प्रत्याक्षी बनाया है।
दक्षिणी राजस्थान की सबसे हॉट सीट बांसवाड़ा डूंगरपुर पर कांग्रेस से भाजपा में जाकर टिकट लाए महेंद्र जीत सिंह एक को भारतीय आदिवासी पार्टी बाप के राज कुमार रोत कड़ी टक्कर दे रहे है।
टोंक सवाई माधोपुर में निवर्तमान सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया कांग्रेस के पूर्व सांसद हरीश मीना के साथ कांटे की लड़ाई में आमने सामने है।
दूसरी ओर वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह के लिए झालावाड़ लोक सभा सीट पर हालात ठीक इसके विपरीत हैं। चार बार सांसद रह चुके है दुष्यंत के सामने इस बार भी मुक़ाबला करने वाला मज़बूत प्रत्याशी नहीं है। गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रमोद भाया जैन की पत्नी उर्मिला जैन भाया चुनावी मैदान में हैं,लेकिन जैसी उम्मीद थी वैसा चुनाव कांग्रेस सीट पर नहीं लड़ रही है। राजनीतिक जानकार मानते हैं दुष्यंत लिए इस सीट पर बड़े वोटों के अंतर से जीत दर्ज करना ही एक असल चुनौती है।
इधर पाली सीट पर निवर्तमान सांसद पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पी पी चौधरी तीसरी बार चुनाव मैदान में है। उनकी स्थिति मजबूत बताई जा रही है।
देखना है दूसरे चरण के चुनाव में राजस्थान के मतदाता किसे अपनी पसंद बना वोट देते है। साथ ही प्रदेश में मतदान का प्रतिशत क्या रहता है? इस पर उम्मीदवारों के भाग्य के फैसले का दारोमदार टिका हुआ है।