
रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय के लिए 4% आरक्षण के प्रावधान पर पर सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस निर्णय को असंवैधानिक और घोर निंदनीय करार देते हुए कहा कि यह तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है। डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि यह निर्णय संविधान की आत्मा को ठेस पहुंचाने वाला और न्याय के मूल सिद्धांतों को ध्वस्त करने वाला है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अब सरकारी ठेके अनुभव और योग्यता के बजाय धर्म के आधार पर दिए जाएंगे। यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का स्पष्ट उल्लंघन है।
विधायक ने कांग्रेस पर 1947 से सबक न लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अब ‘जिन्ना मॉडल’ को फिर से लागू करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की अंधी लालसा में कांग्रेस ने न केवल तुष्टिकरण की सीमा लांघी है, बल्कि विभाजनकारी राजनीति को प्रत्येक स्तर पर प्रश्रय दिया है। डॉ. सिंह ने इस कदम को बहुसंख्यक समाज के आर्थिक बहिष्कार का षड्यंत्र बताते हुए कहा कि यह भारत की संवैधानिक संरचना को तोड़ने का एक सुनियोजित प्रयास है। उन्होंने कांग्रेस के इस कृत्य को ‘लोकतंत्र के पवित्र मंदिर’ में धर्म के नाम पर विष घोलने जैसा बताया।
उन्होंने चेतावनी दी कि यह निर्णय ‘राजनीतिक इस्लामीकरण’ की दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है। 1947 में इसी मानसिकता ने देश को खंडित किया था, और यदि अब भी हम नहीं चेते तो कांग्रेस की यह ‘नव-खिलजी नीति’ भारत की सामाजिक एवं आर्थिक संरचना को दीमक की तरह चट कर जाएगी।अंत में, डॉ. राजेश्वर सिंह ने देशवासियों से इस साजिश को पहचानने और संविधान की रक्षा के लिए ऐसे कृत्यों का पुरजोर विरोध करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर इस विभाजनकारी राजनीति का सामना करें और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें।