घरेलू बिजली का कमर्शियल इस्तेमाल करने वालों पर कसा जायेगा शिकंजा

Crackdown will be tightened on commercial users of domestic electricity

संजय सक्सेना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश मेें जिस अनुपात में व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं,उस अनुपात से बिजली के कनेक्शनों की संख्या काफी कम है। इसका मतलब साफ है कि बड़ी संख्या में व्यापारिक प्रतिष्ठानों में या तो घरेलु बिजली का प्रयोग हो रहा है अथवा चोरी की बिजली जलाई जा रही है। इसीलिये यूपी पावर कारपोरेशन कमर्शियल(वाणिज्यिक)ग्राहकों पर शिकंजा कसने और कमर्शियल कनेक्शन की संख्या बढ़ाने का खाका तैयार कर रहा है। इस काम में बिजली विभाग अन्य विभागों जैसे वाणिज्य कर, नगर निगम, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे करीब दर्जन भर विभागों की मदद लेगा। इन विभागों में पंजीकृत दुकानों, संस्थानों की सूची लेकर विभाग उनके कनेक्शन की विधिक जांच करेगा। जहां भी घरेलू कनेक्शन पर ये कारोबारी गतिविधियां होती नजर आएंगी, उनके कनेक्शन को कमर्शियल करने के साथ जुर्माना भी वसूला जा सकता है।

सूत्र बताते हैं यूपी में कमर्शियल कनेक्शन राष्ट्रीय औसत तक ले जाने की तैयारी के तहत पावर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन ने वर्ष 2024-25 के लिए तय लक्ष्यों में इसे प्रमुखता से शामिल किया है। जिसमें कहा गया है कि यूपी में कुल उपभोक्ताओं के मुकाबले बामुश्किल 10 से 12 फीसदी ही कमर्शियल उपभोक्ता हैं जबकि इस विधा के कनेक्शन में राष्ट्रीय औसत 16 फीसदी है। प्रबंधन ने कमर्शियल कनेक्शन औसतन 24 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य लिया है। पाॅवर कारपोरेशन जीएसटी देने वालों पर शिकंजा कसने के लिये वाणिज्य कर विभाग से जीएसटी पंजीकृत संस्थानों की सूची, नगर निगम और विकास प्राधिकरणों से पंजीकृत व आवंटित वाणिज्यिक गतिविधि वाले परिसरों, दुकानें व आफिस की सूची तथा मेडिकल स्टोर भी जांच करेगा। शिक्षा विभाग से प्राथमिक स्कूलों की सूची के साथ बैंक, इंश्योरेंस एजेंसी, सामुदायिक केंद्र, पंचायत भवन, विकास खंड कार्यालय तथा अन्य सरकारी कार्यालय जो घरेलू बिजली से संचालित हैं, उनकी जांच करते हुए कनेक्शन कमर्शियल करने के लिए कहा गया है।श्रम विभाग में पंजीकृत संस्थानों व ठेकेदारों, खाद्य पदार्थ तथा राशन की बिक्री के लिए संचालित दुकानों की सूची, शराब की दुकानों व गोदामों की सूची, गैस एजेंसियों से वाणिज्यिक सिलिंडर प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की सूची की जांच की जाएगी।