गोविन्द ठाकुर
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जोरों पर है। लोगों के समर्थन से पार्टी और पार्टी के पदाधिकारी फुले नहीं शमा रहे हैं। अगर यात्रा पर ऩजर दौरैं तो यही देखने को मिलता है कि जो नेता आज तक घर पकड़ हो गये थे वह आज राहुल के साथ चंद कदम चलकर बलिहारी ले रहे हैं। यह बात सही है कि देश के इतिहास में इससे पहले कोई बी राजनेता इतनी लंबी पैदल यात्रा नहीं की थी। आजादी की लड़ाई को छोड़ दें तो जनता का समर्थन भी किसी से बढकर ही है, यही कारण है कि राजनीतिक गलियारे में बीजेपी के बड़े नेता भी इस यात्रा को लेकर सशंकित हो रहे हैं। एक बाकिया जो अभी संसद सत्र के समाप्ति पर हुआ सरकार के सबसे बड़े और ताकतबर मंत्री ने कुछ पत्रकारों से पूछा कि राहुल की यात्रा को कैसे देख रहे हैं… तो कई पत्रकोरों ने मंत्री जी को खुश करने के लिए कहा कि सर.. कुछ नहीं है बस कुछ दिनों में फुस ..फुस हो जायेगा…इसपर सबसे बड़े मंत्री ने कहा भाई कब से पत्रकारिता कर रहे हो..राजनीति समझो.. इसे हम गंभीरता से ले रहे हैं.. बड़ा असर डालने बाला है। अभी.. अभी यह यात्रा गुजरात के मेरे ही क्षेत्र से गुजरा था जिसमें हमें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इस बात को सुनकर उस पत्रकार का चेहरा लाल हो गया और दांत निपोरने लगा..।
खैर.. राहुल गांधी के इस यात्रा के बीच बीजेपी ने देश के नौ राज्यों की तैयारी की रुपरेखा बना ली है और लोकसभा के लिए 160 सींटों की पहचान की है जहां बीजेपी की हार हुई थी या छोटे मार्जिन से जीत मिली थी। फिर सहियोगियों के साथ छोड़ने पर जो सीट कमजोर हुई है उसपर भी रणनीति बना ली गई है। जैसे बिहार में जेडीयू ने साथ छोड़ा है तो उसकी भरपाई कैसे होगी । महागठबंघन का दवा है कि 2024 में बिहार से बीजेपी को 5 सीट भी नहीं आने देंगे। इसी तरह पंजाब, बंगाल दक्षिण राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर भी है..जिसे बीजेपी ने अंदरखाने रणनीति बना ली है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमितशाह राज्यों का दौरा शुरु कर दिये हैं मगर कांग्रेस कहां है..कांग्रेस नेता राहुल गांघी की गणेश परिक्रमा में लगे हैं । कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे अभी तक अपनी टीम तक नहीं बनायी है तो दुसरे किसी नेता को अभी जल्दी नहीं है। अभी हिमाचल प्रदेश की जीत और यात्रा की खुमारी में हैं।
प्रघानमंत्री मोदी की मंत्रीमंडल में जल्द ही फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है जिसमें चुनावी राज्यों से मंत्री बनाने की सुगबुगाहट चल रही है…हलॉकि इससे कुछ बड़े मंत्री को पद जाने का डर भी सता रहा है। माना जा रहा हैकि करीब दस नये चेहरे को मंत्रीमंडल में शामिल किया जायेगा और दस को बाहर कर दिया जायेगा। ये सब राज्यों के चुनाव और आम चुनाव को लेकर किया जा रहा है। पिछले दिन गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के चुनावी सभा में राहुल गांधी को चुटकी लेते हुए कहा कि अयोध्या में राममंदिर 2024 के 1 जनवरी को तैयार हो जायेगा.. इसका क्या माने समझा जाय..। त्रिपुरा को यूपी के राममंदिर से क्या लेनादेना है मगर अमित शाह को देश को मैसेज देना था कि वह क्या चाहते हैं।
हां, एकबात और बीजेपी को डर हैकि बिहार, बंगाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट़ में कुछ सीटें कम आ सकती है जिसकी भरपाई कैसे की जाये…इसके लिए ही बीजेपी ने 160 सीटे की पहचान की है जहां पार्टी को मेहनत करने पर सीट की भरपाई हो सकती है। मगर कांग्रेस को अभी इसके लिए फुरसत कहां है,, देखते हैं कब इनकी आंखें खुलती है।