दीपक कुमार त्यागी
- चीन की भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए उसकी आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का समय आ गया है
- चीनी सामान के खिलाफ सीटीआई ने खोला मोर्चा
- केन्द्र सरकार से चीनी उत्पादों को लेकर दीर्घकालिक योजना की मांग
- हर सामान पर उत्पादक देश का लेबल हो अनिवार्य
दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प से सीमा पर माहौल गरमा गया है। लेकिन अब इस झड़प की तपीश देश की राजधानी दिल्ली के कारोबारियों तक में भी बहुत जबरदस्त ढंग से महसूस की जा रही है, कारोबारियों में चीन की नापाक हरकत के खिलाफ बहुत ही जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। जिसके चलते व्यापार जगत ने एकबार फिर से चाइनीज माल के बहिष्कार की अपील कर डाली है।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि चीन अपनी भारत विरोधी नापाक गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है, जिसके चलते अब चीन की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का समय आ गया है।
आज सीटीआई के नेतृत्व में दिल्ली के व्यापारीयों ने सुबह 11 बजे कनॉट प्लेस में चीन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शांतिपूर्वक मार्च निकाला। जिसमें बोलते हुए सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि चीन ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है, भारत की सीमा में अवैध घुसपैठ का प्रयास किया है। उनके मंसूबों को भारतीय सैनिकों ने बड़ी बहादुरी से रौंद दिया है, भारतीय और चाइनीज सैनिकों के बीच हुई झड़प से सैनिकों को चोट भी लगी है।
उन्होंने कहा कि चीन के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। अब हम सभी व्यापारियों को एकजुट होकर चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है।
बृजेश गोयल ने कहा कि इंडियन मार्केट से चीन पैसा कमाता है, जिसका दुरुपयोग भारत के ही खिलाफ कर रहा है। अब हम सभी व्यापारियों को मिलकर के चीन की आर्थिक कमर तोड़नी है। उन्होंने कहा कि इस साल के शुरुआती 9 महीनों में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय कारोबार 103.63 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। वहीं भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 75.69 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है। इस अवधि में चीन से भारत के लिए निर्यात 89.66 अरब डॉलर रहा। इसमें 31 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। जबकि भारत से चीन के लिए सिर्फ 13.97 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जिसमें 36.4 प्रतिशत की गिरावट रही। यदि भारतीय कारोबारी और उपभोक्ता चाइनीज सामान का बहिष्कार करेंगे, तो चीन की बहुत जल्द ही अक्ल ठिकाने आएगी। उन्होंने कहा कि चीन से भारत में दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, खिलौने, मोबाइल, कपड़े, मशीनरी, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, आईटी और वैज्ञानिक उत्पाद, खाद्य पदार्थ आदि सामान आता है। हालांकि एक साथ चीन से आयात रोकना व्यवहारिक और संभव नहीं है, इसलिए केन्द्र सरकार को चीन के संदर्भ में एक दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए।
इसके अलावा हर सामान पर कन्ट्री ऑफ ओरिजिन का लेबल भी लगा होना चाहिए, जिससे कि हर उपभोक्ता को यह पता चल सके कि वह सामान किस देश में बना है ।
प्रदर्शन में सीटीआई महासचिव रमेश आहूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरमीत अरोड़ा, प्रदेश प्रभारी तरुण चतुर्वेदी, दीपक गर्ग, सुधीर फोगाट, सतीश तोमर, अजय उपाध्याय, जसविंदर, अंकित गर्ग आदि शामिल हुए।