गोविन्द ठाकुर
” हॉलांकि अभी खुलकर कांग्रेस ने नहीं कही है कि वह देशव्यापी गठबंधन नहीं करेगी, मगर पांच राज्यों के जो चुवाव होने जा रहे हैं उसे देखें तो साफ है कि कांग्रेस अपनी कीमत पर वह सहयोगी को फलने फुलने नहीं देगी…जिस तरह से सहयोगियों ने तीनों राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छतीसगढ में बिना कांग्रेस के बात किये उम्मीदवार उतार दिये हैं ..उसके बाद तो कांग्रेस के नेता साफाई देने में जुटे हैं कि वह राष्टीय स्तर पर किसी से गठबंधन नहीं करने जा रही है… गठबंधन राज्य स्तर पर ही होगी…”
पीछले कुछ दिनों में में दिख रहा है कि सहयोगी दल बीजेपी के बजाए कांग्रेस को ही घेरने की फिराक में लगी है। पिछले दिनों नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार मनमोहन सरकार से कुछ मामलों में अच्छा काम कर रही है, और हमारी आज भी बीजेपी से दोस्ती कायम है। वहीं अरवींद केजरीवाल की आप तीनों राज्यों में गंभीरता से चुनाव लड़ रही है, जबकि यहां बीजेपी कांग्रेस में नेक टु नेक फाईट चल रही है अगर केजरीवाल एक भी वोट लाते हैं तो वह कांग्रेस के खाते की ही होगी। अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश में अपना उम्मीदवार उतार दिया है, और वह सभी सीटें कांग्रेस की जीती हुई है। जिसके बाद दोनों में बवाल मचा हुआ है। वहीं एनसीपी आप को गलबहिंया दे रही है। जो इसारा कर रहा है कि गंठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। और कांग्रेस भी झुकने वाली नहीं है ।
कांग्रेस को लगता है कि अगर वह सभी के लिए जगह देती रही, तो विधान सभा में उसके सरकार बनाने की संभावना छिन हो जायेगी। दुसरी ओर सहयोगी दल कांग्रेस के साथ तो गठबंधन करना चाहती है मगर वह कांग्रेस को मजबूत भी नहीं होने देना चाहती है। वह इसलिए कि अगर कांग्रेस मजबूत होती है तो वह लोकसभा चुनाव में अधिक सीटों पर दवा भड़ेगी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करे। उन्होंने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और अब चाहते हैं कि वो सीटें कांग्रेस छोड़ दे। हालांकि कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हो रही है। कांग्रेस का कहना है कि वह भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन चाहती है लेकिन सपा पहले से घोषित अपनी सीटों पर लड़ने के लिए अड़ी है। इस गतिरोध के बीच अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस को तय करना है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करेगी या राज्य के स्तर पर।
इस पर कांग्रेस के एक जानकार नेता का कहना है कि कांग्रेस स्वाभाविक रूप से राज्यों के स्तर पर गठबंधन करेगी। वह क्यों प्रादेशिक पार्टियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करे? असल में कांग्रेस के साथ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल की बात कर रही हैं। इससे सभी पार्टियों के लिए कुछ सीटें छोड़नी होंगी। जैसे सपा अभी मध्य प्रदेश में मांग रही है सीट तो एनसीपी किसी और राज्य में मांगेगी, राजद की मांग किसी और राज्य में होगी तो जदयू कहीं और सीट मांगेगी। इससे कांग्रेस का अपनी समीकरण बिगड़ेगा। इसलिए कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह राज्यों में प्रादेशिक पार्टियों की स्थिति का आकलन करने के बाद ही तालमेल करेगी। दूसरी ओर प्रादेशिक पार्टियां भी उसके साथ ऐसा ही बरताव करेंगी। वे भी अपने असर वाले राज्यों में कांग्रेस की स्थिति का आकलन करके उसके लिए सीट छोड़ेंगी।