जनजातीय गौरव दिवस एवं झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस का आयोजन

Celebration of Tribal Pride Day and Jharkhand State Foundation Day

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : राजभवन में जनजातीय गौरव दिवस एवं झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस आयोजित किया गया। इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा जी के राष्ट्र हेतु असाधारण योगदान एवं उनके अदम्य साहस को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया। कार्यक्रम में एकलव्य बालिका इण्टर कॉलेज की छात्राओं द्वारा जौनसारी संस्कृति पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने जनजाति कल्याण विभाग द्वारा तैयार की गई पुस्तक ‘‘आदि कर्मयोगी अभियान’’ का विमोचन किया।

भगवान बिरसा मुंडा जी के अद्वितीय संघर्ष और साहस को स्मरण करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे देश के जनजातीय समाज के साहस, स्वाभिमान और अधिकारों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राष्ट्र निर्माण तक जनजातीय समुदायों का योगदान अद्वितीय और अमूल्य रहा है। प्रकृति-सम्मत जीवन शैली, परिश्रम, समानता, सामाजिक सहयोग और मातृभूमि के प्रति अटूट निष्ठा, ये जनजातीय जीवन मूल्य पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

राज्यपाल ने जनजातीय समुदायों के उत्थान, शिक्षा, रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि उनका ज्ञान, साहस और जीवन-दर्शन भारत की समृद्धि और एकता की महत्वपूर्ण धरोहर है।

उन्होंने झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 15 नवम्बर न केवल झारखण्ड के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता, जनजातीय गौरव और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में झारखण्ड अपने प्राकृतिक संसाधनों, औद्योगिक सामर्थ्य और युवा प्रतिभा के दम पर महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।