सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश विदेश में कई आयोजन कराने का निर्णय

Decision to organize several events in India and abroad to promote Sindhi language, literature and culture

सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति के प्रति नई पीढ़ी में रुझान पैदा करने की आवश्यकता- वासुदेव देवनानी

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद (एनसीएसएल) के उपाध्यक्ष डॉ.मोहन मंघनानी की अध्यक्षता और राजस्थान विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी की उपस्थिति में नई दिल्ली के आरकेपुरम में आयोजित एनसीएसएल की बैठक में सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में एक अंतरराष्ट्रीय,पांच राष्ट्रीय और इतने ही राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के साथ ही 100 स्थानीय कार्यक्रमों का आयोजन करने के अलावा कौशल विकास, सिविल परीक्षाओं और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रशिक्षण शिविरों के साथ ही स्कूल एवं कालेजों के विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन आदि अहम निर्णय लिए गए।

बैठक में देश के विभिन्न भागों में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय भी लिया गया। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू हुआ है। सिंधु संस्कृति से जुड़े रहने के लिए भी विभिन्न आयोजनों पर भी बैठक में विस्तार से विचार विमर्श हुआ।

बैठक में सिन्धी शिक्षा कार्यक्रमों की समीक्षा की गई ।साथ ही सिन्धी भाषा की परीक्षाएं,कॉपियों की जांच,परीक्षा परिणाम और प्रमाण पत्रों का वितरण आदि निश्चित समय अनुसार करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के प्रयास संबंधी निर्णय भी लिए गए। साथ ही सिन्धी परिषद के बढ़ते कार्य क्षेत्र को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री से परिषद को एक और परिसर का आवंटन करने का आग्रह करने का फैसला भी लिया गया।

सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति के प्रति नई पीढ़ी में रुझान पैदा करने की आवश्यकता -विधानसभाध्यक्ष

बैठक में विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति की पहचान बनाए रखने और इसके प्रति नई पीढ़ी में रुझान पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विविधताओं से भरी भारतीय संस्कृति के ध्वज को पूरे विश्व में शान के साथ फहरा रहें है तथा भारतीय योग को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने में उनके अभूतपूर्व योगदान से दुनिया के हर देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा है।

देवनानी ने कहा कि सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति के विकास को बढ़ावा देने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय राज्य और जिला तथा स्थानीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराने के गंभीर प्रयास किए जाये ।साथ ही कहा कि सिन्धी भाषा की परीक्षाएं,कॉपियों की जांच,परीक्षा परिणाम और प्रमाण पत्रों का वितरण आदि एक निश्चित समय अनुसार करवाएं जाने चाहिए ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजगार आदि में कोई व्यवधान नहीं आए।