- विधान सभा चुनाव जीतने को लेकर आत्म विश्वास से भरी भाजपा
गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान विधान सभा के चुनाव परिणामों को लेकर इस बार अपने आपको राजनीतिक पण्डित मानने वाले विश्लेषक जितनी असमंजस्य की स्थिति में है वैसे उन्हें आजादी के बाद हुए किसी चुनाव में पहले कभी नही देखा और सुना गया है।प्रदेश में चुनाव परिणामों के सटीक दावें करने में हर कोई कंफुज्डहै।इस बार मतदाताओं के मुखर नही होने से सस्पेंस और भी अधिक बढ़ गया है।
कांग्रेस और मुख्य मंत्री अशोक गहलोत को पक्का विश्वास है कि उनकी सरकार इस बार सौ टका रिपीट होंगी और प्रदेश में नया इतिहास बनायेंगी।गहलोत मतदान के बाद की परिस्थितियों का आँकलन और समीक्षा के बाद तेलंगाना के चुनाव प्रचार के लिए निकल गए है।पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने तेलंगाना में दावा किया है कि कांग्रेस न केवल राजस्थान वरन मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी विजय पताका फहरायेगी।
इधर भाजपा विधान सभा चुनाव जीतने को लेकर बहुत अधिक आत्म विश्वास से भरी हुई दिखाई दे रही है । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने आत्म विश्वास भरे अपने बयान में कहा है कि तीन दिसम्बर को प्रदेश से कांग्रेस की विदाई तय है।राजस्थान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग पर चल पड़ा है और यहाँ डबल इंजन की सरकार बन कर रहेंगी।
मतदान के बाद कुछ पलों के लिए सुस्ताने के बाद दोनों दलों के नेता फिर से सक्रिय हो गए है।भाजपा ने रविवार को जयपुर में पार्टी मुख्यालय पर मतदान को लेकर गम्भीर मन्थन किया और हर विधानसभा क्षेत्रवार जीत हार की सम्भावनाओं का विश्लेषण किया। भाजपा ने अपने सम्भावित जीतने वाले विधायकों की किसी होटल में बाड़ाबंदी करने तथा पार्टी विचार धारा वाले सम्भावित विजयी रहने वाले निर्दलियों एवं पार्टी के बाग़ियों से अभी से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के प्रादेशिक नेता गण राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा तथा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के चाणक्य केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से निरन्तर सम्पर्क में रहते हुए आगे की कार्य योजना और व्यूह रचना के बारे में मार्ग दर्शन ले रहें हैं।
इसी तरह कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियाँ प्रारम्भ कर दी है । मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों से व्यक्तिगत रुप से बात कर मतदान और जीत की सम्भावनाओं के बारे में फ़ीड बेक लिया है। भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी सम्भावित विजयी रहने वाले पार्टी विचार धारा वाले निर्दलियों एवं पार्टी के बाग़ियों से अभी से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है।
इधर चुनाव परिणामों को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहें है । कांग्रेस के पक्ष में कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी के पक्ष में अंडर करंट चला है। गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाओं और गारण्टियों के कारण पार्टी के पक्ष में भारी मतदान हुआ है। विशेष कर महिलाओं ने पाँच सौ रु में गैस सिलेण्डर तथा फ्री मोबाईल एवं पच्चीस लाख रु तक निशुल्क केश लेस इलाज योजना तथा अन्य गारण्टियों के लिए कांग्रेस को वोट दिए हैं।ग्रामीण महिलाओं ने भी पार्टी के पक्ष में ही मतदान किया है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और पेन्शनरों ने भी ओपीएस और आरजीएचएस स्कीम के चलते कांग्रेस को वोट दिए हैं। अल्प संख्यकों और पिछड़ें वर्ग आदि के लोगों ने भी बेरोज़गारी,महँगाई,भेदभाव आदि मुद्दों पर बड़ी संख्या में काँग्रेस के पक्ष में मतदान किया हैं।
उधर भाजपा के पक्ष में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के अन्य नेताओं के तूफ़ानी दौरों तथा गहलोत सरकार के विरूद्ध उठायें गए मुद्दों ने प्रदेश में कांग्रेस के ख़िलाफ़ ज़ोरदार वातावरण बनाया जो कि रिकार्ड वोटों के रूप ईवीएम में कैद हुआ है।प्रदेश के बाईस लाख नए मतदाताओं तथा लाखों युवा मतदाताओं ने बेरोज़गारी और पेपरलीक आदि मामले में भाजपा को वोट दिए है। महिला सुरक्षा,अन्य अपराधों तथा कन्हैया लाल हत्या काण्ड आदि मुद्दों पर महिलाओं ने भाजपा के लिए भारी मतदान किया। इसके अलावा कांग्रेस विधायकों के ख़िलाफ़ सत्ता विरोधी लहर, भ्रष्टाचार की शिकायतों के साथ ही पेट्रोल डीज़ल के अधिक भाव तथा हिंदुत्व आदि मुद्दे भी भाजपा के पक्ष में रहे है। भाजपा का कहना है कि गहलोत सरकार के कई मंत्री और अन्य बड़े नेता चुनावी रण में बुरी तरह फँसे हुए है और उनकी हार सुनिश्चित हैं।
भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों का दावा है कि इस बार चुनाव में उन्हें बहुमत से अधिक 100 से 120 सीटें मिल रही है। दूसरी ओर कतिपय मीडिया रिपोर्टस का दावा है कि इस बार चुनाव परिणाम सभी को चौकाने वाले रहेंगे। मेवाड़-वागड़ में भारतीय आदिवासी पार्टी और अन्य स्थानों पर बाग़ियों, क्षेत्रीय पार्टियाँ तथा निर्दलीय प्रत्याशी भारी उलट फेर करने वाले हैं।एक टीवी समूह ने प्रदेश में हुए रिकार्ड मतदान और वोट प्रतिशत में वृद्धि को देखते हुए तथा प्रदेश में सरकारों के बननेआदि के पिछलें ट्रेंड के अनुरूप भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में से भाजपा की विजय की अधिक संभावनाएँ बताते हुए मुख्यमंत्री की रेस में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को सबसे आगे और पार्टी की स्वाभाविक पसन्द बताया है। उधर मतदान के बाद पार्टी की विजय कामना के लिए बाँसवाड़ा के त्रिपुरा सुन्दरी माता के मन्दिर में पूजा अर्चना के लिए पहुँची पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलने और बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया है।
अब यह देखना दिलचस्प होंगा कि आगामी तीन दिसम्बर को चुनाव परिणाम के दिन जीत की चुनौती की रेस में कौन से दल की जीत होंगी और किसकी हार अथवा त्रिशंकु सरकार आने पर पिछली बार की तरह इस बार भी क्या निर्दलियों और दल बदलुओं की पौ बहार रहेंगी?