रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : राज्य के जलस्रोतों, नदियों, सहायक नदियों, धाराओं के पुनर्जीवीकरण हेतु जिलावार योजना के स्थान पर इंटीग्रेटिड पर कार्य करने के निर्देश मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय में आयोजित बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को दिए। उन्होंने राज्य में जल संरक्षण के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत प्रत्येक ब्लॉक में 10 क्रिटिकल सूख रहे स्प्रिंग तथा जिलें में 20 क्रिटिकल सूख रहे जलधाराओं/सहायक नदियों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिले में दीर्घ अवधि के योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की योजना बनाने और मैदानी जिलों में सूख चुके तालाबों के चिन्हीकरण एवं पुनर्जीवीकरण के एक्शन प्लान पर भी कार्य के करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों से एक्शन प्लान प्राप्त ना होने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारियों को एक सप्ताह की डेडलाइन दी है। विषय की गम्भीरता को देखते हुए उन्होंने जिलाधिकारियों को जिले में तत्काल एक पूर्णकालिक समर्पित जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को तत्काल तीन दिन के भीतर जिला स्तरीय स्प्रिंग एंड रीवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) की बैठक लेने तथा मुख्य विकास अधिकारी को इस अभियान से प्रमुखता से जोड़ने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव वित्त को निर्देश दिए कि विभिन्न माध्यमों जैसे मनरेगा, नाबार्ड, कैम्पा, पीएमकेएसवाई से जलस्रोतों व नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु फण्डिंग यूटिलाइजेशन के सम्बन्ध में बैठक करने हेतु पत्र जारी किया जाए।
इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।