सीबीआई ने उद्योगपति अनिल अंबानी के घर और दफ़्तर में छापे मारे

CBI raids industrialist Anil Ambani's house and office

इंद्र वशिष्ठ

सीबीआई ने करीब 3 हज़ार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी के घर और मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के दफ़्तर में शनिवार को छापे मारे।

सीबीआई के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक, मुंबई की शिकायत पर 21अगस्त को मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम), मुंबई, इसके निदेशक अनिल धीरुभाई अंबानी, अज्ञात सरकारी अफसरों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ बैंक के साथ धोखाधड़ी करने और बैंक को 2929.05 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाने के आरोप में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

आपराधिक साज़िश-
आरोप है कि आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के पक्ष में एसबीआई को गलत जानकारी दी और ऋण सुविधाएं स्वीकृत करवाई। ऋण के दुरुपयोग/ दूसरी जगह भेजने (डाईवर्जन), ऋण के संभावित मार्ग, इंटर-कंपनी ऋण लेनदेन, सेल्स चालान फॉयनासिंग के दुरुपयोग, मेसर्स रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड द्वारा आरकॉम के बिलों में छूट, इंटर-कॉर्पोरेट डिपॉजिट के माध्यम से राशि की आवाजाही, रिलायंस एडीए समूह की एक समूह कंपनी मेसर्स नेटिज़न इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए पूंजीगत अग्रिमों (कैपिटल एडवांस) को बट्टे खाते में डालना और काल्पनिक देनदारों का निर्माण/बट्टे खाते में डालना आदि से संबंधित हैं। उपरोक्त कृत्यों के द्वारा आरोपियों पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात के अपराध करने का आरोप है।

सीबीआई ने विशेष न्यायालय से तलाशी वारंट लेकर शनिवार, 23 अगस्त को मुंबई में अनिल अंबानी के सी विंड, कफ परेड, कोलाबा स्थित घर और मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के आधिकारिक परिसर में छापे मारे।

17 हजार करोड़ की धोखाधड़ी-
इसके पहले, 5 अगस्त को ईडी ने अनिल अंबानी से 17000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई घंटे पूछताछ की थी।

ईडी ने जुलाई में अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों और आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे थे।

ईडी को शक है कि यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में गड़बड़ी हुई है और शेल कंपनियों के माध्यम से फंड को दूसरी जगह भेजा गया है। शेल कंपनियां ऐसी कंपनियां होती हैं जो सिर्फ नाम के लिए होती हैं और उनका कोई वास्तविक कारोबार नहीं होता।
ईडी के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड पर 5,901 करोड़ रुपये से अधिक, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड पर 8,226 करोड़ रुपये से अधिक और आरकॉम पर लगभग 4,105 करोड़ रुपये का कर्ज है। यह कर्ज लगभग 20 सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के एक समूह का है, जिसमें यस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं।