रविवार दिल्ली नेटवर्क
नूरपुर की 28 वर्षीया गर्भवती युवती की प्रारम्भिक जांच में पता चला, एक वाल्व बहुत सिकुड़ा हुआ है, मंडल में बिना चीरे के गर्भवती युवती के हार्ट की सर्जरी पहली बार की गई, सर्जरी के बाद मां और गर्भस्थ शिशु दोनों स्वस्थ
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्ट की सर्जरी करके तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के डॉक्टर्स ने अपने नाम एक और उपलब्धि दर्ज की है। बिना चीरे के हृदय की यह जटिल सर्जरी सफल रही है। मंडल में ऐसी सर्जरी पहली बार की गई है। सर्जरी के बाद अब मां और गर्भस्थ शिशु दोनों स्वस्थ हैं। दरअसल, नूरपुर, बिजनौर निवासी 28 वर्षीया युवती साढ़े पांच माह की गर्भवती थी। इस दौरान उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। तकलीफ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि बैठे-बैठे भी सांस फूलने लगी। युवती के परिजनों ने टीएमयू अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ एवम् इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शलभ अग्रवाल से संपर्क किया। प्रारम्भिक जांच में पता चला कि युवती के एक वाल्व सिकुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय है, टीएमयू हॉस्पिटल में चौबीसों घंटे उपलब्ध मल्टी और सुपर स्पेशलिटी विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं। वरिष्ठ एवम् अनुभवी चिकित्सकों के चलते यह अस्पताल निरंतर नए आयाम हासिल कर रहा है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शलभ अग्रवाल ने युवती की प्रेग्नेंसी के मद्देनज़र से हार्ट सर्जरी कराने की सलाह दी, जिसके लिए युवती के परिजनों ने हामी भर दी। युवती की सर्जरी बैलून मिट्रल वाल्वोटॉमी विधि से की गई। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शलभ कहते हैं कि बैलून मिट्रल वाल्वोटॉमी हृदय सर्जरी की जटिल प्रक्रिया है, यह सुविधा कुछेक गिने-चुने अस्पतालों में ही उपलब्ध है। इस प्रक्रिया में बिना बेहोशी और चीरे-टाँके के जांघ की नस की सहायता से दिल के वाल्व को बैलून के जरिए खोला जाता है। इस जटिल सर्जरी में अस्पताल के कैथ लैब/आईसीयू टीम और जच्चा-बच्चा रोग विभाग का विशेष सहयोग रहा। डॉ. शलभ अग्रवाल को 10 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह अब तक हार्ट के 5000 से अधिक ऑपरेशन कर चुके हैं। सर्जरी के बाद अब मां और गर्भस्थ शिशु दोनों स्वस्थ हैं। युवती और उसके परिजनों ने ऑपरेशन करने वाली टीम के प्रति आभार जताया।