मोहित त्यागी
- अगले हफ्ते कश्मीरी गेट मार्केट से शुरू होकर 100 से ज्यादा बाजारों में चलेगा अभियान – बृजेश गोयल
- बांग्लादेशी रोहिंग्या – दिल्ली छोड़ो अभियान भी साथ में चलाएगा सीटीआई
- बांग्लादेश से सभी तरह का व्यापार खत्म कर देंगे दिल्ली और देश के व्यापारी – सीटीआई
- 2023-24 में भारत – बांग्लादेश के बीच हुआ 1.18 लाख करोड़ रुपए का कारोबार
- बांग्लादेश से ऑटो पार्ट्स का कारोबार भी एक महीने के लिए बंद – अपमा
- बांग्लादेश को सबक सिखाने के लिए बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना जरूरी
दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं इसको लेकर व्यापारी समाज गुस्से में है।
सीटीआई ने बयान जारी करके कहा कि अगले हफ्ते से दिल्ली के कश्मीरी गेट मार्केट से बांग्लादेशी सामान भारत छोड़ो अभियान की शुरुआत की जाएगी और दिल्ली के 100 से ज्यादा बाजारों में इस अभियान को चलाया जाएगा, इसके अलावा बांग्लादेशी रोहिंग्या – दिल्ली छोड़ो अभियान को भी दिल्ली भर में चलाया जाएगा, एशिया और भारत की सबसे बड़ी ऑटो पार्ट्स की मार्केट कश्मीरी गेट मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय नारंग ने बताया कि एक महीने तक बांग्लादेश के साथ सभी तरह की व्यापारिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है
बृजेश गोयल ने कहा कि 5-7 साल पहले चीन ने हमारे सैनिकों के संग सीमा पर दुस्साहस किया , उसके बाद भारतीय उपभोक्ताओं से लेकर व्यापारियों ने चीनी सामान का बहिष्कार किया। अब चीन को सबक मिला है और बॉर्डर पर स्थिति संतोषजनक है। चीन की तरह बांग्लादेश को सबक सिखाना जरूरी है।
सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने बताया कि 2023-24 में दोनों देशों के बीच 14 बिलियन डॉलर (करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ था। अब सरकार को सख्त फैसले लेकर आर्थिक तौर पर बांग्लादेश के ऊपर दबाव बनाना होगा।
भारत और दिल्ली के व्यापारी और उद्यमी केंद्र सरकार के संग हैं, सीटीआई ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं रूके तो दिल्ली और देश के तमाम व्यापारी बांग्लादेश से सभी तरह का व्यापार खत्म कर देंगे , और CTI से जुड़े हजारों व्यापारी भी बांग्लादेश से कोई व्यापारिक लेन-देन नहीं करेंगे।
दोनों देशों के बीच व्यापार
सीटीआई उपाध्यक्ष राहुल अदलखा और राजेश खन्ना ने बताया कि विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों की माने तो पिछले वित्तीय वर्ष में भारत-बांग्लादेश के बीच करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ। अनाज, सब्जी, कपड़ा और बिजली से लेकर तमाम चीजों का आयात-निर्यात होता है।
भारत चावल की कुछ वैरायटी, बिजली का बड़ा हिस्सा बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करता है। वहां NTPC ने 1320 मेगावॉट का पावर प्लांट लगाया है। ऑटो इंडस्ट्री का बिजनेस भी दोनों देशों के बीच खूब है। हिन्दुस्तान में बांग्लादेशी ढाकाई साड़ी की काफी डिमांड है। बांग्लादेश से मछली, प्लास्टिक आदि चीजों का आयात होता है। बांग्लादेश की हिलसा मछली की भारत में काफी डिमांड रहती है। सबसे ज्यादा बंगाल में इसकी मांग है।
देश में इंडस्ट्री खोलने पर मदद करे सरकार
लाजपत नगर मार्केट के अध्यक्ष कुलदीप अरोड़ा ने कहा कि हमारे देश के उद्यमियों में बांग्लादेश को मात देने का सामर्थ्य है। गारमेंट्स इंडस्ट्री काफी बड़ी है। यदि भारत सरकार सस्ती दरों पर जमीन दे और उद्योग लगाने में मदद करे, तो यहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खोली जा सकती हैं। इस संदर्भ में सरकार को लिखकर भी गुहार लगा चुके हैं। आज बांग्लादेश गारमेंट्स इंडस्ट्री पर ही जिंदा है। बड़े ब्रैंड काफी मात्रा में बांग्लादेश से प्रॉडक्शन कराते हैं। यहीं पर इंडस्ट्री लगेंगी, तो भारतीय कामगारों को रोजगार मिलेगा और देश में माल बनेगा।
यहां आपको बता दें कि बांग्लादेश को निर्यात आटो पार्ट्स, कपास धागा, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज ऑर्गेनिक-इनऑर्गेनिक केमिकल आदि
वहीं बांग्लादेश से आयात सूती कपड़े, मानव निर्मित फाइबर, मसाले, जूट आदि हैं।