रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : बाढ़ को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पहले से ही की गई तैयारियों ने जनता को बड़े नुकसान से बचा लिया हे। प्रदेश में मानसून से पहले अतिसंवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में की गई तैयारियां का नतीजा है कि हजारों लोगों की जान बचाने में सरकार को सफलता मिली है। पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करीब 12 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का ही असर रहा कि अफसर भी ग्राउंड जीरो पर दिखाई दिये, वहीं मुख्यमंत्री खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर वास्तुस्थिति से अवगत होते रहे। एक तरफ जहां उन्होंने हवाई सर्वे के माध्यम से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना किया तो वहीं नाव से भी प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। सीएम ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री किट वितरित की और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना भी दी। आपदा के दौरान अपनों को खोने वालों के परिजनों को सीएम ने सहायता धनराशि का चेक प्रदान किया। श्रावस्ती के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में 11 लोगों का रेस्क्यू करने वाले 7 लोगों को सीएम ने प्रशस्ति पत्र सौंपा व एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।
जून में ही मुकम्मल हो गई थीं तैयारियां
योगी सरकार ने प्रदेश में मानसून के दस्तक देने से पहले ही बाढ़ की तैयारियां शुरू कर दी थीं। सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील 24 और संवेदनशील 16 जिलों में आपदा की स्थिति बनने से पहले ही सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली गयीं थी। इसको लेकर सीएम योगी ने जून के दूसरे सप्ताह से ही अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया था। इस दौरान सीएम ने राहत कार्यों से जुड़े अधिकारियों को शासनस्तर से लेकर फील्ड में तैनात अधिकारियों को पूरी ताकत से काम करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर राहत कार्यों की समीक्षा की। बैठक में सीएम ने राहत कार्यों के दौरान छोटी-छोटी कमियों को दूर करने के निर्देश दिये। इतना ही नहीं वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनीटरिंग करते रहे। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियां सामान्य हैं और लोगों को हर संभव मदद पहुंचायी जा रही है।
लगातार की जा रही निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप अधिकारियों ने फील्ड में उतरकर राहत कार्यों को अंजाम दिया। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी की जा रही है। इसी के तहत श्रावस्ती में नेपाल में अचानक पानी छोड़े जाने से खेत में काम कर रहे 11 श्रमिकों को देररात रेस्क्यू ऑपरेशन चला करीब 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी को सुरक्षित बचाया गया। इसी तरह पीलीभीत में टापू पर फंसे 7 लोगों को एयरफोर्स से समन्वय बनाकर एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया। इसके अलावा कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 76 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया। राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 11962 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही 21,239 से अधिक मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 804 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं, जिसमें कुल 1,365 लोग रह रहे हैं। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1178 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जिसके जरिये लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है। इन क्षेत्रों में 914 नाव चलाई जा रही हैं। यही नहीं, आपदा से प्रभावित लोगों को 23,93,41 से अधिक लंच पैकेट और 7,345 से अधिक खाद्यान्न सामग्री की किट भी वितरित की गयी है।
बाढ़ शरणालयों में आपदा प्रभावितों को दी जा रही घर जैसी सुविधा
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए 12 एनडीआरएफ, 9 एसडीआरएफ, 23 पीएसी और 1 एसएसबी को तैनात किया गया है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आर्मी एयरफोर्स एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी से निरंतर समन्वय बना हुआ है। पीलीभीत में 7,433 व्यक्तियों को नाव द्वारा तथा 170 मवेशियों को रेस्क्यू किया गया। वहीं श्रावस्ती में 213 मवेशियों और 2280 व्यक्तियों का रेस्कयू किया गया। बाढ़ शरणालयों में रहने वाले प्रत्येक शरणार्थी के लिए पके हुये स्वच्छ और पौष्टिक भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यहां स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेडिकल टीम गठित की गई है। साथ ही पेय जल, औषधियों और ओअारएस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। शरणार्थियों के विश्राम के लिए बिस्तरों की भी व्यवस्था की गई है। शरणालयों में रात्रि के लिए समुचित प्रकाश व्यवस्था भी की गई है। यहां आने वाले शिशुओं के लिए दूध व पुष्टाहार की भी व्यवस्था की गई है। वहीं महिलाओं के लिये स्वच्छता संबंधी डिग्निटी किट की व्यवस्था की गई है। उनकी प्राइवेसी को भी सुनिश्चित किया गया है। प्रत्येक शरणालय में शरणार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वर्षा व बाढ़ के कारण विषैले जंतुओं की सक्रियता के दृष्टिगत ब्लॉक स्तर पर एंटीवेनम, औषधियों व इंजेक्शनों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पाले जा रहे पशुओं को ऊंचे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और उनके लिये चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।