रविवार दिल्ली नेटवर्क
सिरमौर : सिरमौर जिला में आज भी कुम्हार मिटटी से त्योहारों पर उत्पाद बनाने की अपनी परम्परा को जीवित रखे हुए हैं। विशेषकर दीपावली पर आने अले अनेक पर्वों,त्योहारों को लेकर ये लोग तरह तरह के आकर्षक उत्पाद लेकर आये हैं जोकि परम्परागत तरीकों से बनाये गए हैं। लेकिन आधुनिकता के इस दौर में जब प्लास्टिक ,स्टील आदि बाजार में हैं और दूसरी तरफ ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता क्रेज इनके उत्पादों पर भारी पड़ने लगा है। ये लोग तो परम्परागत व्यवसाय को संभाल रहे हैं लेकिन इन्हे चिंता हैकि यदि यही हालत रही तो आने वाली पीढ़ी शायद ही इस परम्परागत कार्य से जुड़े। उन्हें अब सरकार से ही उम्मीद हैकि वो ही इनके लिए कुछ कार्य करेगी ताकि यह मिटटी की परम्परा आगे भी जारी रह सके।
संजीव कुमार ने बताया कि वो कई दिनों से बाजार में उत्पाद लेकर बैठे हैं लेकिन मिटटी के उत्पादों में लोग कम रूचि दिखा रहे हैं। दूसरे ऑनलाइन शॉपिंग भी उनके व्यवसाय पर भारी पड़ रही है। यह उनका खानदानी कार्य है लेकिन अब यह काम विलुप्त होने की कगार पर है। सरकार की उनतक नहीं पहुंच रही हैं। उनकी उम्मीद अब पी एम् मोदी जी से ही है। बाइट ; राकेश कुमार ने बतायाकि वो लोग अपने परम्परागत कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन लोग ये उत्पाद अधिक नहीं ले रहे हैं। नगर परिषद को भी यहां का किराया देना पड़ता है अब सरकार ही इनकी मदद कर सकती है। लोगो को भी वोकल फॉर लोकल को प्राथमिकता देनी चाहिए।
भगत सिंह ने बताया कि अभीतक कोई अच्छा व्यवसाय नहीं हुआ है लोग अन्य उत्पादों में रूचि दिखा रहे हैं जोकि परम्परागत कार्य के लिए उचित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नाहन में कुम्हार आज भी मिटटी के उत्पाद बना रहे हैं लेकिन आधुनिकता के दौर में अब उनके होंसले कम होने लगे हैं। इस परम्परा को बचाने के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे।