रविवार दिल्ली नेटवर्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कांग्रेस व समाजवादी पार्टी पर बरसे। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ सनातन धर्म के इस सबसे बड़े आयोजन का साक्षी बनकर देश व दुनिया गौरव की अनुभूति कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सनातन धर्म के खिलाफ षडयंत्र करने वाले तत्वों के द्वारा लगातार शरारत पर शरारत करते हुए झूठ व असत्य के नित नए प्रतिमान गढ़े जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के वक्तव्य इनके सनातन धर्म विरोधी चरित्र को उजागर कराता है। इनका यह बयान न केवल सनातन धर्म पर प्रहार है, बल्कि निंदनीय व शर्मनाक है। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना कि मौनी अमावस्या में हजारों लोग मर गए, यह अफसोसजनक है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि संसद में मर्यादित बयान रखें। इनका बयान गुमराह करने वाला है। दोनों दलों में प्रतिस्पर्धा है कि कौन कितना सनातन धर्म विरोधी वक्तव्य दे सके। सीएम ने कहा कि यह कहना कि कोई आंकड़े नहीं दिए गए, गलत है। प्रशासन ने भी आंकड़े दिए गए और मैंने भी उन्हें सबके सामने रखा। घटना दुखद थी। इससे हर कोई दुखी थी। मेला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस ने मिलकर क्विक रिस्पांस से घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया।
सीएम ने कहा कि उस दिन करोड़ों लोग प्रयागराज में थे। सनातन धर्म विरोधी और यह दोनों दल चाहते थे कि बड़ा हादसा हो जाए। हमारी पहली प्राथमिकता थी कि किसी भी स्थिति में जीरो हादसे तक लेकर जाएं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से यह घटना घटित हुई। प्रशासन व संबंधित संस्थाओं ने क्विक रिस्पांस से कार्य किया और उन्हें हॉस्पिटलाइज किया। इसमें कुछ लोग हादसे का शिकार हुए, यह दुखद है। सीएम योगी ने कहा कि घायलों का समुचित उपचार कराया गया। कुछ घायल प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में हैं, शेष अपने परिवार में जा चुके हैं। मैंने, मंत्रियों, मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रशासन ने भी सभी से मुलाकात की। प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में भर्ती लोगों से मेरी बात हुई। वे सभी कह रहे थे कि व्यवस्था में खामी नहीं थी। सीएम ने कहा कि हमने तत्काल न्यायिक कमीशन गठित किया। सरकार सभी पहलुओं को लेकर जांच करा रही है। प्रयागराज में लगभग 8-9 करोड़ लोग थे, उन्हें सुरक्षित घरों तक वापस भेजना हमारी पहली प्राथमिकता थी।
सीएम ने कहा कि यह दोनों दल व सनातन धर्म विरोधी जो लोग कह रहे हैं कि लाखों लोगों ने स्नान नहीं किया। अमृत व शाही स्नान नहीं हुआ, यह गुमराह करने वाला है। सनातन धर्म की अवमानना ही नहीं, बल्कि बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है। सीएम योगी ने कहा कि कोई भी परंपरा बाधित नहीं हुई। मौनी अमावस्या का स्नान पहले दिन शाम साढ़े सात बजे से प्रारंभ हो गया था, अगले दिन देर शाम तक मुहूर्त था। हादसे के तत्काल बाद अखाड़ों ने मेला प्राधिकरण से बात कर अपना स्नान कुछ देर के लिए स्थगित किया था। फिर मेरी बातचीत हुई, दोपहर बाद सभी अखाड़े, संतजन, आचार्य महामंडलेश्वर स्नान का हिस्सा बने। सभी स्नान परंपरागत तरीके से हुए। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी के तीनों अमृत स्नान में सभी अखाड़े भागीदार बने। .