गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान विधान सभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रदेश में सोमवार को चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है तथा कई उम्मीदवारों ने पहले ही दिन नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिए हैं लेकिन कांग्रेस और भाजपा के अधिकृत उम्मीदवारों की अगली सूचियों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। कांग्रेस ने अब तक 95 और भाजपा ने 124 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी हैं,लेकिन कांग्रेस को अभी भी 105 और भाजपा को 76 उम्मीदवारों के नामों की सूचियाँ जारी करना शेष हैं।
सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में राजस्थान को लेकर केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई जिसमें शेष उम्मीदवारों की टिकटों पर विस्तार से चर्चा हुई। करीब चार घण्टे चली इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, संगठन मंत्री के सी वेणु गोपाल सलमान ख़ुर्शीद के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई,वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, सह प्रभारी अमृता धवन,काजी निजामुद्दीन और वीरेंद्र सिंह आदि नेता शामिल हुए ।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस के शेष 105 उम्मीदवारों के पेनल पर गहन मन्थन हुआ।राहुल गाँधी ने इस बार भी कई सवाल जवाब किए तथा युवाओं एवं महिला उम्मीदवारों की सम्भावनाओं के बारे में जानकारी ली। बताया जा रहा है कि विस्तार से चर्चा के पश्चात सत्तर उम्मीदवारों पर मुहर लग गई हैं ।बताया जा रहा है कि अभी भी करीब तीस सीटों पर आम सहमति तथा फैसला होना बाक़ी है जिसके लिए मंगलवार को फिर से बैठक हो सकती है लेकिन पार्टी हाई कमान राजस्थान के लिए कांग्रेस की चौथी सूची कभी भी जारी कर सकतीं है।
चौथी सूची में फ़िलहाल क़रीब तीस से पचास उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हों सकती है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी एक विशेष रणनीति के अन्तर्गत छोटी-छोटी सूचियाँ निकाल रही है। सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ़ उठें असन्तोष के स्वरों को देखते हुए यह रणनीति बनाई गई है कि पार्टी के प्रति उम्मीदवारी का दावा करने वाले नेताओं को असन्तोष जाहिर करने एवं बगावत का कम से कम मौक़ा मिले इस बात को ध्यान में रख नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि छह नवम्बर से ऐन वक्त पहलें तक अधिकृत उम्मीदवारों को पार्टी सिम्बल देने का काम किया जायेगा।अभी भी स्वायत शासन शासन मंत्री शान्ति धारीवाल,जल प्रदाय मंत्री डॉ.महेश जोशी और राजस्थान पर्यटक विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के नामों पर पेंच फँसा हुआ है। इसके अलावा गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले शेष निर्दलीयों और सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के बारे में भी अन्तिम निर्णय होना है। राजनीतिक पण्डितों का मानना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत येन केन प्रकार से इनके नाम भी अधिकृत उम्मीदवारों में शामिल कराने में सफल होंगे।उनका कहना है कि उनकी सरकार को गिराने की साज़िश में शामिल और बगावत कर मानेसर जाने वाले विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है तों सरकार बचाने में साथ रहने वालों को टिकट क्यों नही दिया जाना चाहिए।हालाँकि राहुल गाँधी ने अस्सी वर्ष के नेताओं के स्थान पर युवा विकल्प को चुनने तथा वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री ने सर्वे के अनुसार एंटी इनकमबंसी प्रभावित नेताओं के टिकट काटने में एक समान व्यवहार करने की राय दी है।
चुनाव समिति की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की सूची जारी होने के बारे में मीडिया के सवालों पर कोई जवाब नही दिया लेकिन अपने पुत्र और राजस्थान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष वैभव गहलोत से ईडी द्वारा नौ घण्टे तक की गई लम्बी पूछताछ पर कहा कि क़ानून अपना काम करेगा लेकिन चुनाव के दौरान ईडी और अन्य संस्थाओं के माध्यम से केन्द्र सरकार द्वारा कराई जाने वाली ऐसी कार्यवाही की असलियत को जनता अच्छी तरह से समझ रही है। ईडी ने वैभव के चुनाव के दौरान अगली सुनवाई नही करने के आग्रह के बावजूद उन्हें अगली सुनवाई की तिथि सौलह नवम्बर दी गई है।
इधर भाजपा कोर समिति की बैठक कल मंगलवार को नई दिल्ली में होंगी जिसमें राजस्थान के लिए शेष भाजपा के 76 उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होंगी तथा एक नवम्बर को होने वाली भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में मुहर लगने के बाद अधिकृत उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी होंगी। भाजपा भी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम रोक सकती है और कांग्रेस की सूची देखने के बाद ही कोई अन्तिम फैसला कर सकती है।
इस तरह राजस्थान में टिकटों की टिकटिकी के मध्य बेसब्री से नज़रें गढ़ायें बैठें उम्मीदवारों की उम्मीदें अभी भी हलक में अटकी हुई हैं।