- अधिकारियों को सुबह 10 से 11 बजे तक जनसुनवाई करने का निर्देश
- लापरवाही मिलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
- सीयूजी नम्बर पर वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं उत्तर देने का निर्देश
रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित निस्तारण अपनी शीर्ष प्राथमिकता में रखा है और इसके लिए वह स्वयं समीक्षा भी करते रहे हैं।
इसी के अनुपालन में प्रदेश सरकार ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि जनशिकायतों का जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए। सरकार ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक, पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस आयुक्त अपने कार्यालय में समस्त कार्यदिवसों में सुबह 10 से 11 बजे तक जनसुनवाई करें और वहीं पर समस्याओं का निस्तारण करें। यदि जनसुनवाई में अधिकारियों की अनुपस्थिति आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित निस्तारण नहीं होता है तो सम्बन्धित जिलास्तरीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव ने पत्र जारी किया है।
प्रदेश सरकार का निर्देश है कि यदि किसी प्रार्थी की समस्या ज्यादा समय से लम्बित है, तो दूरभाष पर राजस्व व पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर प्राप्त समस्याओं का निस्तारण कराया जाए। विशेष कर भूमि सम्बन्धी विवाद में पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक यदि आवश्यक हो तो राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई करें।
प्रदेश सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जनसुनवाई के समय अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों की यदि भ्रष्टाचार आदि की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि कोई शिकायतकर्ता एक बार से अधिक शिकायत देता है तो समस्या के मूल कारण को समझकर दोषी कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। जनसुनवाई के वक्त जनप्रतिनिधियों से प्राप्त जनसमस्याओं का प्राथमिकता पर निस्तारण किया जाए। सीयूजी नम्बर पर वरिष्ठ अधिकारीगण स्वयं उत्तर दें।
प्रदेश सरकार ने मण्डल व जिलास्तरीय अधिकारी नियमित रूप से आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन, तहसील/थाना दिवस में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। यह भी निर्देशित किया गया है कि जिस किसी ब्लाक, तहसील या थाने में अधिकतम मामले लम्बित हों, उनके संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि जनशिकायतों के समयबद्ध निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री ने समय-समय पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी निर्देश दिए गए हैं। यह भी निर्देश दिया गया है कि जिलास्तरीय अधिकारी ऐसे चिन्हित तहसील व थानों की विशेष समीक्षा करें और आवश्यकता हो तो भ्रमण भी सुनिश्चित कर मानक के अनुरूप निस्तारण सुनिश्चित करें। इसके साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण करना जनपद के अधिकारियों का उत्तरदायित्व है।