
अजय कुमार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता मायावती और अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें दोनों नेताओं ने बजट को सरकार की राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति का हथियार करार दिया। अखिलेश यादव ने सरकार पर कुंभ मेले के दौरान हुई मौतों को लेकर सवाल उठाए और बजट के आंकड़ों को अव्यवहारिक बताया। वहीं, मायावती ने बजट को जनहित से ज्यादा राजनीतिक हित साधने वाला बताया और इसके जरिए देश की आम जनता की परेशानियों का समाधान नहीं किए जाने का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव ने बजट को लेकर कहा कि सपा के लिए बजट से ज्यादा महत्वपूर्ण कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि महाकुंभ में हुई मौतों के आंकड़े को क्यों छुपाया जा रहा है, जबकि लोगों के परिवार वाले अपने प्रियजनों को खोजने के लिए अभी भी तस्वीरें लेकर भटक रहे हैं। अखिलेश ने इस दौरान सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए कहा कि कुंभ मेले में मरने वालों की संख्या अधिकतर हिंदू धर्म के अनुयायी थे। उनका आरोप था कि जो सरकार महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन की ठीक से व्यवस्था नहीं कर पाई, वह कैसे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने 40 करोड़ का इंतजाम किया था, लेकिन जब भारी संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंचे, तो ना तो सुरक्षा व्यवस्था सही थी और ना ही अन्य सुविधाएं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब इतने सारे सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन थे, तो फिर मौतों का आंकड़ा क्यों नहीं जारी किया गया। उनका आरोप था कि सरकार के पास आंकड़े नहीं थे और यह उसके झूठ का प्रतीक है।
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बजट राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है और जनहित को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी की समस्या लगातार बढ़ रही है, और यह बजट इन समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहा है। मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह बजट भी कांग्रेस के बजट जैसा ही है, जो अधिकतर राजनीतिक लाभ के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में जनहित में काम कर रही होती, तो देश की आम जनता का जीवन बेहतर होता, लेकिन आज भी लोग गरीबी और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
मायावती ने यह भी कहा कि बजट में बहुजन समाज के हितों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर भाजपा सरकार का उद्देश्य देश को विकसित बनाना है, तो फिर बजट में उन लोगों के लिए क्या खास है जो सबसे ज्यादा दुखों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल कुछ अमीर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं से देश का विकास नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए समाज के हर वर्ग को समावेशी विकास का अवसर मिलना चाहिए।