- भारत के शीर्ष क्रम को ज्यादा सूझबूझ से बल्लेबाजी करनी होगी
- नो बॉल करने से भी बचना होगा भारत के तेज गेंदबाजों को
- अक्षर की तरह बाकी ऑलराउंडरों को भी बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा
- भारत को मेंडिस और षणाका को दे दनादन करने से रोकना होगा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : हार्दिक पांडया की अगुआई में भारत के सामने श्रीलंका को राजकोट में शनिवार को तीसरे और निर्णायक टी-20 क्रिकेट मैच में हरा कर सीरीज अपने नाम करने की चुनौती है। भारत को श्रीलंका से जीतना है तो उसके शीर्षक्रम में इशान किशन और शुभमन गिल कमी सलामी जोड़ी के साथ राहुल त्रिपाठी अथवा ऋतुराज गायकवाड़ (जो भी खेले) को खासतौर पर बल्लेबाजी पॉवरप्ले में ज्यादा सूझबूझ से बल्लेबाजी कर पारी में मजबूत शुरुआत दिलानी होगी। साथ ही भारत के तेज गेंदबाजों को नो बॉल करने से भी बचना होगा। दूसरे टी-20 में तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के पहले ओवर में लगातार तीन सहित कुल पांच तथा उमरान मलिक और शिवम मावी के एक एक नो बॉल फेंकने सहित तेज गेंदबाजों का कुल सात नो बॉल फेंकना और इन पर फ्री हिट सहित कुल 27 रन लुटाना भारत को महंगा पड़ा। साथ ही भारत के ऑलराउंडर कप्तान हादिक पांडया व दीपक हुड्डïा को शुरू के दो मैचों में रंग जमा चुके अक्षर पटेल(96 रन, दो विकेट) की तरह गेंद के साथ बल्ले से भी बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। कप्तान हार्दिक पांडया को खुद खासतौर पर आखिर के मारधाड़ वाले ओवरों में भारत की गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली होगी। भले ही हार्दिक को मौजूदा सीरीज के शुरू के दो टी-20 में विकेट न मिला हो लेकिन अपनी धार और रफ्तार से उन्होंने श्रीलंकाई बल्लेबाजों के लिए बेशक चुनौतियां और दिक्कत पेश की हैं।
भारत के अक्षर पटेल (2/24 व 65 रन) के गेंद और बल्ले से दमदार प्रदर्शन तथा पर श्रीलंका के कप्तान दसुन षणाका (56 रन, 2/4) का ऑलराउंडर प्रदर्शन पुणे में दूसरे टी-20 में भारी पड़ा। अक्षर(31*रन) ने दीपक हुड्डïा (41*रन) सीरीज के पहले मैच में मुंबई में छठे विकेट के लिए 68 रन की भागीदारी कर भारत को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया जीतने में अहम भूमिका निभाई। अक्षर ने पुणे में दूसरे मैच में उपकप्तान सूर्य कुमार यादव (51) के साथ 91 रन की तूफानी भागीदारी कर जीत के लिए 207 रन के लक्ष्य का पीछा करने की उम्मीद जगाई थी यह बात और है कि इसके बेहद करीब पहुंच कर श्रीलंका से 16 रन से हार गया। कप्तान हार्दिक पांडया ने बेशक ठीक कहा कि पुणे में दूसरे टी -20 में पॉवरप्ले में भारत की अपनी ढीली गेंदबाजी और बल्लेबाजी की कीमत चुकानी पड़ी। कप्तान हार्दिक पांडया और चीफ कोच राहुल द्रविड़ भले ही टॉस जीत कर पहले क्षेत्ररक्षण चुनने का भले ही बचाव करे लेकिन हकीकत यह है कि यह भारत की एक रणनीतिक भूल थी। आंकड़े गवाह है कि पुणे की पिच पर बृहस्पतिवार के मैच से पूर्व पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 34 और बाद में बल्लेबाजी करने वाली मात्र 29 बार जीती ।
भारत के लिए मौजूदा सीरीज में ऑलराउंडर अक्षर पटेल (कुल 96 रन, दो विकेट) और श्रीलंका के लिए कप्तान दसुन षणाका (कुल 101 रन, दो विकेट) ने शुरू के दो मैचों में दमदार प्रदर्शन कर अपनी अलग छाप छोड़ी है। अब तक मौजूदा टी-20 सीरीज में भारत के लिए अक्षर पटेल और सूर्य कुमार यादव तथा श्रीलंका की ओर से -दसुन षणाका और कुशल मेंडिस ने एक-एक अद्र्धशतक जड़ा। दोनों ही टीमों के शीर्ष क्रम को खासा संघर्ष करना पड़ा। भारत को शनिवार को तीसरा और निर्णायक टी-20 जीतना है तो श्रीलंका के ओपनर कुशल मेंडिस तथा निचले मध्यक्रम में कप्तान दसुना षणाका को दे दनादन करने से रोकना होगा। ऐसे में जरूरी होगा खुद कप्तान हार्दिक , रफ्तार के सौदागर उमरान मलिक और अपने पहले ही टी-20 अंतर्राष्टï्रीय मैच में चार विकेट चटकाने वाले शिवम मावी पिछले एक बरस में खासतौर पर बतौर तेज गेंदबाज छाप छोडऩे वाले अर्शदीप सिंह को पॉवरप्ले के साथ आखिर के मारधाड़ वाले वाले ओवर में कुशल मेंडिस और पारी के आखिर में कप्तान दसुन षणाका को दे दनादन करने से रोक श्रीलंका को कम स्कोर पर रोकना होगा। साथ ही जरूरी होगा कि लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल के साथ लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल बीच के ओवर में बराबर विकेट चटका श्रीलंका को बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोकें।
