स्वच्छता कार्यक्रम को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ देना चाहिए : के के गुप्ता

Cleanliness program should be linked to Ayushman Bharat scheme: KK Gupta

स्वच्छता लागू होने से आयुष्मान योजना पर प्रति वर्ष खर्च होने वाली 3,500 करोड़ रु की बचत हों सकती है : के के गुप्ता

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली/जयपुर/उदयपुर : राजस्थान सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के प्रदेश समन्वयक और माननीय न्यायालय द्वारा नगर निकाय झुंझुनू, बांसवाड़ा तथा उदयपुर के नियुक्त न्याय मित्र के के गुप्ता ने सुझाव दिया है कि स्वच्छता कार्यक्रम को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ देना चाहिए ताकि स्वच्छता लागू होने से आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजना पर प्रति वर्ष होने वाली 3,500 करोड़ रुपये की धनराशि की बचत की जा सके।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में अकेली भारत सरकार प्रतिवर्ष 2,500 करोड़ रु खर्च करती है और शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा व्यय की जाती है । उन्होंने सुझाव दिया कि स्वच्छता का पालन नहीं करने वालों पर अर्थ दण्ड लगा कर इस राशि की वसूली की जा सकती है।

गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से देश में बड़े पैमाने पर स्वच्छ भारत अभियान संचालित हुआ और इन्दौर एवं डूंगरपुर जैसे शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश दुनिया में आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किए । इसके बावजूद आज भी देश के कई हिस्सों में स्वच्छता नहीं अपनाए जाने से और चारों तरफ गंदगी और कचरे का ढेर होने से होने विभिन्न बीमारियों से देश की जनता पीड़ित है और बीमारी से पीड़ित होने से उनके इलाज पर लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं।आयुष्मान जैसी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रति वित्तीय वर्ष हजारों करोड रुपए की धनराशि खर्च की जा रही है।

गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के शहरी और ग्रामीण अभियान से जुड़े प्रत्येक अधिकारी तथा कर्मचारी को प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के अनुरूप पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए स्वच्छता पर धरातल पर उतरने का काम करना होगा ताकि देश की जनता द्वारा टैक्स के रूप में जमा किया गया पैसा जो सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं से बीमारियों पर खर्च हो रहा है वह नहीं करना होगा तथा स्वच्छता और सुंदरता की बदौलत देश का प्रत्येक नागरिक स्वतः ही मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेगा।

पुराने कचरे का निस्तारण

उन्होंने दुःख जताया कि पुराने कचरे के ढेर को साफ करने के लिए भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार ने हर निगम, परिषद, पालिका को भारी राशि दी गई दी गई है, परंतु आज भी कचरो के ढेर लगे हुए हैं, प्रायः देखा गया है कि उसमे आग लगा दी जाती है जोकि जानलेवा है, ऐसे कृत्य को रोका जाना चाहिए। बरसात के अंदर जब कचरे पर पानी पड़ता है, वह धरती में जहर फैला देता है। साथ ही आग लगने से जो धुंआ निकलता है, वह पर्यावरण के लिए जहरीला होता है तथा कचरा यार्ड खुला रहने से उसमें मवेशी जाकर गंदगी फैलाते हैं तथा मर भी जाते हैं जिससे अड़ोस पड़ोस में रहने वाले लोगों का जीना दुर्लभ हो जाता है तथा अनेकों प्रकार की बीमारियां मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, बुखार, दमा तथा कैंसर जैसी महामारी फैल जाती है । ऐसे में हमें हर हालात में कचरा यार्ड को साफ एवं सुरक्षित रखना होगा । यह स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी प्राथमिकता पर है।

गुप्ता ने नागरिकों से कहा कि हमें यह समझना जरूरी है कि कानून में भारतीय दंड संहिता धारा 307 में स्पष्ट प्रावधान है कि एक व्यक्ति को मारने का प्रयास करने वालो को 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है तथा एक व्यक्ति को मार देने वालों को भारतीय दंड संहिता 302 में उम्र कैद तथा फांसी की सजा तक का प्रावधान है। अस्वच्छता भी ऐसा ही अपराध है जिससे होने वाली बीमारियों से देश में भारी संख्या में लोग मृत्यु का शिकार हो रहे हैं।

स्वच्छता के लिए सभी मापदंडों पर खरा उतरना होगा

गुप्ता ने कहा कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सबसे पहले 100 फीसदी घरों से गिला और सूखा अलग-अलग कचरा उठाना पड़ेगा। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि इसकी मॉनिटरिंग जीपीएस के माध्यम से सुनिश्चित की जाए तथा कचरा उठाने का कार्य 365 दिन किया जाए। अगर हर घर से कचरा उठने लग जाएगा तो लोग सड़कों पर खुले में कचरा नहीं डालेंगे, फिर भी कोई कचरा डालता है तो हमें एक स्कीम को लॉन्च करना होगा जिसमें एक मोबाइल का नंबर देना होगा जिसमें व्हाट्सएप की सुविधा हो जिसके तहत कोई भी खुले में कचरा डालने वाले का फोटो डालेगा उसे ढाई सौ रुपया इनाम तत्काल दिया जाएगा तथा जो कचरा डालेगा उसे 500 रुपए दंड लिया जाएगा, तब यह कार्य 100 प्रतिशत सफल होगा।

