पक्ष-विपक्ष के सामने चुनौतियां तो आएंगी ही

ओम प्रकाश उनियाल

आखिरकार विपक्ष ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को जड़ से उखाड़ने के लिए नयी रणनीति तैयार कर ही ली है। यूपीए का नाम हटाकर 26 दलों का गठबंधन कर अब इसे ‘इंडिया’ नाम दिया गया है। पूरा नाम है ‘नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूजिव एलायंस’। हालांकि इस नाम पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। गठबंधन में बसपा, एआईआईएम जैसे कुछ राजनीतिक दल शामिल नहीं हुए हैं। बसपा तो अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। अन्य जो भी दल इस गठबंधन में शामिल नहीं हुए हैं वे थाली के बैंगन की तरह किधर लुढ़केंगे कुछ कहा नहीं जा सकता। नया गठबंधन कब तक स्थिरता बनाए रखेगा यह सबसे बड़ा अहम सवाल है? क्योंकि, इसमें जो बड़े दल हैं कहीं पहले तो वे ही आपस में टकराना शुरु न कर दें। ऐसे में क्षेत्रीय व अन्य छोटे दल भी पीछे नहीं रहेंगे। जिससे बिखराव की स्थिति बनने की संभावना बन सकती है। हालांकि, गठबंधन एकता बरकरार रखने का ठोस दावा भी कर रहा है। दूसरी तरफ एनडीए है जिसमें 38 घटक दल हैं। विपक्ष के नए गठबंधन से एनडीए के भीतर भी थोड़ी हलचल जरूर हो रही होगी। बेशक, एनडीए इसे हल्के में ले रहा होगा। 2014 से अभी तक तो मोदी का जादू चलता आ रहा है। लेकिन पासा पलटते देर भी नहीं लगती। खैर, चुनाव तक सभी दलों के पास अपनी अहमियत जानने,सोचने-समझने, विचार करने का समय है। जहां तक चुनौती का सवाल है तो पक्ष-विपक्ष के सामने आपसी चुनौती तो है ही।