धर्मेंद्र मिश्र
अंततः देश के उच्चतम न्यायालय ने गुजरात दंगों के मामले को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एवं 63 अन्य को विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा दी गयी क्लीन चिट पर अपनी मोहर लगा दी I विशेष जांच टीम की रिपोर्ट को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी I 2002 में हुए दंगों को लेकर विपक्षी दल लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारहीन आरोप लगाते आ रहे थे और अब उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद विपक्षी दलों सहित उन सभी गैर सरकारी संगठनों की असलियत भी सामने आ गयी है I
हालांकि गुजरात में हुए दंगों को लेकर राजनीतिक रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया जाता रहा, लेकिन गोधरा में कारसेवकों से भरी हुई ट्रैन में आग लगाने की साजिश रचने वाला मुख्य अभियुक्त हाजी सलीम इब्राहिम उर्फ़ सलीम पानवाला देश छोड़कर भाग गया I यह सलीम पानवाला ही था, जिसने रज़ाक कुर्कु सहित कई अभियुक्तों के साथ मिलकर ट्रैन जलाने की साजिश रची और फिर सलीम पानवाला के निर्देशों के अनुसार करीब 140 लीटर पेट्रोल ख़रीदा गया I 26 फरवरी 2002 को पेट्रोल की खरीददारी बहुत सुनियोजित तरीके से की गयी I 27 फरवरी 2002 को बहुत ही शातिर ढंग से ट्रैन में आग लगायी, जिससे कारसेवकों की असमय मौत हुई और देश भर में दंगे फ़ैल गए I
दंगों के बाद सलीम पानवाला देश छोड़ कर भाग गया I दंगों सहित ट्रैन में आग लगाने की घटना की जांच करने वाली विभिन्न सुरक्षा एजेंसियो के अनुसार वह समुद्र के रस्ते पाकिस्तान भाग गया था और वही पर मौजूद है I 2004 में जब डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस गठबंधन की सरकार ने सत्ता संभाली, तो तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने गोधरा काण्ड की कथित जांच के लिए जस्टिस यू.सी. बनर्जी के नेतृत्व में एक आयोग का गठन कर दिया I इसी बीच मामले की जांच करने वाली सुरक्षा एजेंसियों ने इंटरपोल के माध्यम से सलीम पानवाला के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी करा दिया I
हैरत का विषय यह है कि 2002 में जिस वक्त जस्टिस बनर्जी गोधरा कांड के लिए राज्य की तत्कालीन मोदी सरकार को जिम्मेदार बता रहे थे, उससे पहले ही सलीम पानवाला की विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका था और उस पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, हत्या सहित ट्रेन में आग लगाने की आरोप लगाए गए थे I
2004 से 2014 के दौरान शिवराज पाटिल, पी चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने गृहमंत्री का पद संभाला I तीनों गृहमंत्रियों ने सलीम पानवाला के मुद्दे को उठाने की जरुरत नहीं महसूस की I तथ्य यह भी है कि मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कई बार पाकिस्तान में मौजूद अपराधियों की जो सूची आधिकारिक रूप से पाकिस्तान को सौपी, उस सूची में भी सलीम पानवाला के नाम को शामिल नहीं किया गया I प्रश्न यह उठता है कि आखिर गोधरा कांड की साजिश रचने वाले मुख्य अभियुक्त की तरह कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने ध्यान क्यों नहीं दिया ?
फिलहाल उच्चतम न्यायालय ने गोधरा कांड में विशेष जांच टीम की रिपोर्ट पर अपनी मोहर लगाकर उन सभी मोदी विरोधियों को एक बड़ा झटका दिया है, जो एक एजेंडे के तहत पिछले कई वर्षों से झूठ की दुकान चलाकर कमाई कर रहे थे, लेकिन गोधरा कांड का मुख्य अभियुक्त सलीम पानवाला जब तक सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से दूर रहेगा, तब तक गोधरा कांड की पीड़ितों को वास्तव में न्याय नहीं मिल सकेगा I