शौचालयों की सफाई

उन्होंने कहा कि हमें सामुदायिक शौचालय मूत्रालय की स्थिति को सुधारना होगा। उसमें रंग रोगन करना होगा ।मरमत कार्य तथा कोई भी कागज पोस्टर चिपका हुआ है उसे उतरना होगा तथा सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए जो भी व्यक्ति किसी शौचालय को गंदा करने की शिकायत किसी मोबाइल नंबर जिस पर व्हाट्सएप की सुविधा हो पर दे तो उसे 25 रूपये इनाम तथा जो स्वच्छता के लिए जिम्मेदार है उसे पर 50 रूपये का जुर्माना लगाना होगा।

खाली प्लॉट की सफाई मालिक की जिम्मेदारी

इसी प्रकार शहरों में जितने भी खाली प्लॉट पड़े हैं उनमें गंदगी का अंबार हो गया है। वे कीड़े, मकोड़े जीव जंतुओं का रहने का स्थान बन चुके हैं। ऐसे में जितने भी प्लॉट मालिक है उन्हें पाबंद किया जाए कि वह अपने प्लॉट को साफ रखें, बाउंड्री वॉल बनाएं अन्यथा दंड प्रक्रिया एवं उसके पश्चात प्लॉट सीज करने की कार्रवाई करने की अखबार में सूचना दें तथा इसे गंभीरता से पूरा करें। जो भी व्यक्ति खाली प्लॉट पर गंदगी की शिकायत दर्ज कर उस पर तुरंत कार्रवाई करें।

बगीचों को भी स्वच्छ और सुंदर बनाना

इसके अलावा शहर को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ बगीचों को भी स्वच्छ और सुंदर बनाना होगा। आज हम देख रहे हैं कि शहर के बगीचे में गमले में पेड़ नहीं चारों तरफ झाड़ झंकार हो रहे हैं अच्छी घास का का अभाव अच्छे झूले, ओपन जिम के साधन, फाउंटेन तथा घूमने की जगह को स्वच्छ बनाना होगा। जिससे आमजन स्वच्छता के प्रति गंभीर हो तथा हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझें ।

रात्रि कालीन सफाई की व्यवस्था

गुप्ता ने इंदौर, सूरत और डूंगरपुर की तरह रात्रि कालीन सफाई की व्यवस्था नियमित कराने का सुझाव दिया। साथ ही कमर्शियल एरिया में यह सुविधा नियमित रूप लागू कराने की राय दी । दिन में कर्मचारी ट्रैफिक की वजह से सफाई नहीं कर सकता, रात्रि में यह सफाई आसानी से हो सकती तथा जो भी व्यापारी रात्रि में खुले में कचरा डालें उसे पर दंडनात्मक करवाई कार्रवाई होनी चाहिए। सभी व्यापारियों का कचरा शाम को नियमित रूप से उठाने की व्यवस्था भी निगम को करनी चाहिए इससे रात्रि में दुकानों के ताले भी नहीं टूटेंगे और हमारा काम भी आसानी से होगा।

झीलों की सुंदरता और स्वच्छता

उन्होंने झीलों की सुंदरता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए नए नवाचारों की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें हमें उन मछलियों को डालना चाहिए जो मछलियां गंदगी को खाती है तथा बत्तख को भी हम झीलों में छोड़ सकते हैं जो काई को खा जाती है तथा जिले स्वच्छ रहती है तथा गंदगी डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं दंडनात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है तथा किसी भी प्रकार का सीवरेज अगर झील में जा रहा है तो उसे तत्काल रोकने की भी आवश्यकता है।

नालियों की सफाई

इसी तरह नालियों को हाई प्रेशर मशीन से धुलवाने का कार्य किया जाना चाहिए जिससे नालियों में जमी हुई गंदगी साफ हो जाए तथा मक्खी मच्छर दूर हो जाए सफाई करने के बाद डीडीटी पाउडर नालियों में आवश्यक रूप से छिड़काव किया जाए। सीवरेज लाइन जहां-जहां डाली है वहां पर हंड्रेड परसेंट मकान का सीवरेज का पानी सीवरेज लाइन में जाना चाहिए तथा नालियों को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए इससे सारा पानी सीवरेज लाइन में जाए। सड़कों पर घूमने वाली बेसहारा गायों को गौशाला अथवा सुरक्षित स्थानों में छोड़ने की व्यस्था करनी चाहिए ।