सपा में घमासान: अखिलेश यादव के सामने नेताओं ने खोली एक-दूसरे की पोल

Clash in SP: Leaders exposed each other in front of Akhilesh Yadav

अजय कुमार

लखनऊ : सपा नेताओं के बीच गुटबाजी और आपसी विवाद मंगलवार को लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने खुलकर सामने आया। बैठक के दौरान नेताओं ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए और लोकसभा चुनाव में हार के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। अखिलेश यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर चुनाव को बेहतर तरीके से लड़ा जाता तो पार्टी की जीत हो सकती थी।

अखिलेश यादव ने मेरठ के नेताओं को लोकसभा चुनाव की हार पर समीक्षा करने के लिए लखनऊ बुलाया था। बैठक में मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा उपचुनाव की तैयारी पर भी चर्चा की गई। इसमें सपा के विधायक, पूर्व और वर्तमान जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए। लोकसभा चुनाव में सपा को भाजपा के प्रत्याशी अरुण गोविल से करीब 10 हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। हार की वजह आपसी कलह और आरोप-प्रत्यारोप भी रहे, जिनकी समीक्षा की गई।

सपाकी प्रत्याशी सुनीता वर्मा के पति, पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने बैठक में आरोप लगाया कि संगठन ने चुनाव में उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं दिया। उन्होंने बिना नाम लिए अतुल प्रधान पर निशाना साधते हुए कहा कि भीतरघात की वजह से हार हुई। इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. परविंदर सिंह की भी आलोचना की, कहकर कि चुनाव के दौरान उनसे मिलने के बावजूद वे उपलब्ध नहीं हुए। इन दोनों के बीच काफी कहासुनी भी हुई।

पूर्व मंत्री प्रभु दयाल वाल्मीकि भी आलोचना के दायरे में आए। सपा के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रभु दयाल ने बिजनौर के सपा प्रत्याशी को सही तरीके से चुनाव नहीं लड़ाया, जिससे भाजपा के चंदन चौहान को जीत मिली।

जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव को मजबूती से नहीं लड़ा। उन्होंने चुनाव के लिए तय बजट और लोगों को जोड़ने की कोशिश भी ठीक से नहीं की, जिससे हार की स्थिति बनी।

अखिलेश यादव ने कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर, सरधना विधायक अतुल प्रधान, और शहर विधायक रफीक अंसारी से कहा कि अगर वे 10-10 हजार वोट और दिलवा देते, तो पार्टी जीत सकती थी। खासकर शाहिद मंजूर से उन्होंने कहा कि किठौर विधानसभा में कई बूथों पर हार हुई, जो नहीं होनी चाहिए थी।

कुछ सपाइयों ने जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी को हटाने की मांग की, आरोप लगाते हुए कि वे संगठन को मजबूती से नहीं चला रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सभी शिकायतों को गोपनीय रूप से लिखकर उन्हें दें, और फिर कार्रवाई की जाएगी।

अखिलेश यादव ने योगेश वर्मा और सुनीता वर्मा से कहा कि चुनाव को और बेहतर तरीके से लड़ा जा सकता था, लेकिन फिर भी काफी वोट मिले और अच्छा चुनाव लड़ा। बैठक में पूर्व और वर्तमान विधायकों, लोकसभा प्रत्याशी, और जिलाध्यक्ष के अलावा कई अन्य नेता भी शामिल थे।