छेत्री का 6 जून को कुवैत के खिलाफ मैच भारत के लिए होगा आखिरी मैच
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : करिश्माई स्ट्राइकर भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने की घोषणा की। भाईचुंग भूटिया को अपना आदर्श मानने वाले और उनकी विरासत को शानदार ढंग से आगे बढ़ाने वाले सुनील छेत्री ने सोशल मीडिया पर विडियो पोस्ट करते हुए घोषणा की कुवैत के खिलाफ छह जून को फीफा विश्व कप 2026 क्वॉलिफाइंग मैच उनका भारत के लिए आखिरी अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैच होगा। सुनील छेत्री के कुवैत के खिलाफ छह जून के खिलाफ उनके भारत के लिए करीब दो दशक के शानदार करियर का समापन हो जाएगा। भारत फिलहाल ग्रुप ए में शीर्ष पर चल रहे कतर के बाद चार अंकों के साथ दूसरे नंबर पर है।
‘भारत के लिए खेलना जिम्मेदारी, दबाव व खुशी का अदभुत संयोजन’
39 बरस के सुनील छेत्री ने अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने के विडियो संदेश में सुनील छेत्री ने कहा, ‘ मेरे लिए बीते 19 बरस तक भारत के लिए खेलने का अनुभव जिम्मेदारी, दबाव और खुशी का अदभुत संयोजन है। निजी तौर पर मैंने कभी नहीं सोचा मैंने भारत के लिए ये जो मैच खेले, मैंने इनमे यहं अच्छा किया, बुरा किया। अब मैंने पिछले डेढ़ दो महीनों में यह फैसला लिया और जरूर कुछ अजीब सा लगा। मैंने अब ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं यह फैसला लेने जा रहा था कि भारत के लिए अगला मैच मेरा आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच होगा। मैंने भारतीय फुटबॉल टीम के साथ हर ट्रेनिंग सत्र का पूरा लुत्फ उठाने की कोशिश की। हमारा कुवैत के खिलाफ अगला मैच बहुत दबाव वाला और अहम होगा क्योंकि इसमें हमें अगले दौर के लिए क्वॉलिफाई करने करने के लिए जीत के साथ तीन अंक चाहिए। कुछ अजीब सी बात है कि मुझे दबाव नहीं महसूस नहीं होता कि मेरे लिए भारतीय टीम के साथ ये 15-20 दिन और कुवैत के खिलाफ मैच आखिरी मैच है।/
सुनील छेत्री के नाम हैं भारत के सबसे ज्यादा 94 अंतर्राष्ट्रीय गोल
भारत के सुनील छेत्री (150 अंतर्राष्ट्रीय मैच, 94 गोल) फिलहाल अपने देश के लिए खेल रहे अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉलरों में सबसे ज्यादा गोल दागने में शीर्ष पर चल रहे पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रॉनाल्डो (205 अंतर्राष्ट्रीय मैच, 125 गोल) और दूसरे स्थान पर चल रहे अर्जेंटीना के लियोनल मैसी (180 अंतर्राष्ट्रीय मैच ,106 गोल) के बाद तीसरे नंबर हैं। क्रिस्टियानो रॉनाल्डो के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय गोल दागने में ईरान के अली देई(148 अंतर्राष्ट्रीय मैच, 108 गोल) दूसरे स्थान पर लेकिन वह अब अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कह चुके हैं।
सुनील छेत्री हैं भारत के लिए विदेशी लीग में खेलने वाले तीसरे फुटबॉलर
सुनील छेत्री ने अपना 150 वां अंतर्राष्ट्रीय मैच इस साल गुवाहाटी में अफगानिस्तान के खिलाफ खेला लेकिन उनके एक गोल करने के बावजूद भारत यह मैच 1-2 से हार गया था। भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने और गोल करने का कीर्तिमान सुनील छेत्री के नाम है। सुनील छेत्री को 2010 में अमेरिका में मेजर लीग सॉकर में कंसास सिटी विजार्ड ने अनुबंधित किया। इसके साथ वह मोहम्मद सलीम और अपने आदर्श भाईचुंग भूटिया के बाद विदेशी फुटबॉल लीग में खेलने वाले तीसरे भारतीय फुटबॉलर बन गए। सुनील छेत्री एक सीजन ही विदेशी लीग में खेलने के बाद भारत वापस लौट आए।
कामयाबियों की फेहरिस्त है सुनील छेत्री के नाम
सुनील छेत्री ने भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल करियर का आगाज 12 जून, 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ मैच में करने के साथ अपने इस पहले ही मैच में गोल भी किया। सुनील छेत्री अपने शानदार फुटबॉल करियर में छह बार अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के साल के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर चुने और उन्हें 2011 में अर्जर्ुन पुरस्कार और 2019 पदमश्री से भी नवाजा गया। अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मंच पर सुनील छेत्री भारत की 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011और 2015 में सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप 2007, 2009 और 2012 नेहरू कप के साथ 2017और 2018 में इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीतने वाली टीमों का हिस्सा रहे।
मेरे फैसले से पिता सहज नजर आए, मां और पत्नी रोने लगीं
सुनील छेत्री ने कहा, ‘जब मैंने अपने भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने के फैसले को सबसे पहले अपने परिवार में अपनी मां, अपनी पिता और अपनी पत्नी से साझा किया। मेरे पिता मेरे इस फैसले से एकदम सहज नजर और उनके चेहरे पर एक सुकून नजर आया और इससे खुश थे। मेरी मां और मेरी पत्नी मेरे इस फैसले की बाबत सुनकर रोने लगी और ये दोनों ये बयां नहीं कर पाई उनकी आंखों से अश्रुधारा क्यों बह निकली।’
अपने अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने के विडियो में सुनील छेत्री खासे भावुक नजर आए और उन्होंने अपने इस दौरान भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अपना पदार्पण अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैच और उसमें अपने कोच सुखी (सुखविंदर सिंह) सर को याद किया। सुखी सर ने मुझसे मैच की सुबह कहा आप आज मैच में खेलेंगे। यह क्षण और वह अहसास मैं कभी नहीं भुला पाउंगा। भारतीय फुटबॉल टीम की जर्सी में जब देश के लिए मैंने अपने इस पहले ही अंतर्राष्ट्रीय मैच में पहला गोल किया तो उस अहसास को बयां नहीं कर सकता हूं।’