अजय कुमार
कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में 23 दिन के भीतर ट्रेन हादसे की साजिश को भले ही पुलिस ने नाकाम कर दिया हो,लेकिन इन तीन साजिशों की आशंका को देखते हुए एनआईए, एटीएस और आईबी की टीमें जांच में जुट गई हैं। एटीएस, आइबी और एनआइए की टीमों ने तीसरी साजिश के बाद मौके पर जाकर परीक्षण किया है। एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी ने भी मौके पर जांच की। मौके से माचिस व कुछ पाउडर जैसा पदार्थ एक मिठाई के डिब्बे में एक कैरी बैग में रखा हुआ मिला था। यह कैरी बैग और मिठाई का डिब्बा छिबरामऊ के सियाराम स्वीट्स का है। माचिस सुपर टेडी कंपनी की है।रेलवे ने इन साजिशों के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है उसमें उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है।
गौरतलब हो कासगंज-कानपुर रेलवे मार्ग पर बिल्हौर से पहले कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर से टकराकर पलटाने की कोशिश के मामले में पुलिस ने छह टीमें गठित की हैं। इंस्पेक्टर शिवराजपुर, इंस्पेक्टर बिल्हौर और इंस्पेक्टर चौबेपुर के नेतृत्व में तीन टीमें बनी है। इन टीमों को जनपद के बाहर छापेमारी व अन्य सबूत एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा सर्विलांस और स्वाट की टीमों को भी लगाया गया है। आसपास के गांव में अपराधी तत्वों की पहचान के लिए एडीसीपी एलआइयू के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है।
पुलिस ने सियाराम स्वीट्स के सीसी कैमरे का डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकार्डिंग) अपने कब्जे में ली है। इसके अलावा यह भी देखने की कोशिश की जा रही है कि सुपर टेडी माचिस किसी क्षेत्र में चलती है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि शिवराजपुर में भी इस ब्रांड की माचिस प्रयोग में लाई जाती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले झांसी रेलमार्ग पर साबरमती एक्सप्रेस 16 अगस्त को डिरेल हुई थी। इंजन से पटरी का टुकड़ा टकराया था। अब तक की जांच में संकेत मिले हैं कि पटरी का टुकड़ा ट्रैक से बांधा गया था। इसके बाद फर्रूखाबाद में सवारी ट्रेन पलटाने के लिए पटरी पर लकड़ी का बोटा रखा गया।हालांकि यह मामला पुलिस ने खोल दिया था। अब बिल्हौर से पहले बर्राजपुर के आगे कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश हुई। यहां मिली चीजें बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं कि इन हादसों के पीछे कोई मास्टरमांइड है जो सामान्य तरीकों से बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बार-बार प्रयास कर रहा है। सामान्य तरीकों और वस्तुओं का प्रयोग इसलिए किया जा रहा है ताकि हादसा हो जाए और यह आतंकी घटना न लगे। साबरमती मामले में आइबी, एटीएस ने जांच की लेकिन स्पष्ट रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। सवाल यह भी है कि यह साजिश मोदी सरकार को बदनाम करने के लिये तो नहीं रचि जा रही हैं,जिस तरह से विपक्ष इन साजिशों से मुंह फेरे हुए है,वह भी सियासत का एक बदरंग चेहरा नजर आ रहा है।