रविवार दिल्ली नेटवर्क
चण्डीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज विरोधी पार्टियों के नेताओं पर बरसते हुए उनको ‘आप ’ सरकार की तरफ से हाल ही में लिए ऐतिहासिक फ़ैसलों की आलोचना करने के लिए तर्कहीण फ़िज़ूल और राजनीति से प्रेरित बियानबाज़ी से गुरेज़ करने के लिए कहा।
एक वीडियो संदेश में भगवंत मान ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को सेहत और शिक्षा के क्षेत्रों को दिल्ली माडल पर फिर सुरजीत करने के लिए उन की सरकार की हालिया पहल के विरुद्ध निंदा प्रचार करने के लिए फटकार लगाई। सुखबीर बादल को नसीहत देते मुख्यमंत्री ने कहा, ” रचनात्मक आलोचना का हमेशा स्वागत किया जाता है परन्तु सिर्फ़ आलोचना और राजनैतिक अस्तित्व बचाने के लिए आलोचना करना बहुत ही निंदनीय है।” अकाली दल की दिनों -दिन बढ़ रही बौखलाहट का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि अकाली लीडरशिप रचनात्मक राजनैतिक एजंडे से पूरी तरह खाली है और’आप’के अक्स को नुकसान पहुंचाने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब निवासियों द्वारा आम आदमी पार्टी को बड़े बहुमत के साथ सत्ता में लाया गया था जबकि अकाली दल और कांग्रेस दोनों का ही सफाया हुआ था।
भगवंत मान ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि अकाली दल, दिल्ली सरकार के साथ सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में ‘नालेज शेअरिंग एग्रीमेंट ’ (केऐसए) को लेकर अनावश्यक कोलाहल डाल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि 44 सालों तक पंजाब पर राज करने वाली कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने लोगों की भलाई और राज्य की खुशहाली के लिए कोई ठोस काम किया होता तो उनको इतनी बड़ी हार का सामना न करना पड़ता। भगवंत मान ने कहा कि सुखबीर बादल को कम से कम कुछ समय सब्र करना चाहिए क्योंकि’आप’सरकार ने अपने 44 दिन भी पूरे नहीं किये हैं जब कि कांग्रेस 25 साल से अधिक समय सत्ता में रही और अकाली दल ने 19 साल राज किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर बादल को पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली से चलाने के झूठे प्रचार के द्वारा लोगों को मूर्ख बनाने के इलावा के.ऐस.ए. बारे झूठे दस्तावेज़ों का हवाला देकर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर बादल धान के अवशेष से बिजली का उत्पादन करने के लिए सहयोग के लिए चीन गए थे और उनके पिता प्रकाश सिंह बादल ने कैनेडा के ओन्टारियो राज्य के साथ अलग -अलग क्षेत्रों में कई समझौते किये थे। उन्होंने सुखबीर को सवाल किया कि क्या उनकी सरकार चीन सरकार द्वारा चलाई जाती है या ओन्टारियो राज्य की सरकार की तरफ से।
विधायक प्रताप सिंह बाजवा को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने उनको राजनैतिक फायदे के लिए बेबुनियाद दोष लगाने से गुरेज़ करने के लिए कहा और उनको वह समय याद दिलाया जब उनकी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अपने विदेशी मेहमान के कहने पर मुख्य सचिव, डीजीपी जैसे सर्वोच्च अधिकारियों और उच्च अधिकारियों की तैनातियों और तबादलों के हुक्म दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने बाजवा को याद दिलाया, “आप उस समय मुख्यमंत्री को उनकी तानाशाही कारजशैली प्रति नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए उनको पत्र लिख रहे थे परन्तु बाद में आपको भी उन के साथ दोपहर और रात का खाना खाते देखा गया था।”
नवजोत सिद्धू पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले सिद्धू को कांग्रेस पार्टी से अपने दल को मान्यता दिलानी चाहिए, जो कि राजपुरा में बिजली समझौतों का विरोध कर रही थी और इस लिए’आप’को ज़िम्मेदार ठहरा रही थी। सिद्धू के मनमाने कामकाज पर प्रदेश कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग ने भी उन की निंदा करते कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का धरना ही नहीं था।
मुख्यमंत्री ने सिद्धू को कहा, “आप बिजली मंत्री के तौर पर पद क्यों नहीं संभाला जब कि आप इन बिजली समझौतों को आसानी के साथ रद्द कर सकते थे।” हालाँकि, उन्होंने कहा कि’आप’सरकार जल्दी ही पंजाब विधान सभा में इन समझौतों को रद्द कर देगी परन्तु बदकिसमती से आप इस ऐतिहासिक फ़ैसले का गवाह बनने के लिए सदन में मौजूद नहीं होंगे।
पंजाब की खो चुकी शान को फिर सुरजीत करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमें सभी को पंजाबी होने के नाते पंजाब को देश का अग्रणी राज्य बनाना चाहिए। भगवंत मान ने कहा, “आप सरकार पंजाब के सर्व पक्षीय विकास और इसके निवासियों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए देश के अंदर से ही नहीं बल्कि विशव भर के किसी भी सार्थक विकास माडल को लागू करने की पूरी कोशिश करेगी।”