दीपक कुमार त्यागी
- सीएम आतिशी ने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ आनंद विहार बस अड्डे का दौरा कर प्रदूषण रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों का जायजा लिया
- बड़ी संख्या में डीजल बसों की आवाजाही और एनसीआरटीसी द्वारा कंस्ट्रक्शन आनंद विहार में प्रदूषण की मुख्य वजह-सीएम आतिशी
- आनंद विहार में प्रदूषण रोकथाम के लिए सख्ती से कदम उठा रही दिल्ली सरकार; बड़ी संख्या में एंटी स्मोग गन तैनात किए गए, सभी सड़कें भी रिपेयर की गई
- ट्रैफ़िक कंजेशन पॉइंट से अतिक्रमण हटाया गया है ताकि सड़कों पर ट्रैफ़िक न हो और प्रदूषण न बढ़े
- दिल्ली में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं, लेकिन यूपी से आनंद विहार और कौशांबी डिपो आने वाली हजारों डीजल बसें प्रदूषण बढ़ा रही है-पर्यावरण मंत्री गोपाल राय
- प्रदूषण रोकने में लिए जिस तरह “आप” सरकार दिल्ली में कदम उठा रहे हैं, अगर इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार भी कदम उठाए तो इसका सकारात्मक असर दिखेगा-पर्यावरण मंत्री गोपाल राय
- हम उत्तर-प्रदेश सरकार से भी प्रदूषण रोकथाम के लिए सख्ती से कदम उठाने की बात करेंगे, सब साथ मिलकर काम करेंगे तो प्रदूषण जरूर कम होगा-सीएम आतिशी
नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण रोकथाम के लिए अपनाए जा रहे उपायों का निरीक्षण करने के लिए सीएम आतिशी ने रविवार ग्राउंड जीरो पर उतरी। उनके साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी मौजूद रहे। सीएम आतिशी ने दिल्ली में प्रदूषण के हॉटस्पॉट बने आनंद विहार बस अड्डा के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया और यहाँ प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जायजा लिया।
बता दे कि अंतर्राजीय बस अड्डा होने के कारण आनंद विहार में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से भी बसें आती है। इनमें से ज्यादातर बसें डीजल चलित होती है। जिनसे प्रदूषण बढ़ता है। साथ ही यहाँ एनसीआरटीसी द्वारा बड़े पैमाने पर आरआरटीएस का निर्माण कार्य जारी है। इस कारण भी यहाँ प्रदूषण बढ़ता है। इन सभी कारणों से आनंद विहार प्रदूषण का हॉटस्पॉट बन गया है।
इस बाबत साझा करते हुए सीएम आतिशी ने कहा कि, आनंद विहार प्रदूषण का हॉटस्पॉट बना है लेकिन यहाँ प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार सख्ती से कदम उठा रही है। इसके लिए आनंद विहार बस अड्डा और आसपास में बड़ी संख्या में एंटी स्मोग गन तैनात किए गए है, यहां आसपास की सभी सड़कों को रिपेयर किया गया है और सड़कों से अतिक्रमण भी हटाया गया है ताकि ट्रैफिक जाम न लगे।
सीएम आतिशी ने आज निरीक्षण के बाद मीडिया से साझा करते हुए कहा कि, दिल्ली में इस समय प्रदूषण बढ़ रहा है। एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है। इसलिए सरकार द्वारा दिल्ली में बहुत सख्ती से प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि, प्रदूषण रोकथाम के लिए सरकार 99 टीमों के ज़रिये डस्ट कंट्रोल ड्राइव चला रही है। ये टीमें पूरी दिल्ली में अलग-अलग जगह निर्माण साइटों पर जाकर निरीक्षण कर रहे है। साथ ही शहर में 325 एंटी स्मोग गन लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दिल्ली में सभी एजेंसीज चाहे पीडब्ल्यूडी हो या एमसीडी युद्धस्तर पर प्रदूषण रोकने के लिए काम कर रही है।
