कल्पना नहीं कर सकते कि बिना ‘वैरी’ के हम कभी हॉकी में विश्व कप विजेता बन सकते थे: अशोक

  • वरिंदर के साथ खेले किस- किस मैच को याद करें
  • वरिंदर जितने बेहतरीन खिलाड़ी थे, उतने ही आला इनसान
  • हम सभी वरिंदर को नम आँखों से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं

अशोक कुमार सिंह

उदयपुर : भारतीय हॉकी का एक जगमगाता सितारा अस्त हो गया । महान हॉकी ओलंपियन वरिंदर सिंह ने मंगलवार सुबह जालंधर में दुनिया को अलविदा कह दिया। विश्वास नहीं होता वरिंदर अब हमारे बीच नहीं रहे। वरिंदर ने मैदान पर हॉकी खेलते वक्त पल भर को भी मैदान पर हमारा साथ नहीं छोड़ा। वरिंदर सिंह और मैं भारत की 1975 में हॉकी विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे। हम सभी दोस्तों के लिए वरिंदर ‘वैरी’ थे। वह हमेशा ही तिरंगे के बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प रहे। बिजली की तेजी से प्रतिद्वंद्वी फॉरवर्ड से गेंद छीन, चीते की रफ्तार से हम सभी साथी फॉरवर्ड को बढ़ाने में उनका कोई सानी नहीं नहीं था। वरिंदर के साथ खेले किस- किस मैच को याद करें। वरिंदर सिंह हॉकी की दुनिया मे हमारे जमाने के हाफ लाइन के महान एक महान खिलाड़ी रहे। वह जितने बेहतरीन खिलाड़ी थे, उतने ही आला इनसान। मैं, कप्तान अजित पाल सिंह ,ब्रिगेडियर हरचरण सिंह और होनहार वरिंदर सिंह ऐसे चार खिलाड़ी रहे है जिन्हें विश्व कप में -कांस्य, रजत और स्वर्ण- -जीतने का अनूठा गौरव हासिल है। मंगलवार को वरिंदर सिंह के अचानक दुनिया को अलविदा कहने की खबर से मेरे साथ 1975 की हॉकी विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम के हर खिलाड़ी पर मानों बिजली गिर गई हो । हम सब शोक सागर में डूब गए। वरिंदर सिंह के अकस्मात निधन की खबर से महान सुरजीत सिंह, शिवाजी पवार, माइकल किंडो (किन्नी) भी आज याद आ गए। आज मंगलवार को 28 दिन भी नहीं हुए जब मेरे जन्म दिन 1 जून को वरिंदर से खुशगवार माहौल मे बात हुई थी। बातचीत में वहीं जिंदा दिली। बात करने का वहीं जोशीला अंदाज। लगता ही नहीं कि ‘वैरी”(वरिंदर) ने हम सभी को अलविदा कह दुनिया से चले गए। हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि बिना ‘वैरी’ हम हॉकी में कभी विश्व कप विजेता बन सकते थे। उनका चट्टान की भाँति , वीर सैनिक की तरह भारतीय गोल की मुस्तैदी से हिफाजत करना, सब याद आ जाता है। याद आता है उनका पलक झपकते गेंद को प्रतिद्वंद्वी से छीन अपने कब्जे में कर लेना। फिर उतनी ही नफासत से उनका गेंद को हम सभी अग्रिम पंक्ति के साथियों को बढ़ाना। सब कुछ लाजवाब था। हॉकी की अदुभुत कलाकारी के धनी थे हमारे ‘वैरी’। हम 1975 में हॉकी विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य कप्तान अजित पाल सिंह , अशोक दीवान, लेस्ली फर्नांडीज, असलम शेर खान, वीजे फिलिप्स, बीपी गोविंदा, हरचरण सिंह,ओंकार सिंह भारी मन से अपने महान दोस्त, हॉकी खिलाड़ी, अर्जुन पुरस्कार और मेजर ध्यानचंद लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित वरिंदर सिंह को नम आँखों से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

नोट: वरिंदर सिंह के दुनिया को अलविदा कहने पर 1975 की विश्व कप
जीतने वाली टीम के साथी अशोक कुमार कुमार कुछ यूं उन्हें याद किया