
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने गोविंद पुरी थाने के एएसआई सुशील शर्मा और उसकी महिला सहयोगी को शिकायतकर्ता से 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला की थाने के बाहर चाय की दुकान है। एएसआई सुशील शर्मा उसके जरिये रिश्वत लेता था।
गोविंद पुरी थाने के एसएचओ को हटाने और एएसआई को निलंबित करने जैसी विभागीय कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।
एफआईआर से नाम हटाने के दस हज़ार-
दो परिवारों के बीच मारपीट और झगड़े के मामले में शिकायतकर्ता के परिवार के सभी लोगों के नाम एफआईआर में दूसरे पक्ष ने लिखवा दिए। एफआईआर से शिकायतकर्ता के परिवार के सदस्यों के नाम हटाने के लिए एएसआई सुशील शर्मा ने दस हजार रुपए रिश्वत मांगी। दिहाड़ी मजदूर शिकायतकर्ता ने पांच हज़ार रुपये दे दिए। शेष पांच हज़ार रुपये एएसआई सुशील शर्मा द्वारा मांगे जाने से परेशान होकर शिकायतकर्ता ने विजिलेंस यूनिट में शिकायत कर दी। विजिलेंस यूनिट ने जाल बिछाया।
चायवाली के जरिये रिश्वत-
10 जून को एएसआई सुशील के निर्देशानुसार शिकायतकर्ता ने रिश्वत की रकम चाय की दुकान चलाने वाली महिला को सौंप दी। जैसे ही चायवाली ने थाने के अंदर एएसआई सुशील को रिश्वत की रकम थमाई, वैसे ही कार्यवाही पर नजर रख रही विजिलेंस टीम ने चायवाली और एएसआई सुशील को गिरफ्तार कर लिया। एएसआई सुशील की जेब से रिश्वत की रकम बरामद की गई।
एएसआई सुशील वर्ष 1990 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। पिछले 2 वर्षों से वे गोविंदपुरी थाने में तैनात थे। एएसआई सुशील और अपराध में उनकी सहयोगी चायवाली को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।