फुटवियर पर केन्द्र के नये नियमों से व्यापारियों में खलबली, करोड़ों के नुकसान की आशंका

  • सीटीआई ने केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र
  • BIS मानकों को लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाया जाए
  • 30 जून 2023 तक के करोड़ों रुपए के फुटवियर स्टाॅक का क्या करेंगे व्यापारी

प्रमोद शर्मा 

नई दिल्ली : अगले महीने जुलाई से बाजार में जूते और चप्पल बेचने के लिए नये मापदंड जारी किए हैं जिसको लेकर फुटवियर व्यापारियों में नाराजगी है और करोड़ों रूपए के नुकसान की आशंका है , भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने फुटवियर्स से जुड़े 25 से ज्यादा उत्पादों के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (क्यूसीओ) जारी कर दिया है, वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ( DPIIT ) ने आदेश जारी किया है कि चमड़े , रबर और अन्य प्रकार के मैटीरियल से बने सभी तरह के फुटवियर 1 जुलाई 2023 से अनिवार्य रूप से BIS से एक लाइसेंस लेकर उपयुक्त मानकों के अनुरूप ही बनने और बेचे जाने चाहिए, लेकिन आदेश में कहीं भी ये स्पष्ट नहीं किया गया कि 30 जून 2023 तक का जो स्टाॅक व्यापारियों के पास रखा होगा , उसका क्या होगा ? इसके अलावा BIS टेस्टिंग तथा सर्टिफिकेशन के लिए भी अभी पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं , साथ ही BIS ने ये भी नहीं बताया कि टेस्टिंग का पैमाना और प्रक्रिया क्या होगी जिसके कारण बहुत से फुटवियर व्यापारियों की फैक्ट्रियों में टेस्टिंग फैसिलिटी बन ही नहीं पाई है ।

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने आपत्ति जताते हुए इस मुद्दे पर केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है,
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि इस तरह के नियमों से फुटवियर्स निर्माताओं से लेकर व्यापारियों में खलबली मच गई है। सभी को समझ नहीं आ रहा कि पुराने स्टॉक का क्या करें?

इस विषय में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है, उनसे आग्रह किया है कि क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर की तारीख को आगे बढ़ाया जाए, निश्चित रूप से BIS मानकों के चलते फुटवियर इंडस्ट्री को खतरा हो गया है ।

बृजेश गोयल ने कहा कि उत्पादों के आयात पर भी समान नियम लागू होंगे। इसका पालन नहीं किया, तो जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है , फुटवियर इंडस्ट्री फैशन से जुड़ी है , इसे BIS मानकों में नहीं बांधा जा सकता है , इसके अलावा इन आइटम में रबड़ के स्लीपर, फुटवियर, सफाईकर्मियों के बूट, रबड़ सोल, हाई एंकल वाले प्लास्टिक बूट, खनन में काम आने वाले सेफ्टी बूट और कंस्ट्रक्शन साइट पर यूज होने वाले जूते हैं। बीआईएस ने उद्योग संवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के कहने पर इन उत्पादों के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी किया है।

बृजेश गोयल ने कहा, अभी तक बीआईएस ने अपने आदेश में यह भी साफ नहीं किया कि 30 जून 2023 तक के स्टॉक का क्या करना है?

आंकड़ों की बात करें तो 2022-23 में फुटवियर और फुटवियर से जुड़े अन्य उत्पादों का करीब 85 करोड़ डॉलर का आयात किया गया। जबकि 2021-22 में यह आयात 57 करोड़ डॉलर था।

दिल्ली के फुटवियर निर्माताओं के फोन आ रहे है। सभी केंद्र सरकार से रियायत मांग रहे हैं।