
सामान्य प्रयोजन समिति ने विधान सभा परिसर में महान राष्ट्रीय नेताओं की तस्वीरें लगाने का प्रस्ताव पारित किया
हरीश शर्मा
नई दिल्ली : माननीय अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता की अध्यक्षता में आज दिल्ली विधान सभा की सामान्य प्रयोजन समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें सर्वसम्मति से एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के माध्यम से भारत के तीन महान राष्ट्रीय नायकों—वीर विनायक दामोदर सावरकर, महर्षि दयानंद सरस्वती और पंडित मदन मोहन मालवीय—की स्मृति में उनकी तस्वीरें दिल्ली विधान सभा परिसर में लगाई जाएंगी।
यह निर्णय इन महान विभूतियों के भारत के स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार और शैक्षणिक जागरण में दिए गए अद्वितीय योगदान को सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल उनके प्रेरणादायी विचारों और कार्यों को चिरस्थायी बनाने की दिशा में है, बल्कि यह विधान सभा की उस परंपरा का भी अनुसरण है जिसके अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीरें विधानसभा परिसर में स्थापित की गई हैं।
इस प्रस्ताव को सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य श्री अभय वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि ये तीनों महापुरुष राष्ट्र निर्माण, सामाजिक चेतना और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले अग्रदूत रहे हैं। उनकी तस्वीरों को विधान सभा परिसर में स्थापित करना भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा तथा देशभक्ति, सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करेगा।
सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव में वीर सावरकर की तस्वीर विधान सभा परिसर में स्थापित किए जाने की विशेष अनुशंसा की गई है। समिति ने इस तथ्य को दोहराया कि स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर के योगदान को देशभर में सम्मानपूर्वक स्मरण किया जाता है और उनका समावेश विधान सभा की भित्ति-चित्र परंपरा में अत्यंत उपयुक्त एवं गौरवपूर्ण होगा।
सामान्य प्रयोजन समिति की बैठक में माननीय उपाध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट, श्री अभय वर्मा, श्चौधरी जुबैर अहमद, श्री मनोज कुमार शौकीन, श्री राजकुमार भाटिया, श्री तिलक राम गुप्ता एवं श्री वीर सिंह धिंगान भी मौजूद
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इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा देश की महान विभूतियों की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल इन तीन राष्ट्रीय नायकों के प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि यह दिल्लीवासियों में राष्ट्र गौरव, सांस्कृतिक चेतना और लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व की भावना को और सुदृढ़ करेगा।