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इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बर्तन व्यापारी के हत्यारों को पैसे और पनाह देने के आरोप में अपने ही सब-इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह को गिरफ्तार किया है।
व्यापारी सुनील जैन (52) की 8 दिसंबर 2024 को शाहदरा के फर्श बाजार थाना इलाके में ‘गलत पहचान’ के कारण गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने उत्तर-पूर्वी जिले में तैनात सब- इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह (45) को व्यापारी के हत्यारों नवीन कसाना और सचिन उर्फ मुकेश उर्फ गोलू को शरण/पनाह देने तथा पैसे से सहायता करने के आरोप में 16 फरवरी को गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार सुखबीर सिंह लगातार गोलू के संपर्क में था और हत्या के बाद उसकी मदद कर रहा था।
पुलिस के अनुसार इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को शक हुआ कि कोई (पुलिस वाला) अंदर से हत्यारों की मदद कर रहा है। फोन ट्रैकिंग/ टेक्निकल सर्विलांस से पता चला कि सब-इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह लगातार गोलू के संपर्क में था। हत्या के बाद सुखबीर ने उसे पैसे भी दिए, ताकि वह फरार हो सके।
पर्याप्त तकनीकी साक्ष्य मिले हैं जो हत्यारों के साथ सुखबीर सिंह की सीधी संलिप्तता को दर्शाते हैं।
पिछले साल जून में कुख्यात हाशिम बाबा को जेल से रिमांड पर लाकर ईद की पार्टी करवाने के आरोप में उत्तर पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ में तैनात सब- इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह समेत तीन-चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर किया गया था।
रमजान के दिनों में स्पेशल स्टाफ ने एक बदमाश को पिस्तौल के साथ पकड़कर उसका लिंक गैंगस्टर हाशिम बाबा से निकाला था। जिसके बाद हाशिम बाबा को पूछताछ के लिए रिमांड पर लाया गया था। मगर वहां उसकी वीआईपी की तरह खातिरदारी की गई। पुलिस वालों ने उसकी ईद मनवाई थी। जिसमें हाशिम के घरवाले, रिश्तेदार और जानकार भी पहुंचे थे।
चर्चा तो यह भी है कि जेल के बाहर आकर ईद मनाने के लिए ही हाशिम ने पुलिसकर्मियों से सांठगांठ की। योजना अनुसार हाशिम ने अपने एक गुर्गे की पिस्तौल के साथ “गिरफ्तारी” और अपने “रिमांड ” का नाटक रचा।
पुलिस जांच से पता चला कि असल में हत्यारे किसी और को मारने आए थे। उनका असली निशाना एक नाबालिग का पिता था, जिस पर आरोप था कि उसने सट्टेबाज/प्रॉपर्टी डीलर आकाश शर्मा और उनके भतीजे ऋषभ की हत्या की साजिश रची थी। दीवाली पर गैंगस्टर हाशिम बाबा गिरोह के अनिल उर्फ सोनू मटका ने आकाश और ऋषभ की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
मृतक आकाश शर्मा पर हत्या के प्रयास सहित आधा दर्जन आपराधिक मामले दर्ज थे। वह सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन साल तक जेल में भी रह चुका था। एक मामला सट्टा चलाने को लेकर भी है।
आकाश शर्मा की हत्या से सचिन उर्फ गोलू बौखला गया था। वह आकाश को अपना भाई मानता था और उसके लिए बदला लेना चाहता था। लेकिन पहचान में गलती के कारण सुनील की हत्या कर दी।