नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली। कांग्रेस में चल रहें नाज़ुक सियासी घटनाक्रम के मध्य बुधवार रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोतनई दिल्ली पहुँचे । गहलोत के गुरुवार को कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाक़ात होनेकी सम्भावना है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार राजस्थान के घटनाक्रम में मध्य सोनिया गाँधी को एक मर्म स्पर्शी पत्र भी लिखा है।गहलोत कांग्रेस और मीडिया के एक धड़े द्वारा उन्हें खलनायक के रुप में पेश करने को लेकर बेहद दुःखी और आहत है। जबकि मलिकार्जुन खड़के और अजमाकन ने भी अपनी रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट दी हैं।
राजनीतिक सूत्रों का मानना है कि जी-23 सहित कांग्रेस के कतिपय नेता गाँधी परिवार से उनकी निकटता औरराष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते वर्चस्व को पचा नही पा रहे थे और यें नेता उनके किसी प्रखर विरोधी नेता के माध्यमसे उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास कर रहें थे। सियासी चौसर का यह खेल इतना आगे बढ़ाया गया कि गहलोतको अंततोगत्वा चक्रव्यूह में फ़ँसाने का उन्हें अवसर मिल ही गया। अब देखना है कि राजनीति के जादूगर इससेबाहर कैसे निकलते है? गाँधी परिवार के साथ अपने सुदीर्घ सम्बन्धों निष्ठा वफ़ादारी कर्तव्य निष्ठा और कांग्रेसके सिद्धांतों पार्टी की नीतियों कार्यक्रमों के प्रति गहलोत का समर्पण किसी से छुपा नही है। वर्तमान हालातों मेंवे जब सोनिया और कोटरी का सामना करेंगे तों पहलें की भाँति सहज रहेंगे या नहीं यह भी देखना होगा।राजनीतिक जानकारों और गहलोत को निकट से जानने वाले कहते है कि अशोक गहलोत स्थिति को सामान्यबना कर ही लोटेंगे।