सीएम आतिशी ने कहा कि, आनंद विहार एक ऐसा इलाका है, जो दिल्ली-उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित है और यहां दिल्ली के बाहर से बड़ी संख्या में बसें आती है।
उन्होंने कहा कि, “आनंद विहार दिल्ली में एक ऐसा हॉटस्पॉट है जहाँ दिल्ली में सबसे ज़्यादा एक्यूआई होता है। इसलिए आज दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय जी के साथ मैं यहाँ निरीक्षण करने और ये देखने आई हूँ कि यहाँ प्रदूषण की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है।”
सीएम आतिशी ने साझा करते हुए कहा कि, आनंद विहार में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए जा रहे है। यहाँ लगातार स्मोग गन चलाये जा रहे है, धूल उड़ने से रोकने के लिए जमीन की सतह, सड़कों को गीला रखा जा रहा है। आनंद विहार के पास जो भी सड़कें है चाहे वो किसी भी एजेंसी की हो, उन्हें रिपेयर करवाया गया है ताकि कोई भी सड़क टूटी न हो और धूल न उड़े। साथ ही यहाँ ट्रैफ़िक कंजेशन पॉइंट से अतिक्रमण हटाया गया है ताकि सड़कों पर ट्रैफ़िक न हो और प्रदूषण न बढ़े।
उन्होंने कहा कि, दिल्ली में तो अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलती है। लेकिन सड़क पार करते ही कौशांबी का बस अड्डा है, जो उत्तर प्रदेश में आता है और यहां ज़्यादातर डीजल बसें चल रही है। ऐसे में हम उत्तर-प्रदेश सरकार से प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्ती से कदम उठाने के लिए बात करेंगे।
सीएम आतिशी ने कहा कि, हम उम्मीद करते है कि, सब मिलकर साथ आयेंगे तो प्रदूषण का समाधान जरूर होगा।
वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुबह-सुबह हमने मुख्यमंत्री आतिशी के साथ निरीक्षण किया है। यहां खास तौर पर दो समय में एक्यूआई बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। पहला रात में और दूसरा सुबह के समय में। इसका मुख्य कारण यह है कि यहां पर दो डिपो हैं, जिनमें पहला आनंद विहार का डिपो है और दूसरा इसके ठीक सामने कौशांबी, उत्तर प्रदेश का डिपो है। दिल्ली के अंदर अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर आनंद विहार और कौशांबी डिपो में डीजल की बसें आ रही हैं। इससे उनके धुएं का असर दिख रहा है। प्रदूषण के स्तर में भी उतार-चढ़ाव दिखने का समय वही है जब बड़े पैमाने पर बसें यहां पहुंचती हैं और यहां से जाती हैं।
गोपाल राय ने आगे कहा कि इसके अलावा, प्रदूषण का मुख्य कारण पास में चल रहा आरआरटीएस का काम है, जिससे धूल प्रदूषण हो रहा है। इसका तीसरा कारण यह भी है कि आनंद विहार डिपो से निकलने वाली बसें ठीक मॉनिटरिंग स्टेशन के सामने से गुजरती हैं। अभी हमने डिपो मैनेजर को यह आदेश दिया है कि बसों के रूट को वहां से डायवर्ट किया जाए। चौथा मुख्य कारण कंजेशन है, बाहरी सड़कों पर गाड़ियों का फ्लो बहुत ज्यादा है। इन चारों समस्याओं को लेकर यहां मशीनें लगाई गई हैं। रूट डायवर्ट करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस को भी कंजेशन के लिए अपनी टीमें बढ़ाने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि, “मेरा उत्तर प्रदेश सरकार से भी निवेदन है कि जिस तरह हम दिल्ली में कदम उठा रहे हैं, अगर इसी तरह कौशांबी में भी कदम उठाए जाएंगे तो इसका सकारात्मक असर दिखेगा।”