संजय सक्सेना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान कांगे्रस को बैसाखी का सहारा देने वाले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अब हरियाणा और महाराष्ट्र में अपनी पार्टी को खड़ा करने के लिये कांगे्रस से बैसाखी का सहारा मांग रहे हैं। इसी गिव एंड टेक फार्मूले के चलते सपा और कांग्रेस की दोस्ती में खटास नजर आने लगी है,जिसके चलते अभी तक यूपी की 10 विधान सभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव के लिये सीटों कें बंटवारें को सपा-कांगे्रस में सहमति नहीं बन पाई है,जबकि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी यह दोस्ती जारी रखने के लिए दोनों दलों के नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, पर अभी तक अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। कांग्रेस जहां यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में हिस्सेदारी चाहती है, वहीं समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र व हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांगे्रस से अपने लिये कुछ सीटें मांगी है।ं महाराष्ट्र व हरियाणा में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के समय ही यूपी विधानसभा के लिये भी उपचुनाव होने हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि यूपी 10 सीटों के लिये उपचुनाव इन दोनों राज्यों के विस चुनाव के साथ अक्टूबर में होंगे। यूपी में करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, और मीरापुर में उपचुनाव होने हैं। इंडिया गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस यूपी में दो सीटों पर उपचुनाव लड़ना चाहती है। इस बारे में दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई राउंड की वार्ता भी हो चुकी है। सपा से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव और कांग्रेस से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व महासचिव केसी वेणुगोपाल इस वार्ता में शामिल रहे थे। वहीे समाजवादी पार्टी ने हरियाणा में पांच और महाराष्ट्र में 12 सीटों पर दावा ठोका है, लेकिन दोनों राज्यों में कांग्रेस ने अभी कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है।
इसी बीच हरियाणा के कांग्रेस नेताओं ने विवादित बयान भी दिया है कि उनके यहां सपा का कोई भी जनाधार नहीं है। इस पर यूपी मेें भी सपा जवाबी मूड में आ गई है। सपा नेताओं का कहना है कि वर्ष 2022 के यूपी विस चुनाव में अधिकतर सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई थी। उसका वोट प्रतिशत भी 6.25 से गिरकर 2.35 प्रतिशत पर पहुंच गया था। ऐसे देखा जाए तो यहां भी कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है। सपा सूत्रों के मुताबिक अगर कांग्रेस अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में उन्हें हिस्सेदारी नहीं देगी, तो एवज में यहां भी उसे सपा सीटों की उम्मीदें नहीं करना चाहिए । यह बात कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट तौर पर बता दी गई है।