भारत के लिए अच्छी बात यह है कि ऑलराउंडर दीपक हुड्डïा, कप्तान हार्दिक पांडया और अक्षर पटेल ने निचले क्रम में उपयोगी पारियां खेल कर उसके संभाला अन्यथा उसका शीर्ष क्रम जूझता रहा है। नियमित कप्तान रोहित शर्मा, सदाबहार विराट कोहली व केएल राहुल जैसे धुरंधर बल्लेबाजों, अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के साथ अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर , मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी मे युवा तुर्कों से भारत की इस नौजवान टीम ने आखिर तक लडऩे का जज्बा दिखा कर हर किसी का दिल जीता है।
कप्तान हार्दिक पांडया के लिए भारत के भविष्य के नियमित भावी कप्तान के रूप में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा तीन टी-20 मैचों की सीरीज जीतना जरूरी है। भारत के लिए श्रीलंका के हाथों दूसरा टी-20 हारने के बावजूद उत्साह की बात यह है कि नौजवान अपनी दूसरी पंक्ति के खिलाडिय़ों से सज्जित उसकी टीम ने मौजूदा सीरीज में आखिर तक जूझने का जज्बा दिखाकर यह दर्शाया है कि थोड़ी मेहनत से आने वाले कल के लिए चुनौती को संभालने के लिए जेहनी तौर पर तैयार हैं। भारत के लिए ऑफ स्पिन ऑलराउडंर वाशिंगटन सुंदर नई गेंद से गेंदबाजी और शीर्ष और मध्यक्रम में कही भी बल्लेबाजी करने की कूवत के कारण राहुल त्रिपाठी और ऋतुराज गायकवाड़ की बजाय बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
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मैच का समय : शाम सात बजे से
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‘ऐसी बेसिक गलतियां कतई नहीं की जा सकती ‘
‘आप नो बॉल की तरह रेवडिय़ां नहीं बांट सकते। गेंदबाजी और बल्लेबाजी पॉवरप्ले में हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा। हमने ऐसी बेसिक गलतियां की जो कि इस स्तर पर कतई नहीं की जा सकतीं हैं। हमारे लिए सबक यह है कि हम उन चीजों पर ध्यान लगाएं, जो हमारे बस में हैं। आपके लिए दिन अच्छा हो सकता है। दिन बुरा हो सकता है लेकिन आपको बेसिक्स पर काबिज रहना होगा। आप रन दे सकते हैं और किसी भी चीज से आप बच भी निकल सकते हैं। अर्शदीप सिंह ने अतीत में अच्छी गेंदबाजी करने के साथ कुछ नो-बॉल भी फेकी हैं। मकसद यहां अर्शदीप को दोषी ठहराने का नहीं है। हमारा मकसद छोटी सी पर अहम बात समझाने का है। क्रिकेट में टी-20 ही नहीं किसी भी स्तर पर नो बॉल करना अपराध है। बस अर्शदीप को यह समझना होगा कि क्रिकेट के इतने बड़े मंच पर बतौर गेंदबाज इस तरह की बेसिक्स गलतियां कतई नहीं कर सकते। राहुल त्रिपाठी को हमने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए इसलिए भेजा क्योंकि वह इस नंबर पर बल्लेबाजी के अभ्यस्त हैं।
– हार्दिक पांडया, भारत के कप्तान
‘सूर्य और अक्षर की बेहतरीन बल्लेबाजी , हमने धैर्य कायम रखा’
‘ सच कहूं तो सलामी जोड़ी द्वारा बेहतरीन शुरुआत दिए जाने के बाद हमें पारी के बीच में बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था। भारत के लिए सूर्य कुमार यादव और अक्षर पटेल ने बेहतरीन बल्लेबाजी की लेकिन हमनें धैर्य कायम रखा। भारत जैसी टीम के खिलाफ उसके घर में उसके परिचित माहौल में इस लक्ष्य का बचाव करना अच्छी बात है।
– दसुन षणाका, मैन ऑफ द मैच श्रीलंका के कप्तान
‘हमारे नौजवान खिलाड़ी अपना खेल बेहतर कर रहे हैं’
‘जहां तक नो- बॉल करने की बात है तो बस इस बाबत यही कहूंगा कि किसी भी फॉर्मेट में कोई भी नो-बॉल नहीं करना चाहता। फिर खासतौर पर टी-20 क्रिकेट में नो बॉल करना बेशक अखरता है। फिर मैं यह कहूंगा कि आप खासतौर पर हमारी टीम की गेंदबाजी पर नजर डालेंगे तो पाएंगे इसमें बहुत से नौजवान गेंदबाज हैं। ऐसे में हमारी टीम के इन नौजवान गेंदबाजों के लिए ऐसे मैच तो कई बार आएंंगे। हमें धैर्य दिखाने और यह समझने की जरूरत है कि इस तरह की स्थिति से रूबरू होना पड़ सकता है। हमारे नौजवान खिलाड़ी अपना खेल बेहतर कर रहे है। हम अपने इन नौजवान खिलाडिय़ों की तकनीकी रूप से मदद कर सही माहौल मुहैया करा कौशल के लिहाज से उनसे उनका सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन कराने की कोशिश कर रहे है। अच्छी बात यह है कि हमारा ध्यान इस साल होने वाले वन डे विश्व कप और वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर है। टी-20मैच हमें बहुत से नौजवानों को आजमाने और इस तरह मुश्किल मैचों में उनका साथ देने का मौका देते हैं।
-राहुल द्रविड़ भारत के चीफ कोच